बदला मौसम का मिजाजः पहाड़ों पर बर्फबारी, मैदानों में बरसे बादल
- गुलमर्ग, राजदान दर्रा, पीर की गली, सिंथन टाप व भद्रवाह के कैलाश कुंड में पहाड़ों पर बिछी सफेद चादर
जम्मू-कश्मीर में मौसम करवट बदल रहा है। शनिवार रात व रविवार को विश्व प्रसिद्व पर्यटन स्थल गुलमर्ग, राजदान दर्रा, पीर की गली, भद्रवाह के कैलाश कुंड समेत कई ऊंचे पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी से चोटियां सफेद हो गई।
गुलमर्ग को छोड़कर अन्य इलाकों में यह मौसम की पहली बर्फबारी है। ऊधर मैदानी इलाकों में रात को बारिश व तेज हवाओं से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार 8 व 9 अक्टूबर को फिर से बारिश होगी।
दक्षिण कश्मीर से पूंछ व राजोरी को जोड़ने वाले ऐतिहासिक मुगलरोड पर पीर की गली और लाल गुलाम दर्रें सहित इसके आसपास के इलाकों में रविवार को बर्फबारी हुई, जिससे इलाका बर्फ की सफेद चादर में लिपट गया। यह इलाका लंबे समय से चल रहे सूखे के बीच बर्फ की परत से ढका है।
गुलमर्ग के उपरी इलाकों में ताजा बर्फबारी हुई है, जो क्षेत्र में सर्दियों की शुरूआत का संकेत है। राजदान दर्रे पर मौसम की पहली बर्फबारी हुई है। हालांकि बांदीपोरा-गुरेज मार्ग पर कोई असर नहीं हुआ है। यातायात जारी है। सुंदर मार्ग पर एक इ्रच बर्फ जम गई। किश्तवाड़ के सिंथनटाप व मरगन टाप, नागनीशीरू के पहाड़ों पर भी बर्फबारी हुई है।
बारिश से धान की फसल प्रभावित
जम्मू जिले में शनिवार रात तेज बारिश के साथ हवाएं चलीं। जिसके कारण कई इलाकों में बिजली की आपूर्ति बंद हो गई। कठुआ, सांबा, उधमपुर, डोडा में भी बारिश हुई। श्नीनगर में रात को तीन घंटे बारिश हुई। दिन में सभी जगह आसमान साफ है।
शोपियां में आंधी से सेब की फसल को नुकसान
शनिवार रात 8 से 10 बजे तक चली तेज आंधी से केलर बेल्ट में सेब समय से पहले ही पेड़ों से गिर गए हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। एक किसान ने कहा, हम पिछले तीन सालों से घाटे का सामना कर रहे हैं, या तो कम कीमतों या खराब मौसम के कारण।
इस बार, फसल काटने से पहले ही तूफान आ गया, जिससे हमें आय की बहुत कम उम्मीद है। इससे पहले इस इलाके में अगस्त माह में 27 गांवों में हुई भीषण ओलावृष्टि में सिर्फ 15 मिनट में करीब एक लाख सेब की पेटियां नष्ट हो गई थी। जिसकी अनुमानित कीमत करीब 100 करोड़ रूपये थी।