MP: कूनो से गांधीसागर में शिफ्ट हुए दो चीते प्रभाष और पावक, पिंजरे खुलते ही भरने लगे फर्राटे

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भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के कुनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में 2 साल बिताने के बाद दो चीतों प्रभाष और पावक (Cheetahs Prabhash and Pavak) को गांधी सागर वन्यजीव अभ्यारण्य (Gandhi Sagar Wildlife Sanctuary) में छोड़ दिया गया। दोनों ही रविवार शाम को अपने नए आवास में पहुंचे। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) ने इन चीतों को गांधी सागर वन्यजीव अभ्यारण्य में छोड़ा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि गांधी सागर वन्यजीव अभ्यारण्य में प्रभास और पावक को रिलीज करने के साथ ही चीतों के पुनर्वास की दिशा में नया इतिहास लिखा गया है।

मूल रूप से दक्षिण अफ्रीका के वाटरबर्ग बायोस्फीयर रिजर्व से फरवरी 2023 में कुनो नेशनल पार्क में लाए गए ये चीते लंबी सड़क यात्रा के बाद गांधी सागर अभयारण्य पहुंचे। गांधी सागर अभयारण्य नीमच और मंदसौर जिलों में फैला है। एमपी के सीएम मोहन यादव ने रविवार शाम को दोनों ही चीतों को बसीगांव खेमला से अभयारण्य में छोड़ा। उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि पूरे एशिया में चीतों की आबादी को फलने फूलने के लिए सबसे अनुकूल परिस्थितियां हमारे देश में मौजूद हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि यह इलाका संसाधनों से भरपूर है। हम हवाई और सड़क संपर्क के लिए काम करेंगे। अगले महीने हमें बोत्सवाना से चार नए चीते मिल रहे हैं। हम उनको यहां लाने की कोशिश करेंगे। इस परियोजना का मकसद देश में चीतों के कुनबे को बढ़ाना है। इसमें सफलता भी मिल रही है। गांधी सागर अभयारण्य मध्य प्रदेश का दूसरा ऐसा स्थान है, जहां चीतों को आबाद किया जा रहा है।

सीएम ने कहा- चीतों की संख्या बढ़ाने के लिए दक्षिण अफ्रीका, केन्या और बोत्सवाना से चीतों को लाया जा रहा है। मौजूदा वक्त में सूबे के श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में 26 चीते हैं। कूनो के बाद गांधी सागर भी चीतों का घर बन रहा है। गांधी सागर अभयारण्य शैल चित्रों के लिए विश्व प्रसिद्ध चतुर्भुज नाला का हिस्सा है। इस पहल से क्षेत्र में पर्यटन बढ़ेगा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।

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