Uniform Civil Code: पढ़ें समान नागरिक संहिता से जुड़ीं जरूरी बातें
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हर स्तर के अधिकारी की जिम्मेदारी तय
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60 दिन में होगा अपील का निपटारा
देवभूमि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पोर्टल पर पंजीकरण करने वाले हर स्तर के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है। यदि समय पर पंजीकरण का सत्यापन या कार्रवाई नहीं होती तो आवेदन स्वत: ही ऊपर के अधिकारी के पास पहुंच जाएगा। यही नहीं यदि किसी आदेश के खिलाफ आवेदक को कोई आपत्ति है तो वह ऊपरी अधिकारी के यहां अपील भी कर सकता है। इस अपील का भी 60 दिन में निपटारा किया जाएगा। इसमें सुनवाई, दस्तावेज की जांच के बाद तर्कसंगत आदेश पारित करने होंगे।
इस प्रक्रिया को यूसीसी समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति सब रजिस्ट्रार के यहां आवेदन करता है और उसके आवेदन पर 15 दिन के भीतर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो यह स्वत: ही यह रजिस्ट्रार के पास पहुंच जाएगा। रजिस्ट्रार भी अगर कोई कार्रवाई या आदेश नहीं करता तो 15 दिन बाद यह रजिस्ट्रार जनरल के पास चला जाएगा। सब रजिस्टार, रजिस्ट्रार और रजिस्ट्रार जनरल के कर्तव्यों को यूसीसी में निर्धारित किया गया है। सब रजिस्ट्रार सभी दस्तावेज व जानकारियों की सत्यता की जांच 15 दिन के भीतर करेगा। यदि आवेदन तत्काल में किया गया है तो इसकी जांच तीन दिन के भीतर करनी होगी। सामान्य आवेदन की दशा में पांच दिन के भीतर आवेदक से जानकारी या स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है। जबकि, तत्काल में यह समय सीमा तीन दिन है।
सब रजिस्ट्रार उम्र कम होने, पूर्व में विवाह होने, प्रतिबंधित संबंध आदि के आधार पर विवाह को अवैध घोषित कर सकता है। जानकारियां या प्रमाणपत्र आदि जाली या भ्रामक हैं तब भी विवाह अवैध घोषित होगा। यही नहीं समय पर जानकारी न देने पर भी सब रजिस्ट्रार इस तरह की कार्रवाई कर सकता है। अब अगर सब रजिस्ट्रार अपने कर्तव्यों में निष्क्रियता दिखाता है तो 15 दिन के भीतर यह मामला स्वत: रजिस्ट्रार के पास चला जाएगा। यह इसकी संक्षिप्त जांच पूरी कर प्रमाणपत्र जारी कर सकता है या फिर आवेदन अस्वीकृत कर सकता है। सब रजिस्ट्रार के अस्वीकृत आदेश पर आवेदक रजिस्ट्रार के यहां अपील कर सकता है। इसका निपटारा 60 दिन में किया जाएगा। इसी तरह रजिस्ट्रार की निष्क्रियता पर रजिस्ट्रार जनरल को जांच करनी होगी। रजिस्ट्रार के आदेशों पर अपील रजिस्ट्रार जनरल के यहां होगी।
जो वादा किया था वो निभाया..!
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के कुशल मार्गदर्शन में अपने संकल्प को सिद्ध करते हुए आज राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू कर दिया गया है।#UCCInUttarakhand pic.twitter.com/RNU5vhXKL6
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) January 27, 2025
नियमों का उल्लंघन होने पर पुलिस को सूचना
समय पर आवेदन न करने, नियमों का उल्लंघन करने पर रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार को पुलिस को सूचना देने का अधिकार है। इस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यही नहीं विवाह की जानकारी सत्यापित न होने पर इसकी सूचना माता-पिता या अभिभावक को दी जा सकती है।
समानता से समरसता स्थापित करेगी UCC !#UCCInUttarakhand pic.twitter.com/ndY5ZlLyCX
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यूसीसी लागू होगा- पूरे उत्तराखंड में और बाहर रहने वाले उत्तराखंड के निवासियों पर।
यूसीसी लागू नहीं होगा- संविधान के अनुच्छेद 342 व अनुच्छेद 366(25) के तहत अनुसूचित जनजातियों पर। भाग 21 के तहत संरक्षित प्रथागत अधिकार वाले व्यक्तियों या समूहों पर।
समान नागरिक संहिता लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले युवक-युवतियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा। UCC लागू होने के बाद अब किसी भी बहन-बेटी के साथ अन्याय नहीं होगा।#UCCInUttarakhand pic.twitter.com/0nePwX5a10
