संभल: उपद्रवियों की तस्वीरें सार्वजनिक करेगा प्रशासन
- संभल में हिंसा: पुलिस कमिश्नर बोले-सर्वे की टीम में शामिल होना चाहता था विधायक का बेटा स॒हेल, मना करने के बाद शुरु हुआ बवाल
संभल। हिंसा के आरोपियों को वीडियो और फुटेज के जरिये चिह्नित कर प्रशासन उनकी तस्वीरें जारी करने की तैयारी कर रहा है। कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि अफवाह फैलाने वालों को भी जेल भेजा जाएगा। वहीं बवाल के तीसरे दिन मंगलवार को शहर में तनावपूर्ण शांति रही। जामा मस्जिद के आसपास के इलाके को छोड़कर शहर के अधिकांश बाजार खुल गए। ऐसे में मंगलवार को स्कूल भी खुले, लेकिन संभल तहसील क्षेत्र में इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध बुधवार शाम तक के लिए बढ़ा दिया गया।
उपद्रवियों की तलाश में पुलिस की ताबड़तोड़ दबिश जारी है। देर शाम हिंसा में जान गंवाने वाले चार लोगों के परिजनों ने अज्ञात के खिलाफ हत्या की अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई।
कमिश्नर ने बताया कि सर्वे से एक दिन पहले जिला प्रशासन ने जामा मस्जिद कमेटी को नोटिस दिया था। जब सर्वे टीम पहुंची तो संभल विधायक इकबाल महमूद का बेटा सुहेल इकबाल भी जामा मस्जिद पहुंच गया। उसने सर्वे टीम के साथ शामिल होने की बात कही। टीम ने उसे साथ शामिल करने से मना कर दिया। इसके बाद ही भीड़ जुटी और बवाल हुआ।
उपद्रव में शामिल लोगों के फोटो शीघ्र ही मीडिया में भी जारी किए जाएंगे, जिससे उन्हें पकड़ने में आसानी होगी। पुलिस ने पथराव करने वाले सैकड़ों आरोपियों को चिह्नित कर लिया है और गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ दबिश दी जा रही हैं।
राहुल के आने का सूचना पर सील की गईं सीमाएं
मंगलवार दोपहर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के संभल पहुंचने की सूचना घर मंडल भर के अधिकारी अलर्ट हो गए। जनपद को सीमाएं सील कर दी गईं। अमरोहा व मुरादाबाद में दिल्ली हाईंवे पर जगह-जगह बैरियर लगाकर वाहनों की चैकिंग की गईं। हालांकि, राहुल गांधी नहीं आए। संभल जिला प्रशासन ने बाहरी नेताओं के शहर में आने पर 30 नवंबर तक पाबंदी लगा रखी है। कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने बताया कि राहुल एक प्रतिनिधिमंडल के साथ संभल गए हैं।
दुख का घड़ी में उत्सव कैसे मना सकते हैं : अखिलेश
सपा के सांसद अखिलेश यादव ने 75वें संविधान दिवस के उत्सव का विरोध करते हुए कहा कि दुख की छाया में कोई भी तब उत्सव कैसे मना सकता है जब सरकार ने ऐसा काम किया हो जिससे संभल में कई जानें चली गईं। वहीं, सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा, इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार है। संभल में लोगों को नीचा दिखाया जा रहा है। घटना के समय हमारे सांसद वहां मौजूद तक नहीं थे, वह बेंगलूरू में थे लेकिन, उनका नाम भी इस घटना में घसीट लिया गया है।
उपासना स्थल अधिनियम के प्रभावशाली क्रियान्वयन के लिए फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची जमीयत
देवबंद। उपासना स्थल अधिनियम 1991 के प्रभावशाली और वास्तविक क्रियान्वयन की मांग को लेकर जमीय॒त उलमा-ए-हिंद ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरबाजा खटखटाया है। जमीयत की ओर से बीते वर्ष इस मामले में याचिका दायर कौ गई थी। हालांकि, इस पर अब तक सुनवाई नहीं हुई है। अब एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एजाज मकबूल ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को इस संबंध में पत्र लिखकर याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की है।