इमीग्रेशन बिल पर चर्चा के दौरान भड़के अमित शाह, कहा भारत कोई धर्मशाला नहीं, लोकसभा ने किया पास

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नई दिल्ली, चर्चा के दौरान शाह ने कहा कि भारत उन लोगों का स्वागत करता है जो विकास में मदद करने के लिए यहां आते हैं, लेकिन जो लोग परेशानी पैदा करने के लिए आते हैं, चाहे वे रोहिंग्या हों या बांग्लादेशी, उन्हें कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

भारत कोई धर्मशाला नहीं, इमीग्रेशन बिल पर चर्चा के दौरान भड़के अमित शाह; लोकसभा ने किया पास

लोकसभा ने आज चर्चा के बाद देश में प्रवेश, निवास और यात्रा से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाने वाले और विदेशियों तथा आप्रवासन से संबंधित सभी मामलों को विनियमित करने संबंधी आव्रजन और विदेशी विधेयक, 2025 यानी इमिग्रेशन बिल ध्वनिमत से पारित कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से उनके जूनियर गृह मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में इस विधेयक को पेश किया। चर्चा के दौरान शाह ने कहा कि भारत उन लोगों का स्वागत करता है जो विकास में मदद करने के लिए यहां आते हैं, लेकिन जो लोग परेशानी पैदा करने के लिए आते हैं, चाहे वे रोहिंग्या हों या बांग्लादेशी, उन्हें कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

इसके साथ ही शाह ने कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है, जहां हर कोई आकर बस जाए। उन्होंने कहा कि आप्रवास और विदेशी विषयक विधेयक से भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का हमारा सपना पूरा होने वाला है। लोकसभा द्वारा विधेयक को मंजूरी दिए जाने से पहले शाह ने कहा, “यह विधेयक उन लोगों की पहचान करने में भी मदद करेगा जो बुरे इरादे से यहां आते हैं।”

जो खतरा पैदा करेगा, उससे गंभीरता से निपटा जाएगा

शाह ने चर्चा के दौरान ऐसे अनेक भारतीयों का उदाहरण दिया जो विदेश गए और अलग-अलग देशों में बस गए लेकिन उन लोगों ने वहां बहुत बड़ा सकारात्मक प्रभाव छोड़ा। गृह मंत्री ने भारत के लिए भी एक ऐसे ही कानूनी ढांचे की जरूरत पर जोर दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जो लोग अच्छे काम के लिए भारत आते हैं और देश के विकास में योगदान देते हैं, उनका यहां स्वागत किया जाए। शाह ने कहा कि सरकार उन लोगों का स्वागत करने के लिए तैयार है जो पर्यटक के तौर पर या शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और व्यवसाय के लिए भारत आना चाहते हैं, लेकिन जो लोग खतरा पैदा करेंगे उनसे गंभीरता से निपटा जाएगा।

चार विधेयकों के किया गया है शामिल

उन्होंने कहा कि इस विधेयक में चार विधेयकों को शामिल कर तैयार किया गया है। ये चारों विधेयक देश की आजादी से पहले बने थे और इसमें कई अनुच्छेदों को कम कर तैयार किया गया है। उनके मंत्रालय ने अप्रवासन और विदेशियों से संबंधित इस विधेयक को तैयार करने में तीन साल तक कड़ी मेहनत की और तीन साल चले मंथन के बाद इस विधेयक को तैयार किया गया है। उनका कहना था कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण विधेयक है और इस तरह के महत्वपूर्ण कार्यों का राजनीतिक कारणों से विरोध नहीं किया जाना चाहिए।

यह विधेयक देश की ब्रांडिंग, रोजगार के अवसर तथा जीडीपी बढाने में महत्वपूर्ण साबित होगा। इससे पासपोर्ट, विदेशी अधिनियम यानी अवैधरूप से रहने वाले विदेशियों को रोकने और रोजगार को बढाने वाले प्रावधान हैं। जिन कानूनों को इस विधेयक में शामिल किया गया है वे सभी कानून आजादी के पहले बने थे। इस विधेयक को आजादी से पहले के चारों कानूनों को जोड़कर तैयार किया गया है। इसमें डेटा प्रबंधन और दस्तावेजों के प्रबंधन को भी ठीक किया गया है।

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