यूपी में ट्रेन उड़ाने की साजिश: ट्रेन पलटने का ज्वलनशील चीजें लेकर कोई झाडि़यों में कर रहा था इंतजार

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कानपुर। बर्राजपुर और बिल्हौर के बीच कालिंदी एक्‍सप्रेस को पलटने की बड़ी साजिश रची गई थी। यह कह रहे हैं जांच में मिले सबूत। दरअसल जिस जगह भरे हुए एलपीजी सिलेंडर की मदद से कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की नाकाम कोशिश हुई, उसके नजदीक ही साजिशकर्ता बैठकर हादसा होने का इंतजार कर रहे थे। शुरूआती जांच में पता चला है कि घटनास्थल से कुछ दूरी पर एक बैग और तरल पदार्थ भरी बोतल मौजूद थी जिसमें बाती लगी हुई थी। ऐसे में आशंका है कि बोतल में भरे ज्वलनशील पदार्थ को घटना को और बड़ा बनाने के लिए उपयोग करने की तैयारी थी।

मौके से ही बारूद जैसे दिखने वाले पदार्थ के तीन पैकेट भी मिले हैं। साथ ही मौके की घास दबी हुई थी और मोमबत्ती व माचिस भी मिली है इसलिए आशंका है कि साजिशकर्ता ट्रेन पलटने का इंतजार कर रहा था। हालांकि साजिशकर्ता एक थे या कई, इसपर स्थिति साफ नहीं है। अधिकारी इस बात से इनकार नहीं कर रहे हैं कि अगर ट्रेन पलट जाती तो साजिशकर्ता घटना को बड़ा बनाने के लिए इन पदार्थों का दुरुपयोग कर सकता था। इसके अलावा मोमबत्ती और माचिस भी मिली है। यही वजह है कि फॉरेंसिक की टीम को मौके पर बुलाया गया है ताकि पदार्थों के बारे में जानकारी मिल सके। आरपीएफ व स्थानीय पुलिस के अलावा एलआईयू, आईबी और एटीएस की भी टीमें मौके पर जांच कर रहीं हैं।

साथ ही एनआईए के अधिकारियों को भी घटना से जुड़ी जानकारी साझा की जा रही है। डीसीपी पश्चिम का कहना है कि हर पहलू पर जांच की जा रही है। जब तक जांच पूरी न हो जाए, किसी भी बात को खारिज या स्वीकार नहीं किया जा सकता। चूंकि घटनास्थल से जीटी रोड स्थित दरिया निवादा टोल प्लाजा सौ मीटर की दूरी पर स्थित है। ऐसे में एक जांच टीम को जीटी रोड के टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालकर मौके पर मिले बैग से मिलते जुलते हुलिये व सिलेंडर जैसी चीज लेकर आने-जाने वाले शख्स की तलाश के लिए लगाया गया है।

बता दें, पनकी में रेलवे ट्रैक पर पटरी का टुकड़ा रखकर साबरमती ट्रेन को डिरेल करने की साजिश रची गई थी। इस मामले की अभी भी कई एजेंसियां जांच कर रही हैं। इस जांच के बीच अब बिल्हौर के नजदीक दूसरी घटना होने के बाद सुरक्षा एजेंसियां हलकान हो गई हैं। बिल्हौर में हुई घटना से पहले पनकी में रेलवे ट्रैक पर लोहे की पटरी मिली थी। इससे पहले चकेरी क्षेत्र में दो बार ट्रैक पर ईंट रखकर ट्रेन डिरेल करने की बात सामने आई। एजेंसियों ने जांच भी की लेकिन कोई ठोस जानकारी नहीं मिल सकी। कानपुर से होकर इटावा जा रही एक ट्रेन में आग लगने की घटना सामने आई थी।