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आवेदकों के कर्तव्य
– समय पर आवेदन जमा करना
– विलंब होने पर विलंब शुल्क या जुर्माना जमा करना।
– सब रजिस्ट्रार और रजिस्ट्रार की ओर से मांगी गई जानकारी को निर्धारित समय में देना।
– जानकारी में परिवर्तन होने पर ऑनलाइन अपडेट करना।
जनता-जनार्दन ने भाजपा को बहुमत दिया और हमने अपना वादा निभाया !#UCCInUttarakhand pic.twitter.com/05ucXx7k9F
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यहां होंगे आवेदन
– ग्रामीण क्षेत्र- एसडीएम और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (सब रजिस्ट्रार की शक्ति मिलेगी)
– शहरी क्षेत्र (नगर पालिका व पंचायत)- एसडीएम और कार्यकारी अधिकारी
– शहरी क्षेत्र (नगर निगम)- नगर आयुक्त व कर अधीक्षक
– छावनी क्षेत्र- सीईओ और रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर या सीईओ द्वारा अधिकृत कोई अधिकारी
– ये सभी क्षेत्र रजिस्ट्रार जनरल जो कि सचिव स्तर का अधिकारी होगा व इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन के अधीन होंगे।
– स्टांप और पंजीकरण अधिनियम के तहत रजिस्ट्रार और उप रजिस्ट्रार पहले की तरह कार्य करेंगे।
विवाह का पंजीकरण
प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने के बाद UCC पोर्टल पर अपने विवाह का पंजीकरण कर सर्टिफिकेट प्राप्त किया।
जनमानस को ध्यान में रखते हुए पोर्टल को यूजर फ्रेंडली बनाया गया है, ताकि कोई भी नागरिक बिना किसी कठिनाई के पंजीकरण कर सके और शीघ्र अपना प्रमाण पत्र प्राप्त कर सके।… pic.twitter.com/YZmQaPVwhT
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– 26 मार्च 2010 से संहिता लागू होने की तिथि के बीच विवाह- शुरुआती छह महीने के भीतर
– संहिता लागू होने की तिथि के बाद विवाह- विवाह की तिथि से 60 दिन के भीतर
– संहिता लागू होने की तिथि के बाद विवाह विच्छेद- डिक्री फाइनल होने की तिथि से 60 दिनों के भीतर
– पहले से किसी कानून के तहत पंजीकृत विवाह- दोबारा पंजीकरण नहीं होगा, लेकिन छह महीने के भीतर सूचना जरूरी।
कानूनी भेदभाव को समाप्त करेगा UCC !#UCCInUttarakhand pic.twitter.com/yQmW3b4iwf
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रजिस्ट्रेशन की सुविधा तत्काल में भी मिलेगी
ऐसे लोग जो विदेश जाना चाहते हैं और उनके पंजीकरण की आवश्यकता है तो उनके लिए तत्काल में भी रजिस्ट्रेशन की सुविधा मिलेगी। इसका प्रावधान भी यूसीसी में किया गया है। इसके लिए तीन दिनों के भीतर विवाह का पंजीकरण हो जाएगा। इसमें यदि रजिस्ट्रार या सब रजिस्ट्रार को कोई जानकारी चाहिए तो वह उसे 24 घंटे के भीतर मांग सकेगा और यह आवेदक को देनी होगी।
संपत्ति में बेटियों को भी मिलेंगे समान अधिकार !#UCCInUttarakhand pic.twitter.com/MVqG9PgmDL
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तलाक, विवाह विच्छेद और विवाह शून्यता
इसमें यूसीसी लागू होने से पहले या बाद की डिक्री होनी चाहिए। यह डिक्री बाहर पारित हुई भी हो सकती है। इसमें विवाह पंजीकरण, अभिस्वीकृति नंबर, अदालत केस नंबर, अंतिम आदेश की तिथि, बच्चों का विवरण और कोर्ट के अंतिम आदेश की कॉपी होनी जरूरी है। इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से किया जा सकता है।
आवेदक के अधिकार
सबके अधिकार अब समान हैं !#UCCInUttarakhand pic.twitter.com/bHdpSZRyJY
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– यदि सब रजिस्ट्रार या रजिस्ट्रार समय पर कार्रवाई नहीं करता तो उसकी ऑनलाइन शिकायत दर्ज की जा सकती है।
– सब रजिस्ट्रार के अस्वीकृति आदेश पर 30 दिन के भीतर रजिस्ट्रार के पास अपील की जा सकती है।
– रजिस्ट्रार के अस्वीकृति आदेश पर रजिस्ट्रार जनरल के पास 30 दिन के भीतर अपील की जा सकती है।
– अपील ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से दायर होगी।