Attack on Temple- कनाडाई प्रशासन ने सुरक्षा अनुरोध को जानबूझकर नजरअंदाज किया : विहिप

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  • कहा-त्रूदो के हिंदू कनाडाई नागरिकों की सुरक्षा के दावे खोखले निकले

विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने कनाडा के ब्रैम्पटन के हिंदू मंदिर पर हुए हमले को चिंता का विषय बताया और आरोप लगाया कि कनाडाई प्रशासन से सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारतीय वाणिज्य दूतावास के अनुरोध को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया।

विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, कनाडाई मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों का हमला बेहद निंदनीय है। वहां भारतीय दूतावास की ओर से एक शिविर का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा, पीएम जस्टिन त्रूदो की सरकार वहां रह रहे हिंदू-कनाडाई नागरिकों की सुरक्षा के दावे में नाकाम रही है।

हिंदुओं को भी आत्मरक्षा का अधिकार, जरूरत पड़ने पर करेंगे इसका प्रयोग : कुमार ने कहा कि कनाडा की वर्तमान सरकार और खालिस्तानी समर्थकों को यह नहीं भूलना चाहिए कि बहां के हिंदुओं को भी अपनी आत्मरक्षा का अधिकार प्राप्त है और आवश्यकता पड़ने पर वह इसका प्रयोग करेंगे।

क्या है मामला ऐसे समझें…
दरअसल कनाडा के ब्रैम्पटन में खालिस्तान समर्थकों ने रविवार को हिंदू सभा मंदिर पर हमला कर दिया। खालिस्तान का झंडा लिए प्रदर्शकारियों ने मंदिर में आए। और श्रद्धालुओं को लाठी-डंडे से पीटा। इस दौरान कनाडा पुलिस ने भी उनका साथ दिया। पहले वह चुप्पी साथे रही, बाद में हमले का विरोध करने पर पुलिस ने भी हिंदुओं को ही निशाना बनाया।

इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सख्त प्रतिक्रिया देते हुए मंदिर पर जानबूझकर किए हमले की निंदा की और भारतीय राजनयिकों से बदसलूकी को कायराना बताया। कनाडा से बढ़ते कूटनीतिक तनाव के बीच पीएम मोदी ने पहली बार कोई बयान देकर विश्वभर में भारतीयों के साथ खड़े रहने की प्रतिबद्धता दोहराई है।

‘त्रूदो को बचकाना हरकतों ने बिगाड़े भारत व कनाडा के रिश्ते’

वहीं विदेश मंत्रालय ने भी कनाडा सरकार से भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग को है। जबकि, कनाडा के पीएम जस्टिन त्रूदो ने घड़िवाली आंसू बहाते हुए हिंसा को अस्वीकार्य बताया। उसने कहा, हर कनाडाई को अपने धर्म का सुरक्षित ढंग से पालन करने का अधिकार है।

ज्ञात हो कि ब्रैम्पटन शहर में भारतीय उच्चायोग ने मंदिर के बाहर भारतीय नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए शिविर लगाया था। इसमें जीवन प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे थे। इसी दौरान, 1984 सिख विरोधी दंगों के 40 साल पूरे होने को लेकर प्रदर्शन कर रहे खालिस्तान समर्थकों ने श्रद्धालुओं पर हमला कर दिया।

राजनीतिक लाभ के लिए त्रूदो खराब कर रहे भारत-कनाडा के रिश्ते : अमरिंदर

भारत और कनाडा के बीच बिगड़ते रिश्तों पर पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक्स पर लिखा है कि कनाडाई पीएम जस्टिन त्रृदो यह सब राजनैतिक लाभ के लिए कर रहे हैं। अमरिंदर ने लिखा, जिस प्रकार खालिस्तानी सोच को बढ़ावा देने वाले हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में भारत और उसकी सुरक्षा एजेंसियों पर सवाल उठाए गए, उससे यह साफ जाहिर है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रूदो इस मामले में कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाए हैं। कैप्टन ने कहा जल्द हो कनाडा में चुनाव होने वाले हैं।

सिर्फ निंदा नहीं, कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए : सत्येंद्र दास…
अयोध्या से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सादर दाव ने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री ने घटना की निंदा की है। सिर्फ निंदा करना पर्याप्त नहीं है बल्कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार को कनाडा पर दबाव बनाना चाहिए ताकि वहां का प्रशासन दोषियों को पकड़े व कार्रवाई करे।

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अपनी मातृभूमि को न भूलें विदेशों में रह रहे भारतीय : स्वामी चिदानंद सरस्वती
वहीं परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने देश के बाहर रहने वाले भारतीयों से अपनी मातृभूमि को न भूलने का आग्रह किया। सरस्वती ने ऐसे हमलों के लिए प्रदूषित मानसिकता को भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, यह सब मानसिकता का मुद्दा है। यदि मानसिकता प्रदूषित हो रही है तो व्यक्ति हमला करता है -चाहे वह आतंकी हमला हो या वैचारिक आतंकी हमला हो। पीएम ने एक नारा दिया – एक पृथ्वी, एक परिवार,एक भविष्य। इसे याद रखना चाहिए।

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हिंसा का समाज में कोई स्थान नहीं : सिख गुरुद्वारा परिषदओंटारियो सिख और गुरुद्वाश परिषद (ओएसजीसी) ने रविवार को कहा कि हिंसा और धमकी का समाज में कोई स्थान नहीं है। ओएसजीसी ने कहा, हिंदू सभा मंदिर के बाहर हुई हिंसा की घटना की हम कड़ी निंदा करते हैं। हिंसा और धमकी का हमारे समुदाय में कोई स्थान नहीं है। शांति, एकता और आपसी सम्मान हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण मूल्य हैं। ओएसजीसी ने कहा कि पूजा स्थल चिंतन, आध्यात्मिकता और सामुदायिक सामंजस्य के लिए पवित्र स्थान बने रहने चाहिए, हिंसा या गड़बड़ी से मुक्त होने चाहिए। कनाडा के एक गैर-लाभकारी संगठन हिंदू कैनेडियन फाउंडेशन ने भी हमले को कड़ी निंदा की है।

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