अमेरिका में ट्रंप प्रशासन को बड़ा झटका, जन्म से नागरिकता पर मचा है बवाल

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वाशिंगटन। ट्रंप प्रशासन की अपील उस मामले से जुड़ी है, जिसमें अप्रवासी अधिकार समूहों और गर्भवती माताओं ने पिछले सप्ताह मैरीलैंड में मामला दायर किया था। इस मामले में यूएस जिला जज डेबोरा बोर्डमैन ने कहा था कि उनकी अदालत राष्ट्रपति के आदेश का समर्थन नहीं करेगी, क्योंकि जन्म से नागरिकता को संविधान के 14वें संशोधन द्वारा ‘अनमोल अधिकार’ कहा गया है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने मंगलवार को कहा कि वह मैरीलैंड संघीय न्यायाधीश के उस फैसले के खिलाफ अपील कर रहा है, जिसने राष्ट्रपति के कार्यकारी आदेश को रोका है। यह आदेश उन लोगों के लिए जन्म से नागरिकता खत्म करने की मांग करता है, जिनके माता-पिता कानूनी रूप से अमेरिका में नहीं हैं। दूसरी तरफ, शिक्षा विभाग ने ट्रंप प्रशासन की नई ट्रांसजेंडर खेल नीति के तहत एनसीएए और एक प्रमुख हाई-स्कूल खेल संगठन से उन खिताबों और रिकॉर्ड को बहाल करने का अनुरोध किया है, जिनका दावा है कि ‘महिला श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा करने वाले जैविक पुरुषों द्वारा उनका दुरुपयोग किया गया है।’

एक संक्षिप्त फाइलिंग में, ट्रंप प्रशासन के वकीलों ने कहा कि वे चौथे सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स में अपील कर रहे हैं। ट्रंप के कार्यकारी आदेश को अदालत में रोके जाने के बाद से यह प्रशासन द्वारा की गई दूसरी ऐसी अपील है।
मैरीलैंड में दायर मामले से जुड़ी है सरकार की अपील
यह अपील उस मामले से जुड़ी है, जिसमें अप्रवासी अधिकार समूहों और गर्भवती माताओं ने पिछले सप्ताह मैरीलैंड में मामला दायर किया था। इस मामले में यूएस जिला जज डेबोरा बोर्डमैन ने कहा था कि उनकी अदालत राष्ट्रपति के आदेश का समर्थन नहीं करेगी, क्योंकि जन्म से नागरिकता को संविधान के 14वें संशोधन द्वारा ‘अनमोल अधिकार’ कहा गया है।

22 राज्यों द्वारा दायर किए गए हैं मुकदमे
मंगलवार की अपील राष्ट्रपति के जन्म से नागरिकता आदेश पर नवीनतम प्रहार है, जिसके कारण देश भर में कम से कम नौ मुकदमे दायर हुए हैं, जिनमें 22 राज्यों द्वारा दायर मुकदमे भी शामिल हैं। न्यू हैम्पशायर में एक संघीय न्यायाधीश ने भी सोमवार को इसी तरह के एक मुकदमे में प्रशासन के तर्कों को अस्वीकार करते हुए निषेधाज्ञा जारी की थी, और पिछले हफ्ते, सिएटल स्थित एक संघीय न्यायाधीश ने राष्ट्रपति के आदेश को अवरुद्ध करने का आदेश दिया, जिस पर प्रशासन ने अपील भी की।

14वें संविधान संशोधन से जुड़े हैं तीनों मामले
तीनों मामलों का आधार संविधान का 14वां संशोधन है, जिसे 1868 में अनुमोदित किया गया था। यह संशोधन कहता है कि अमेरिका में जन्मे सभी व्यक्ति नागरिक हैं। वहीं, ट्रंप प्रशासन का उद्देश्य अवैध आव्रजन को कम करना है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि गैर-नागरिक अमेरिका के ‘अधिकार क्षेत्र के अधीन’ नहीं हैं, इसलिए उनके बच्चों को नागरिकता का अधिकार नहीं है।

शिक्षा विभाग ने हाईस्कूल एसोशिएशन-एनसीएए को भेजा पत्र
इसके अलावा, शिक्षा विभाग के सामान्य परामर्शदाता कार्यालय ने नेशनल फेडरेशन ऑफ स्टेट हाई-स्कूल एसोसिएशन और एनसीएए को एक पत्र भेजा है। जिसमें विभाग ने उन खिताबों और रिकॉर्ड को बहाल करने का अनुरोध किया है, जिनका दावा है कि महिला श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा करने वाले जैविक पुरुषों द्वारा उनका दुरुपयोग किया गया है। विभाग ने कहा है कि यह अनुरोध ‘एनसीएए की नई नीति के अनुरूप है।’

ट्रंप ने ट्रांसजेंडर एथलीटों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कार्यकारी आदेश पर किए थे हस्ताक्षर
पिछले सप्ताह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जिसका उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों के खेलों से ट्रांसजेंडर एथलीटों पर प्रतिबंध लगाना था। इसके बाद एनसीएए ने महिलाओं के खेलों में प्रतिस्पर्धा को प्रतिबंधित करने के लिए अपनी भागीदारी नीति को बदल दिया।

एथलीटों की उपलब्धियों को बढ़ावा देने की पूरी कोशिश करेगा शिक्षा विभाग: जैक्सन
शिक्षा विभाग में डिप्टी जनरल काउंसल कैंडिस जैक्सन ने कहा, ‘ट्रंप शिक्षा विभाग इस गलती को सुधारने और महिला कॉलेजिएट एथलीटों की कड़ी मेहनत से अर्जित उपलब्धियों को बढ़ावा देने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेगा।

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