Punjab: कांग्रेस MLA खैहरा पर ड्रग तस्करों से लेन-देन का आरोप, ईडी ने 3.82 करोड़ की कोठी की अटैच

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चंडीगढ़। पंजाब (Punjab) से कांग्रेस विधायक सुखपाल खैहरा (Congress MLA Sukhpal Khaira) पर ई.डी. ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने खैहरा की चंडीगढ़ के सैक्टर-5 की कोठी (Sector 5 bungalow) को अटैच कर लिया है। इसकी कीमत 3.82 करोड़ रुपए (Price: Rs 3.82 crore) है। पंजाब के भुलत्थ से कांग्रेस विधायक सुखपाल खैहरा पर ड्रग तस्करों (Drug smugglers.) से लेन-देन के आरोप में ईडी ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई की है। खैहरा पर ड्रग तस्कर गुरदेव सिंह से सौदा करने का आरोप है। ईडी ने यह जानकारी अपने सोशल मीडिया एक्स पर दी है। कांग्रेस विधायक सुखपाल खैहरा पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।

तस्कर गुरदेव सिंह से संबंध हुए थे उजागर
यह रेड साल 2015 के फाजिल्का ज़िले में एनडीपीएस एक्ट के तहत की गई है। 28 सितंबर, 2023 को खैहरा को चंडीगढ़ ​स्थित आवास से इसी मामले में गिरफ्तार भी किया गया था। ई.डी. के मुताबिक पंजाब पुलिस द्वारा की गई तलाशी और जांच के दौरान सामूहिक रूप से कुल 1800 ग्राम हेरोइन, एक .315 बोर की पिस्तौल और दो जिंदा कारतूस, 2 पाकिस्तानी सिम, एक 32 बोर की रिवॉल्वर और 24 जिंदा कारतूस और एक खाली कारतूस, 24 सोने के बिस्कुट और मोबाइल फोन बरामद किए गए। इसमें से 350 ग्राम हेरोइन, एक पाकिस्तानी सिम, एक 32 बोर की इंग्लैंड में बनी रिवॉल्वर, 24 जिंदा कारतूस, एक खाली कारतूस और 24 सोने के बिस्कुट तस्कर गुरदेव सिंह से बरामद किए गए थे।

फाजिल्का कोर्ट ने अपने आदेश में गुरदेव सिंह और आठ अन्य को एनडीपीएस एक्ट, 1985 की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया था। ई.डी. की जांच में खुलासा हुआ कि सुखपाल सिंह खैरा ने अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट द्वारा गुरदेव सिंह और उसके विदेशी सहयोगियों से प्राप्त 3.82 करोड़ की अपराध से अर्जित संपत्ति का उपयोग किया। खैहरा ने इन पैसों के बदले नशीली दवाओं की तस्करी में पासपोर्ट सेवा प्रदान की थी। इसके बदले में गुरदेव सिंह ने 3.82 करोड़ की रकम सुखपाल सिंह खैरा को दी और उनके चुनाव प्रचार में इस अवैध धन का उपयोग किया गया।

कोई नोटिस नहीं मिला: खैहरा
सुखपाल खैहरा ने फेसबुक पर पोस्ट करके ईडी की इस कार्रवाई को गलत बताया है। उन्होंने लिखा है कि मुझे अभी मीडिया से पता चला है कि ई.डी. ने मेरे चंडीगढ़ आवास को अटैच कर लिया है, जिसके बारे में मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मुझे इस बारे में ई.डी. या किसी अन्य सरकारी स्रोत से कोई नोटिस नहीं मिला है। अगर खबर सच भी है तो मुझे मीडिया को खबर जारी करने के बजाय इसकी जानकारी दी जानी चाहिए थी। यह सीधे तौर पर चरित्र हनन है। भाजपा पूरे भारत में विपक्षी नेताओं को फंसाने के लिए ईडी का प्रयोग कर रही है।

तीन बार विधायक चुनाव जीत चुके
खैहरा का राजनीतिक जीवन भी खासा उतार-चढ़ाव वाला रहा है। खैहरा ने कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी। 2017 में वह आप के टिकट पर विधायक बने और पार्टी ने उन्हें बाद में नेता प्रतिपक्ष भी बनाया। हालांकि वह ज्यादा दिनों तक इस पद पर नहीं रह पाए। आप ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था। जून 2021 में ही खैहरा ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली थी और कांग्रेस की टिकट से दो बार विधायक बने। इस बार कांग्रेस ने उन्हें संगरूर लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन वह चुनाव हार गए।

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