गुवाहाटी में विश्व प्रसिद्ध अंबुबासी मेले का शुभारंभ, देश-विदेश से दर्शन करने पहुंचे लाखों श्रद्धालु

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गुवाहाटी । असम के गुवाहाटी में विश्व प्रसिद्ध अंबुबासी मेले का शनिवार का शुभारंभ हुआ। चार दिवसीय यह मेला मां कामाख्या मंदिर का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है। यहां देवी की पूजा योनि रूप में होती है। माना जाता है कि अंबुबासी उत्सव के दौरान माता रजस्वला होती हैं। इसके लिए मंदिर बंद रखा जाता है। इस दौरान मंदिर की साफ-सफाई के अलावा कोई पूजा-अर्चना नहीं की जाती है। असम के सभी मंदिरों के साथ ही लोगों के घरों में भी इस दरमियान पूजा-पाठ बंद रहता है।

मंदिर प्रबंधन के मुताबिक शनिवार सुबह 8.43 बजे से मां कामाख्या मंदिर का पट बंद कर दिया गया। बुधवार को शुद्धिकरण के बाद मंदिर दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा।

प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु देश-विदेश से यहां पहुंचे हैं। असम सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा अंबुबासी मेले के लिए तैयारियां की गई हैं। विभागीय कर्मचारी एवं अधिकारियों को चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया है। अलग-अलग टुकड़ियों में सरकारी कर्मचारी कामाख्या रेलवे स्टेशन, गुवाहाटी रेलवे स्टेशन, पांडू, कामाख्या गेट के साथ ही कामाख्या मंदिर परिसर में तैनात किए गए हैं।

इस दौरान पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी नहीं हो इसके लिए हर संभव उपाय किए गए हैं। इस बार लोगों के लिए जूता-चप्पल रखने का प्रबंध नीलांचल पहाड़ के नीचे ही किया गया है। नवनिर्मित ओवर ब्रिज के नीचे जूता-चप्पल रखने का विशाल रैक बनाया गया है। धूप के समय सड़क पर पानी छिड़कने एवं कार्पेट बिछाने की भी व्यवस्था की गई है।

राज्य के पर्यटन मामलों के मंत्री जयंत मल्लबरुवा ने मीडिया को बताया कि आज से 27 जून तक कामाख्या मंदिर दर्शन के लिए सभी वीआईपी पास की व्यवस्था को स्थगित कर दिया गया है। इस दौरान किसी भी वीआईपी को विशेष सुविधा नहीं दी जाएगी।

राज्य के पुलिस महानिदेशक ने कहा कि अंबुबासी मेले को लेकर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। सुरक्षा को तीन श्रेणी में विभक्त किया गया है। मंदिर परिसर की सुरक्षा, मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा तथा इस दौरान यातायात के समुचित प्रबंधन- तीनों की व्यवस्था की गई है। बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी तथा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

अंबुबासी मेले के मौके पर कामाख्या गेट से लेकर मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है। जगह-जगह भक्तों के लिए शरबत, पेयजल, भोजन, जलपान आदि की व्यवस्था की गई है। कई दिन पहले से ही भक्त इस मेले में पहुंच रहे हैं। लोगों के पहुंचने का सिलसिला चार दिनों तक लगातार जारी रहेगा। अंबुबासी मेले के दौरान हर साल यहां लाखों की संख्या में लोग आते हैं। मंदिर बंद रहता है, लेकिन बाहर तंत्र और अघोर क्रिया करने वाले साधकों के लिए ये समय काफी महत्वपूर्ण होता है। इस समय में वे अपनी साधनाएं करते हैं।

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