सरकार और भी आईटी कंपनियों को भेज सकती टैक्स नोटिस, इन्फोसिस का जा चुका

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नई दिल्ली। सरकार जल्द ही कई दिग्गज इन्फोटेक सर्विस फर्मों को उनके विदेशी कार्यालयों द्वारा सेवाओं पर टैक्स की कथित चोरी की जांच के लिए नोटिस जारी कर सकते है। बता दें, एक दिन पहले ही इन्फोसिस पर 4 अरब डॉलर की टैक्स डिमांड की गई थी। खबर है कि इन्फोसिस पर सबसे बड़ा टैक्स डिमांड की नोटिस जारी करते हुए सरकार ने देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी पर टैक्स चोरी करने का आरोप लगाया और 30 जून को समाप्त तिमाही के लिए 320 अरब रुपये मांगे।

बताया जा रहा है कि यह एक इंडस्ट्रीवाइड मुद्दा है, कुछ अन्य आईटी कंपनियों को भी नोटिस भेजे जाने की संभावना है। खबर है कि वित्त मंत्रालय ने ईमेल का जवाब नहीं दिया। दूसरी ओर आईटी इंडस्ट्रीज के संगठन नास्कॉम ने गुरुवार को कहा कि टैक्स की ताजा डिमांड सेक्टर के ऑपरेशनल मॉडल की समझ की कमी को दर्शाती है। यह भी कहा कि कई कंपनियां मुकदमेबाजी और अनिश्चितता का सामना कर रही हैं।
इस मामले में इन्फोसिस ने बुधवार को कहा कि कर्नाटक राज्य जीएसटी अधिकारियों ने जुलाई 2017 से मार्च 2022 के लिए इन्फोसिस लिमिटेड के विदेशी शाखा कार्यालयों द्वारा किए गए खर्च के लिए 32,403 करोड़ रुपये के जीएसटी के भुगतान के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

इन्फोसिस ने तर्क दिया कि जीएसटी भुगतान आईटी सेवाओं के निर्यात के खिलाफ क्रेडिट या रिफंड के लिए योग्य हैं। फर्म ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि उसे इसी मामले पर जीएसटी इंटेलिजेंस के महानिदेशक से प्री-शो कॉज नोटिस भी मिला है और कंपनी उसी का जवाब देने की प्रक्रिया में है। कंपनी ने कहा कि जीएसटी भुगतान आईटी सेवाओं के निर्यात के खिलाफ क्रेडिट या रिफंड के लिए पात्र हैं। उसने अपने सभी जीएसटी बकाया का भुगतान किया है और इस मामले पर केंद्र और राज्य के नियमों का पूरी तरह से अनुपालन कर रहा है।

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