बांग्लादेश में रानीतिक संकट का असर भारत में भी, इस शेयर को ताबड़तोड़ बेच रहे निवेशक
नई दिल्ली । बांग्लादेश में चल रहे राजनीतिक संकट (bangladesh crisis) का असर भारत की लिस्टेड कुछ कंपनियों के शेयर पर भी पड़ा है। इसमें से एक शेयर- मैरिको लिमिटेड है। सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को एफएमसीजी कंपनी मैरिको लिमिटेड के शेयर में 4% से अधिक की गिरावट आई और भाव 642 रुपये के निचले स्तर तक आ गया। 30 जुलाई 2024 को शेयर 690.95 के स्तर पर था। यह शेयर के 52 हफ्ते का हाई भी है।
मैरिको पर असर क्यों
दरअसल, मैरिको के अंतरराष्ट्रीय कारोबार से होने वाली आय का बड़ा हिस्सा बांग्लादेश से मिलता है। यह देश कंपनी की कुल आय में एक चौथाई का योगदान देता है। मैरिको का करीब 12% राजस्व बांग्लादेश बाजार से आता है। कंपनी का दावा है कि मैरिको बांग्लादेश के 5 में से 4 घरों तक पहुंच गया है।
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मैरिको ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022 के अंत में अंतरराष्ट्रीय राजस्व का 51% हिस्सदा बांग्लादेश का था, जिसे वित्तीय वर्ष 2027 के अंत तक 40% से कम करने का इरादा है।
कंपनी के मुताबिक उसे उम्मीद है कि मूल्य निर्धारण और वॉल्यूम वृद्धि धीरे-धीरे बढ़ने के कारण राजस्व वृद्धि अधिक बनी रहेगी। वितरण और मांग में सुधार के लिए अगले तीन वर्षों में ₹80 करोड़ से ₹100 करोड़ के बीच खर्च करने की भी योजना है।
कैसे रहे जून तिमाही के नतीजे
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मैरिको लिमिटेड का प्रॉफिट 8.71 प्रतिशत बढ़कर 474 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट 436 करोड़ रुपये रहा था। इस अवधि में कंपनी की परिचालन आय 6.7 प्रतिशत बढ़कर 2,643 करोड़ रुपये हो गया जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 2,477 करोड़ रुपये था। सफोला, पैराशूट और लिवॉन जैसे लोकप्रिय ब्रांड का स्वामित्व रखने वाली मैरिको का ग्रॉस मार्जिन 2.3 प्रतिशत बढ़ा। वहीं, इसका कुल खर्च 6.08 प्रतिशत बढ़कर 2,075 करोड़ रुपये हो गया।
बांग्लादेश पर संकट
भारत का पड़ोसी बांग्लादेश एक अभूतपूर्व राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। आरक्षण को लेकर उठे बवाल के बाद भीड़ इतनी उग्र और हिंसक हो गई कि प्रधानमंत्री शेख हसीना को भी ‘सुरक्षित स्थान’ के लिए देश से भागना पड़ा है। शेख हसीना पद छोड़ चुकी हैं और अब सेना देश में अंतरिम सरकार बनाएगी।