गृह मंत्री अमित शाह का रायगढ़ किले पर दौरा, शिवाजी महाराज के वंशज रहे नदारद, किस बात से हैं नाराज?

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मुम्बई, महाराष्ट्र के ऐतिहासिक रायगढ़ किले पर शनिवार (12 अप्रैल) को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने छत्रपति शिवाजी महाराज की 345वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी उपस्थित थे. हालांकि, छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज संभाजीराजे छत्रपति (Sambhajiraje Chhatrapati) इस कार्यक्रम से गायब रहे, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है.

द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक संभाजीराजे रायगढ़ विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष हैं, इसके बावजूद उन्हें कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर राज्य और केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की. कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा, “यह दुखद है कि गृहमंत्री के दौरे में संभाजीराजे को आमंत्रित नहीं किया गया. यह सरकार शिवाजी महाराज के नाम का केवल राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग कर रही है.”

संभाजीराजे ने नहीं की टिप्पणी
हालांकि संभाजीराजे ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया, लेकिन उनके एक सहयोगी ने बताया, “सरकार और आयोजकों ने जानबूझकर उन्हें नजरअंदाज किया, शायद उनके प्रगतिशील विचारों के कारण. वे सभी समुदायों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं.”

वाघ्या कुत्ते की मूर्ति हटाने की मांग
इस बीच एक बार फिर से वाघ्या कुत्ते (Waghya Dog) की मूर्ति को हटाने की मांग फिर से जोर पकड़ रही है. संभाजीराजे ने पिछले महीने इस मूर्ति को हटाने की मांग की थी और शनिवार को फिर दोहराया कि शिवाजी महाराज की समाधि के पास इस तरह की मूर्ति का कोई स्थान नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, “इतिहास में वाघ्या नाम के किसी कुत्ते के अस्तित्व का कोई प्रमाण नहीं है. यह एक कल्पना मात्र है, जिसे 1919 में राम गणेश गडकरी के नाटक ‘राजसंन्यास’ से जन्म मिला.”

उन्होंने यह भी कहा कि यह मूर्ति छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति से ऊंची है, जो बेहद अपमानजनक है और इसे जल्द से जल्द हटाया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस विषय पर समिति बनाने का आश्वासन दिया है.

वाघ्या कुत्ता अंग्रेजों का था- उदयनराजे भोसले
एक अन्य वंशज उदयनराजे भोसले ने भी पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए मूर्ति हटाने की मांग की और कहा, “यह कुत्ता अंग्रेजों का था, इसका भारत से कोई लेना-देना नहीं है.”

हालांकि, गृहमंत्री अमित शाह ने अपने दौरे के दौरान वाघ्या मूर्ति विवाद पर कोई टिप्पणी नहीं की, जिससे संभाजीराजे ने निराशा जताई.

इस विवाद में अहिल्याबाई होल्कर के वंशज भूषणसिंहराजे होल्कर ने भी अपने रुख में नरमी दिखाई है. उन्होंने कहा कि पहले वे मूर्ति हटाने के विरोध में थे क्योंकि उन्हें यह गलतफहमी थी कि मूर्ति 31 मई को हटाई जा रही है — जो अहिल्याबाई होल्कर की जयंती है. लेकिन अब वे चाहते हैं कि ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर निर्णय लिया जाए और किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचे.

रायगढ़ का यह विवाद अब भावनाओं, इतिहास और राजनीति के त्रिकोण में फंसता नजर आ रहा है.

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