stock market predictions: संवत 2081 में थम सकती है मिड-स्मॉल, माइक्रोकैप की रफ्तार, निफ्टी 9% चढ़ेगा!

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  • शेयर बाजार: अक्टूबर, 2024 में किसी भी एक माह की तीसरी सबसे बड़ी गिरावट
  • अक्टूबर में विदेशी निवेशकों की ज्यादा बिकवाली, लेकिन यह मार्च 2020 जितनी तेज नहीं

विदेशी निवेशकों की बिकवाली से भारतीय शेयर बाजार में गिरावट जारी है, बाजार विश्लेषकों का कहना है कि एफआइआइ ने अक्टूबर में सबसे अधिक बिकवाली की है, लेकिन यह बिकवाली मार्च 2020 जितनी तेज नहीं है जब विदेशी निवेशकों ने अपनी 2% हिस्सेदारी बेच दी थी। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए ने अनुमान जताया है कि निफ्टी 50 में अभी 1,000 अंक की गिरावट आ सकती है और यह 23,500 पर पहुंच सकता है। वहीं गोल्डमैन सैश ने कहा कि आने वाले 3-6 महीनों में भारतीय बाजारों में ‘टाइम करेक्शन’ की संभावना है। ब्रोकरेज फर्म मे निफ्टी का 12 महीने का टारगेट घटाकर 27,000 कर दिया है, जो पहले 27,500 था। फर्म का मानना है कि निफ्टी में संवत 2081 में 9% की तेजी संभव है।

हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि संवत 2080 में 46% और 43% की शानदार तेजी दर्ज करने वाले मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों की रफ्तार संवत 2081 में सुस्त पड़ सकती है। शेयरखान के गौरव दुआ ने कहा स्मॉलकैप और माइक्रोकैप शेयरों में 17-18 महीने की तेजी के बाद गिरावट का रुझान रहता है। कंपनियों की आय घटी है। इसलिए निवेशकों को मिडकैप, स्मॉल और माइक्रोकैप में निवेश घटाने की सलाह है। निवेशकों को लार्जकैप शेयरों में निवेश करना चाहिए और मिडकैप और स्मॉलकैप में चुनिंदा शेयरों पर ध्यान देना चाहिए।

क्या करें निवेशक: दिग्गज निवेशक मार्क मोबियस ने कहा, भारतीय बाजार का प्राइस टू अर्निंग (पीई) रेश्यो अधिक है, लेकिन मैनें पीई को वैल्यूएशन का पैमाना मानना बंद कर दिया है। पीई का ई यानी अर्निंग पीछे की तरफ देखता है। इसलिए निवेशकों को रिटर्न ऑन कैपिटल देखना चाहिए, क्योंकि कैपिटल पर ज्यादा रिटर्न डेट टू इक्विटी रेश्यो को कम करता ह। कंपनी की आय में कैसी ग्रोथ हो रही है, निवेशकों को यह देखना चाहिए। सबसे अहम कंपनी के मैनेजमेंट की क्वालिटी है। निवेशकों को अभी जल्दबाजी में न तो शेयर खरीदना चाहिए और न ही बेचना चाहिए।

किस माह सेंसेक्स में सबसे ज्यादा गिरावट…

मार्च 2020 -23%

फरवरी, 2020 -6.1%

₹97,205 करोड़ के शेयर बेचे विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर 2024 में अब तक, यह उनकी कुल होल्डिंग का 1% से भी कम

मई, 2020 -4.0%

जून, 2022 -5.0%

अक्टूबर,2024 -5.2%

₹58,632 करोड़ के शेयर बेचे थे विदेशी निवेशकों ने मार्च 2020 में, जो उनकी कुल हिस्सेदारी का 2% से अधिक था

23% की गिरावट आई थी मार्च 2020 में, क्योंकि विदेशी और घरेलू निवेशक भी बिकवाली थे

मिलता रहेगा 15-16% सालाना रिटर्न…
बीएसई के सदस्य रमेश दमानी के अनुसर जियो-पॉलिटिकल टेंशन का शेयर मार्केट की ग्रोथ रेट पर ज्यादा असर नहीं होगा। उठापटक बाजार का हिस्सा है। विदेशी निवेशकों की चीन की ओर झुकाव शॉर्ट टर्म के लिए है। इस उतार-चढ़ाव के बाद भी भारतीय शेयर बाजार सालाना आधार पर 15 से 16% का रिटर्न देगा। इसकी वजह भारत में 3डी (डेमोक्रेसी, डिजिटाइजेशन और डेमोग्राफिक्स) होना है।

: ₹92,931 करोड़ की खरादारी की, जिससे सेंसेक्स केवल 5 फीसदी गिरा

ये है ब्रोकरेज की सलाह
मोतीलाल ओसवाल, नुवामा और एक्सिस सिक्योरिटीज ने कहा है कि वित्त वर्ष 2024 की सितंबर तिमाही में निफ्टी की अर्निंग ग्रोथ पिछले 17 तिमाहियों में सबसे धीमी रहेगी और मुनाफा केवल 2% की दर से बढ़ेगा। दिसंबर तिमाही में कंपनियों की आय बढ़ने की उम्मीद है। निफ्टी के 25,000 के ऊपर जाने पर ही बाजार में बुल रन देखने को मिलेगा।

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