कानपुर से होकर गुजर रही कोयला लदी मालगाड़ी के एक रैक में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई थी। मंधना में तीन साल पहले पटरी से छेड़छाड़ कर ट्रेन डिरेल की बात भी सामने आई थी। वहीं, पिछले महीने फर्रुखाबाद में भी अराजकतत्वों ने रेलवे लाइन में लकड़ी का टुकड़ा फंसाकर साजिश रची थी। उस मामले में कुछ लोगों की गिरफ्तारी हुई। रविवार को हुई घटना जिस जगह पर हुई, वहां से हाईवे सौ मीटर की ही दूरी पर है। पनकी में 16 अगस्त की रात हुई घटना के दौरान भी साबरमती ट्रेन जिस जगह पर डिरेल हुई थी, वहां से भी हाईवे करीब सौ मीटर की ही दूरी पर स्थित है। ऐसे में जांच अधिकारी अब दोनों ही मामलों की एकरूपता को देखते हुए अब हाईवे के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने की भी तैयारी कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के अनवरगंज-कासगंज रूट पर कानपुर से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस (14117) रविवार रात पलटने से बच गई। ट्रैक पर भरा सिलिंडर रख ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश रची गई थी। बर्राजपुर और बिल्हौर के बीच 100 किमी की रफ्तार से दौड़ रही ट्रेन जब सिलेंडर से टकराई तो तेज आवाज हुई। इसके बाद लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी। रेलवे और आरपीएफ अधिकारियों को घटनास्थल से सिलेंडर के अलावा कांच की बत्ती लगी बोतल, माचिस और एक संदिग्ध झोला मिला है। झोले में बारूद जैसी कोई सामग्री थी, वहीं बोतल में संदिग्ध तरल पदार्थ बरामद हुआ। देर रात मौके पर एटीएस और एसटीएफ पहुंच गई और घटना की जांच शुरू कर दी। अनवरगंज, रावतपुर स्टेशन से होकर गुजरी कालिंदी एक्सप्रेस ने रविवार रात 8:25 बजे बर्राजपुर स्टेशन के आगे जैसे ही मुंढेरी क्रॉसिंग को पार किया तो लोको पायलट को इंजन से किसी चीज के टकराने की तेज आवाज सुनाई दी।

उन्होंने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर गार्ड राजीव कुमार को सूचना दी। गार्ड ने रेलवे को मेमो भेजकर घटना की जानकारी दी। अनवरगंज रेलवे स्टेशन के अधीक्षक, आरपीएफ और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल की जांच की। हादसा बर्राजपुर से करीब ढाई किलोमीटर आगे और बिल्हौर स्टेशन से पांच किमी पहले हुआ। जांच के दौरान ट्रैक पर लोहे जैसी वस्तु के रगड़ने के निशान मिले। कन्नौज के आरपीएफ इंस्पेक्टर ओपी मीणा ने ड्रैगन और सर्च लाइट की मदद से रेलवे ट्रैक और आसपास झाड़ियों की जांच की। आरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट एमएस खान ने बताया कि मौके से भरा हुआ एलपीजी सिलिंडर, माचिस, बोतल और अन्य संवेदनशील वस्तुएं बरामद हुई हैं। वह बरेली से घटनास्थल के लिए रवाना हो रहे हैं। इज्जतनगर मंडल के पीआरओ राजेंद्र कुमार सिंह का कहना था कि मामले की जांच की जा रही है। घटना की वजह से ट्रेन करीब 22 मिनट तक खड़ी रही। एहतियातन ट्रेन को बिल्हौर स्टेशन पर भी कुछ देर के लिए रोका गया। लखनऊ से बांद्रा टर्मिनस जा रही लखनऊ-बांद्रा एक्सप्रेस को भी बिल्हौर स्टेशन पर रोका गया।
देर रात मौके पर पहुंचे एडिशन सीपी हरीश चंदर ने बताया कि रात साढ़े आठ बजे घटना की जानकारी रेलवे की तरफ से मिली थी। ट्रैक पर भरा सिलिंडर रख ट्रेन पटरी से उतारने की साजिश रची गई थी। रेलवे, आरपीएफ और पुलिस अधिकारियों को घटनास्थल से सिलिंडर के अलावा कांच की बोतल, माचिस और झोला मिला। झोले में बारूद जैसी कोई सामग्री थी, वहीं बोतल में ज्वलनशील पदार्थ तरल पदार्थ था, जिसकी जांच की जा रही है। कानपुर के पनकी में वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस 17 अगस्त को बोल्डर से टकरा गई थी, जिससे ट्रेन के सभी डिब्बे पटरी से उतर गए थे। ट्रैक के पास से लोहे का एंगल मिला था। हालांकि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। इस मामले की जांच अभी चल रही है।

पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के अनुसार इज्जतनगर मंडल के पीआरओ ने बताया कि मामले की जांच कर रही आरपीएफ की टीम से तीन दिन में रिपोर्ट मांगी गई है। इसमें फॉरेंसिक रिपोर्ट के अलावा अन्य सभी पहलुओं की जांच कर बिंदु शामिल करने को कहा गया है। आरपीएफ कन्नौज मामले की जांच कर रही है। साथ ही पुलिस की जांच के लिए एडिशनल सीपी विपिन मिश्रा, डीसीपी पश्चिम राजेश सिंह व अन्य अधिकारियों को मौके पर भेजा गया है। साथ ही शिवराजपुर, चौबेपुर, बिल्हौर समेत कई थानों की फोर्स को भी जांच करने वाली टीम की मदद के लिए निर्देश दिए गए हैं।

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