देश के इस राज्य में सीएम की गाड़ी रहती है ताड़का के बस में, तो वहीं रावण जाता है विधानसभा
दशहरे से पहले देश के तकरीबन हर गांव व शहर में जगह-जगह रामलीला देखने को मिल जाती है। जिन्हें स्वाभाविक है कि आपने भी कभी न कभी देखा ही होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं देश में एक ऐसी भी जगह है जहां का रावण न सिर्फ विधानसभा आता जाता रहता है बल्कि वहां के सचिवालय में काम भी करता है। वहीं ताड़का को तो स्वयं मुख्यमंत्री की सेवा में सदैव तत्पर रहने के साथ ही उनके आते-जाते समय मौजूद होना ही होता है। इनके अलावा विश्वामित्र,बाणासुर और दशरथ भी किसी न किसी तरह से सरकार से जुड़े हुए हैं।
रामलीला के किरदारों के बारे में तो आपने काफी सुना होगा, ऐसे में देहरादून की पर्वतीय रामलीला अपने आप में बेहद गजब है। इस रामलीला की विशेष बात जो इसे अन्य रामलीलाओं से अलग बनाती है वह है कि इस लीला में सचिवालय और विधानसभा के अधिकारी-कर्मचारी लंबे समय से मंचन कर रहे हैं। ये लोग पहले सुबह से शाम तक अपने कर्तव्य को निभाते हैं और फिर इसके बाद शाम होते ही अपने किरदार में आ जाते हैं।
यहां ये भी जान लेें कि सचिवालय में मुख्य सुरक्षा अधिकारी जीवन सिंह बिष्ट इस पर्वतीय रामलीला कमेटी के संरक्षक हैं। ओर ये एक ओर जहां रामलीला में रिहर्सल से लेकर स्टेज के आगे और पीछे हर जगह की बागडोर संभालते हैं। वहीं रामलीला का नेतृत्व शुरू से आखिरी तक ये ही करते हैं। चलिए अब समझते हैं, रावण, ताड़का सहित विश्वामित्र व दशरथ आदि का यहां की सरकार से रिश्ता…
रावण है कंम्प्यूटर का जानकार
संदीप ढैला विधानसभा में कंम्प्यूटर असिस्टेंट के पद पर कार्यरत हैं। ये पिछले दस साल से रावण का किरदार निभा रहे हैं। यहां से पहले गांव में मंचन करते थे। बताया कि रात को देर से सोना होता है और फिर सुबह विधानसभा भी जाना होता है। एक साथ दोनों काम मुश्किल जरूर है, लेकिन प्रभु के आशीर्वाद से सब हो जाता है।
ताड़का का है CM सुरक्षा में अहम योगदान
शेर सिंह बिष्ट मुख्यमंत्री की फ्लीट में ड्राइवर हैं। ये पिछले 14 साल से रामलीला में मंचन कर रहे हैं। बिष्ट इस बार ताड़का का किरदार निभा रहे हैं। इसके साथ ही मारीच का भी किरदार निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि काम के साथ प्रभु की लीला में रहने का अवसर मिल रहा है इससे बेहतर और क्या हो सकता है।
बाणासुर है मजबूत और सुरक्षा के लिए कारगर
विधानसभा में असिस्टेंट मार्शल के पद पर कार्यरत संजय नैनवाल रामलीला में इस समय बाणासुर का किरदार निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सुबह को नौकरी के बाद रामलीला की तैयारी के लिए भी जाना होता है। दोनों काम बेहद जरूरी है। प्रभु की कृपा है आसानी से सब काम हो रहा है।
सचिवालय से है विश्वामित्र का नाता
नकुल बधानी विधानसभा में सचिवालय सहायक के पद पर कार्यरत हैं। श्रीराम के किरदार के बाद अब विश्वामित्र और कैकई का किरदार निभा रहे हैं। दून से पहले बधानी नैनीताल में सीता-लक्ष्मण का किरदार निभाते थे। उन्होंने बताया कि सुबह विधानसभा में काम कर शाम को किरदार निभाते हैं। दोनों काम एक साथ होने पर मुश्किल होती है, लेकिन प्रभु राम की कृपा से सब हो जाता है।
दशरथ बुजुर्ग होकर आराम पर हैं
कैलाश पांडे सचिवालय में अनुभाग अधिकारी के पद से रिटायर हैं। ये पिछले 14 साल से रामलीला में मंचन कर रहे हैं। कैलाश पांडे इस समय दशरथ का किरदार निभा रहे हैं। बताया जाता है कि वे दून से पहले पिथौरागढ़ में भी रामलीला का मंचन किया करते थे।