अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल 4 दिन बाद हो जाएगी IIHL की, अधिग्रहण का रास्ता साफ

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नई दिल्ली। भारी-भरकम कर्ज (Deeply Debt) में डूबी अनिल अंबानी (Anil Ambani) की कंपनी रिलायंस कैपिटल (company Reliance Capital) अब अगले कुछ दिनों में इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IndusInd International Holdings Limited- IIHL) की हो जाएगी। बीते दिनों राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनलीएलटी) (National Company Law Tribunal (NCLT) ने रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण करने के आईआईएचएल के अनुरोध को स्वीकार कर लिया था। इसके बाद IIHL के 26 फरवरी तक रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण करने का रास्ता साफ हो गया।

रिलायंस कैपिटल के साथ कब क्या हुआ
अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल भारी-भरकम कर्ज में थी। लगातार डिफॉल्ट के कारण कंपनी दिवाला प्रक्रिया से गुजरी। इस पर पहली बड़ी कार्रवाई केंद्रीय रिजर्व बैंक ने की थी। रिजर्व बैंक ने नवंबर, 2021 में अनिल धीरूभाई अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को निलंबित कर नागेश्वर राव वाई को प्रशासक नियुक्त किया था। राव ने कंपनी के लिए फरवरी, 2022 में बोलियां आमंत्रित की थीं।

बता दें कि IIHL अप्रैल, 2023 में संकटग्रस्त वित्तीय सेवा फर्म का अधिग्रहण करने के लिए सफल समाधान आवेदक के रूप में उभरी थी। उसने अप्रैल, 2023 में 9,650 करोड़ रुपये की बोली जीती थी। बाद में कंपनी ने रिलायंस कैपिटल के दिवाला समाधान प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए 200 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जो बोली की राशि से अधिक था। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने 27 फरवरी, 2024 को IIHL की समाधान योजना को मंजूरी दे दी और लेनदेन पूरा करने की समय सीमा 31 जनवरी, 2025 तक बढ़ा दी। बता दें कि लंबे समय से रिलायंस कैपिटल की ट्रेडिंग बंद है। रिलायंस कैपिटल का आखिरी ट्रेडिंग भाव 11 रुपये था। कंपनी शेयर बाजार से डी-लिस्ट होने की प्रक्रिया में है।

IIHL का प्लान
रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के साथ इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड 2030 तक 50 अरब डॉलर के मूल्यांकन का लक्ष्य बना रही है, जबकि वर्तमान में कंपनी का मूल्यांकन 15 अरब डॉलर से ज्यादा है।

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