आयुष्मान भारत: आयुर्वेद को शामिल करने की तैयारी, 170 पैकेज होंगे शामिल

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आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना में अब आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी और प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग के उपचार पैकेजों को भी शामिल किया जाएगा। इन पैकेजों में सामान्य सर्दी-बुखार से लेकर कैंसर तक का इलाज किया जा सकेगा। दवाएं, उपचार केंद्र, स्वास्थ्य कार्यक्रम और ऑपरेशन प्रक्रियाएं पैकेजों में शामिल होंगी। इस योजना में 170 आयुर्वेदिक पैकेज शामिल होंगे। इन्हें बाद में बढ़ाया जा सकेगा।

आयुष मंत्रालय के मुताबिक नई पहल के तहत देशभर में एलोपैथी दवाओं के लिए शुरू किए ‘जन औषधि केंद्रों’ की तरह ‘आयुष औषधि केंद्र’ भी शुरू किए जाएंगे। अक्टूबर में दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में आयुष औषधि केंद्र शुरू हो जाएगा। छोटे-छोटे गांवों में भी आयुष औषधि केंद्र शुरू किए जाएंगे। मंत्रालय का मानना है कि आयुर्वेद, होम्योपैथिक, यूनानी चिकित्सा में प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों की लिखी दवाई कई स्थानों पर मिल नहीं पाती है। आयुष औषधि केंद्र खुलने से यह समस्या दूर हो जाएगा। इसके साथ ही जिला स्तर पर 50, 30 और 10 बेड का अस्पताल भी तैयार करने की योजना है।

यह भी होगा
: आयुर्वेदिक पैकेज में लकवा, तीव्र पीठ दर्द, मधुमेह, उच्च रक्तचाप सहित कई बीमारियों को कवर किया जाएगा।
: ये उपचार इनडोर पंचकर्म सेवाओं के भाग के रूप में प्रदान किए जाएंगे। इनमें रहने की व्यवस्था, आहार, जीवनशैली संबंधी मार्गदर्शन और योग भी शामिल होगा।

मेनस्ट्रीम से जोडऩे की पहल
इस संबंध में केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव का कहना है कि आयुष उपचार को मेनस्ट्रीम हेल्थकेयर सिस्टम से जोडऩे के लिए यह पहल की जा रही है। इस योजना की तैयारी अंतिम चरण में है। इसके लिए एक विशेष कमेटी काम कर रही है। बीमा कंपनियों से भी बातचीत चल रही है। शुरुआत में 170 आयुर्वेदिक पैकेजों को आयुष्मान योजना में शामिल किया जाएगा। जैसे-जैसे मांग बढ़ेगी, पैकेज की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी।

5 करोड़ लोगों की जांच की तैयारी
आयुष मंत्रालय के मुताबिक देश में 5 करोड़ लोगों की स्वास्थ्य जांच की योजना पर काम चल रहा है। जिन लोगों की स्वास्थ्य जांच होगी, उनके लिए ऐप तैयार किया जा रहा है, जहां पर उनको खानपान, बीमारी से बचाव व अन्य अहम जानकारियों के नोटिफिकेशन मिल सकेंगे। इस अभियान में देश के सभी आयुर्वेद कॉलेजों में पढऩे वाले छात्र, डॉक्टर व फैकल्टी की मदद ली जाएगी। इसके माध्यम से शोध क्षेत्र का सबसे बड़ा रिसर्च सैंपल साइज मिलेगा और आयुर्वेद के क्षेत्र में यह बड़ी रिसर्च होगी।

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