‘ड्रैगन-हाथी टैंगो के रूप में मजबूत हों भारत-चीन के रिश्ते’, शी जिनपिंग ने PM मोदी की ओर बढ़ाया दोस्ती हाथ

0

नई दिल्‍ली, पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के कारण चार साल से अधिक समय तक रिश्तों में आई कड़वाहट को कम करने के प्रयासों के बीच भारत-चीन के नेताओं ने बधाई संदेश भेजे.

‘ड्रैगन-हाथी टैंगो के रूप में मजबूत हों भारत-चीन के रिश्ते’, शी जिनपिंग ने PM मोदी की ओर बढ़ाया दोस्ती हाथ
पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग

चीन ने एक बार फिर भारत की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार (01 अप्रैल, 2025) को कहा कि चीन और भारत को और अधिक निकटता से मिलकर काम करना चाहिए. दोनों देशों के रिश्ते को ड्रैगन-हाथी टैंगो का रूप लेना चाहिए. यह हमारे प्रतीकात्मक जानवरों के बीच नृत्य है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चीन-भारत के राजनयिक संबंधों की शुरुआत की 75वीं वर्षगांठ पर बधाई संदेश में चीनी राष्ट्रपति ने यह बात कही. इस मौके पर राष्ट्रपति मुर्मू ने भी चीनी राष्ट्रपति को बधाई दी. पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के कारण चार साल से अधिक समय तक रिश्तों में आई कड़वाहट को कम करने के प्रयासों के बीच भारत-चीन के नेताओं ने मंगलवार को द्विपक्षीय संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर बधाई संदेशों का आदान-प्रदान किया.

क्या बोले शी जिनपिंग?

शी जिनपिंग ने कहा कि पड़ोसियों को शांतिपूर्ण ढंग से सह-अस्तित्व के तरीके ढूंढने चाहिए और वह प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मामलों में संचार और समन्वय को बढ़ाने के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में संयुक्त रूप से शांति की रक्षा करने के लिए तैयार हैं.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने बीजिंग में संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘आज भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है.’’ उन्होंने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अलावा चीनी प्रधानमंत्री ली क्विंग और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बधाई संदेशों का आदान-प्रदान किया. गुओ ने कहा कि दोनों देश की प्राचीन सभ्यताएं काफी मिलती-जुलती हैं, दोनों प्रमुख विकासशील देश और ग्लोबल साउथ के महत्वपूर्ण सदस्य हैं और दोनों आधुनिकीकरण के महत्वपूर्ण चरण में हैं.

भारत के साथ काम करने को तैयार चीन

उन्होंने कहा कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों का इतिहास दिखाता है कि एक-दूसरे की सफलता में साझेदार बनना दोनों पक्षों के लिए सही है. गुओ ने कहा कि हमारे दोनों देशों के नेताओं के रणनीतिक मार्गदर्शन में चीन द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में देखने और इसे बनाए रखने के लिए भारत के साथ काम करने को तैयार है और इस मौके को रणनीतिक आपसी विश्वास को बढ़ाने के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग को मजबूत करने के अवसर के रूप में लेता है.

वह इस बात का जिक्र कर रहे थे कि कैसे मोदी और शी ने पिछले साल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान रूस के कजान में अपनी बैठक में द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान किया था. दोनों देशों की ओर से राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाने की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए इस अवसर का फायदा उठाने के इच्छुक हैं.

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *