न्यायपालिका के कंधों पर बंदूक रखकर निशाना साधना चाहते हैं कुछ लोग
- राहुल गांधी की टिप्पणी के जवाब में पूर्व सीजेआई जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा…
पूर्व सीजेआई जस्टिस डीबाई चंद्रचूड़ ने कहा कि लोगों को यह नहीं मानना चाहिए कि न्यायपालिका संसद या राज्य विधानसभाओं में विपक्ष की भूमिका निभाएगी। न्यायपालिका सिर्फ कानूनों की जांच करने के लिए है। पूर्व सीजेआई की टिप्पणी लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की हाल की टिप्पणी कि विपक्ष ने न्यायपालिका का कार्य अपने ऊपर ले लिया है, के संदर्भ में आई है।
पूर्व सीजेआई ने एक साक्षात्कार में कहा, लोकतंत्र में राजनीतिक विपक्ष के लिए अलग जगह है। मैं विपक्ष के नेता के साथ इस मुद्दे पर बहस नहीं करना चाहता। लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि हम यहां कानूनों की जांच करने आए हैं। हमारा काम यह देखना है कि हम कार्यकारी कार्रवाई की जांच करें कि क्या यह कानून के अनुरूप है, और क्या यह संविधान के अनुरूप है।
पूर्व सीजेआई ने कहा कि यहां लोग न्यायपालिका के कंधों पर बंदूक रखकर निशाना साधने का प्रयास कर रहे हैं। अदालत को राजनीतिक विपक्ष की जगह बदलने का प्रयास कर रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा था कि हम अकेले ही मीडिया, जांच एजेंसियों और न्यायपालिका की ओर से काम कर रहे हैं। यही भारत की वास्तविकता है।
लोगों का प्रदूषण पर बात करना ही समस्या का समाधान…
पूर्व सीजेआई ने कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि लोगों को अदालत पर इस तरह का विश्वास है कि प्रदूषण की समस्या का समाधान वह निकालेगी। लेकिन पिछले कई सालों में जो हर कोई इस समस्या के बारे में बात कर रहा है असल में यही समस्या का समाधान है। क्योंकि असली समस्या तब पैदा होती है जब लोग समाज में जो कुछ भी होता है उसे एक नई सामान्य बात के रूप में स्वीकार कर लेते हैं और वे इसके बारे में नहों बोलते। यह तथ्य कि हर कोई इस मुद॒दे पर लगा हुआ है, इस समस्या का समाधान खोजने में पहला कदम है। पूर्व सीजेआई ने कहा कि न्यायालय मुख्य नीति निर्माण को भूमिका नहीं ले सकते, यह विशेषज्ञ एजेंसियों का काम है।
अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद में ईश्वर से मेरी प्रार्थना को गलत ढंग से लिया गया:
पूर्व सीजेआई ने कहा कि अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का समाधान खोजने में मदद के लिए भावान से प्रार्थना करने के बारे में उनकी टिप्पणी को गलत तरीके से समझा गया। अयोध्या के मामले में, अदालत का फैसला बताता है कि क्या कानून और संविधान लागू किया गया था या कुछ दैवीय हस्तक्षेप था। सोशल मीडिया पर बाकी सब चीजों को तरह, जो कहा गया है उसे गलत तरीके से समझा गया। क्योंकि आप जो कहते हैं उसे 20 सेकंड के छोटे से हिस्से में कट कर दिया जाता है, जो कि ऐसा नहीं है।
जिला अदालतों में 21 फीसदी पद खाली बुनियादी ढांचा करना होगा मजबूत:
पूर्व सीजेआई ने मुकदमों के बोझ को संभालने के लिए बुनियादी ढांचे में अधिक निवेश करने के लिए सरकार से आह्वान क्रिया। सीजेआई ने कहा कि जिला अदालतों में 21 फीसदी पद खाली हैं। भारत में जनसंख्या के अनुपत में जज दुनिया में सबसे कम हैं। उन्होंने कहा, जिला अदालतों में मुकदमों की मात्रा को संभालने के लिए हमारे पास आवश्यक संख्या में जज नहीं हैं। इसलिए सबसे पहले आपको अधिक जजों की नियुक्ति
करके जनसंख्या के अनुपात में इनकी संख्या बढ़ानीं होगी।