मध्य प्रदेश में मौसम ने ली करवट, कई स्थानों पर हुई बारिश, आज इन जिलों में अलर्ट

भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मार्च के शुरुआती हफ्तों में गर्मी पड़ने के बाद इन दिनों मौसम ने करवट बदल (Weather changed) ली है, और बढ़ते तापमान (Rising temperature) से थोड़ी राहत मिली है। बुधवार को तो प्रदेश में कई स्थानों पर बारिश (Rain many places) भी हुई। इस दौरान प्रदेश के रीवा, जबलपुर, शहडोल और सागर संभागों के जिलों में कहीं-कहीं बरसात दर्ज की गई एवं शेष सभी संभागों के जिलों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहा। इस दौरान प्रदेश में सबसे ज्यादा तापमान 39 डिग्री सेल्सियस 39 डिग्री सेल्सियस रतलाम में दर्ज किया गया, जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान (Minimum temperature) 14.6 डिग्री नरसिंहपुर में दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, मंडला के लिए ओरेंज अलर्ट जारी करते हुए इस जिलों में कहीं-कहीं पर बारिश होने, बिजली गिरने और ओलावृष्टि के साथ 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना जताई है। इसके अलावा ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर, पांढुर्णा, नर्मदापुरम और बैतूल जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी करते हुए यहां 40 से 50 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलने, बिजली गिरने और बारिश होने की संभावना जताई है।
बुधवार को हुई इन जगहों पर हुई बरसात
रामनगर में 4.2 मिमी, कटन में 4 मिमी, रीवा में 2.6 मिमी, सिंगौड़ी में 2 मिमी, गुढ़ में 2 मिमी, मैहर में 1.2 मिमी, मानपुर में 1.2 मिमी, उमरिया में 1.2 मिमी, अमरपाटन, शाहनगर और मनगंवा में 1 मिमी, करकेली में 0.9 मिमी, जबलपुर और पाली में 0.8 मिमी, नौरोजाबाद में 0.6 मिमी, नारायणगंज में 0.4 मिमी, तमिया में 0.3 मिमी, हर्राई, गाडरवारा और घंसौर में 0.1 मिमी बरसात हुई। इस दौरान उमरिया में 36 किमी प्रति घंटा, सिवमी में 34 KMPH और शहडोल में 30 KMPH की गति से हवा चली और आंधी आई।
अगले तीन दिनों के मौसम का पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने 21 मार्च शुक्रवार को प्रदेश के मुरैना, भिंड, ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, अशोकनगर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, जबलपुर, नरसिंहपुर, सिवनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा और खंडवा जिलों के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। यहां कुछ स्थानों पर हल्की बारिश का अनुमान है, जबकि दमोह, कटनी, उमरिया, शहडोल, मंडला, डिंडोरी और अनूपपुर जिलों के लिए बारिश का ओरेंज अलर्ट जारी किया है, यहां कई स्थानों पर बारिश की संभावना है। इस दौरान इनमें से अधिकांश स्थानों पर 50 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और आंधी-तूफान के साथ बिजली भी कड़क सकती है।
मौसम विभाग ने 22 मार्च शनिवार के लिए मौसम विभाग ने रीवा, मउगंज, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर जिलों के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। जबकि कटनी, मंडला, सिवनी, डिंडोरी और बालाघाट के लिए बारिश का ओरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने 23 मार्च रविवार के लिए शहडोल, अनूपपुर और बालाघाट में कुछ स्थानों पर बारिश होने की संभावना जताई है। इस दौरान शहडोल और अनूपपुर में तेज हवाएं चल सकती हैं साथ ही आंधी-तूफान के साथ बिजली भी गिर सकती है।
बीते दिन 5 सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान वाले शहर
– रतलाम- 39 डिग्री
– तालुन (बड़वानी)- 38.3 डिग्री
– मंडला- 38.2 डिग्री
– राजगढ़ (धार)- 37.6 डिग्री
– उज्जैन- 37.5 डिग्री
बीते दिन 5 सबसे कम न्यूनतम तापमान वाले शहर
– नरसिंहपुर- 14.6 डिग्री
– गिरवर (शाजापुर)- 14.8 डिग्री
– सीधी- 15.2 डिग्री
– पचमढ़ी- 15.6 डिग्री
– ग्वालियर- 15.8 डिग्री
24 मार्च से सक्रिय होगा नया पश्चिमी विक्षोभ
पश्चिमी विक्षोभ अब निचले और मध्य क्षोभमंडलीय स्तरों में एक ट्रफ के रूप में देखा जा रहा है, जिसकी धुरी अक्षांश 30°N के उत्तर में मोटे तौर पर देशांतर 72°E के साथ औसत समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर है। दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों में ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है और अब यह औसत समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। एक ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश और उसके निकटवर्ती क्षेत्रों में बना हुआ है और औसत समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर है। एक ट्रफ दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश और उसके निकटवर्ती क्षेत्रो में चक्रवाती परिसंचरण के रूप में छत्तीसगढ़ होते हुए उत्तरी ओडिशा तक औसत समुद्र तल से 0.9 किलोमीटर की ऊंचाई पर है। एक ट्रफ या हवा का असंतुलन दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश और उसके आसपास के चक्रवाती परिसंचरण से महाराष्ट्र होते हुए उत्तरी आंतरिक कर्नाटक तक औसत समुद्र तल से 0.9 किलोमीटर की ऊंचाई पर है। 24 मार्च से एक नया पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है।