Champawat News: चम्पावत साइंस सिटी का सीएम धामी ने किया भूमि पूजन एवं शिलान्यास
- 55 करोड़ 53 लाख रूपये की लागत से होगा निर्माण
- नशा मुक्ति केंद्र का भी किया शुभारम्भ
55 करोड़ 53 लाख रूपये की लागत से निर्मित होने वाले चम्पावत साइंस सिटी का सीएम धामी ने भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि विज्ञान केंद्र आदर्श चंपावत के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री विज्ञान केंद्र के माध्यम से चम्पावत ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी ऊँची छलाँग लगाई है, जिसका गुणात्मक प्रभाव शीघ्र ही दिखाई देगा। मुख्यमंत्री प्रदेश भर के प्रतिभाशाली छात्र छात्राओं को वैज्ञानिक क्रांति की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए निरन्तर कार्य किए जा रहे हैं।
यह है लैब ऑन व्हील्स परियोजना
लैब ऑन व्हील्स के माध्यम से राज्य के ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने और विज्ञान संचार गतिविधियों को बढ़ावा देने का कार्य किया जाना है। प्रदेश में परियोजना का संचालन दो चरणों में किया जा रहा है, प्रथम चरण में राज्य के 04 जिलों चम्पावत, अल्मोड़ा, देहरादून एवं पौड़ी में लैब ऑन व्हील्स का संचालन किया जा रहा है जिसके पश्चात दूसरे चरण में राज्य के सभी जनपदों में परियोजना का संचालन किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री लैब ऑन व्हील्स परियोजना के अन्तर्गत प्रत्येक जिले के लिए चलती फिरती विज्ञान प्रयोगशाला, मुख्यमंत्री मोबाइल साइंस लैब को दी गयी है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी विकास खंडो में स्टेम लैब स्थापित किये जायेंगें। उन्होंने इस मौके पर नशा मुक्ति केंद्र का भी शुभारम्भ किया।
मुख्यमंत्री ने चंपावत में विज्ञान केंद्र के शिलान्यास की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह विज्ञान केंद्र हमारे आदर्श चंपावत के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड विज्ञान प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट राज्य बने, इसके लिए हम निरंतर कार्य कर रहे हैं तथा राज्य में विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार के प्रचार प्रसार के लिए राज्य की नोडल संस्था, यूकॉस्ट के माध्यम से लगातार कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विज्ञान ही विकास का मूल आधार है तथा विज्ञान ही संवेदनशील तरीकों से समस्याओं का समाधान करने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि चम्पावत का विज्ञान केन्द्र राज्य में देहरादून, अल्मोड़ा के बाद तीसरा विज्ञान केंद्र होने जा रहा है तथा देश की 5वीं साइंस सिटी देहरादून में बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में अल्मोड़ा में बने मानसखण्ड विज्ञान केन्द्र का लोकापर्ण किया गया है तथा आज लंबे समय से चम्पावत में विज्ञान केंद्र की स्थापना के लिए जो मांग की जा रही थी, वो अब पूरी हो रही है और यह शिलान्यास समारोह चम्पावत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है।
उन्होंने कहा कि विज्ञान केंद्र के माध्यम से चम्पावत ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ऊँची छलाँग लगाई है, जिसका गुणात्मक प्रभाव हम सबको शीघ्र ही दिखाई देगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जिक्र करते हुये कहा कि उनके नेतृत्व में हमारा देश विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है, तथा भारत की नेतृत्व क्षमता को पूरे विश्व ने स्वीकार भी किया है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक सोच और नवाचारी प्रवृति से ही देश एवं राज्य में विकास की रफ्तार तेज होगी।
राष्ट्रीय स्तर की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में आम जनमानस की भागीदारी सुनिश्चित करने में विज्ञान केंद्रों की अपनी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्पावत सहित प्रदेश भर के प्रतिभाशाली छात्र छात्राओं को वैज्ञानिक क्रांति की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए निरन्तर कार्य किए जा रहे हैं।
राज्य सरकार ने राज्य में विज्ञान प्रौद्योगिकी व नवाचार के प्रचार प्रसार के लिए मुख्यमंत्री लैब ऑन व्हील्स परियोजना के अन्तर्गत प्रत्येक जिले के लिए चलती फिरती विज्ञान प्रयोगशाला मुख्यमंत्री मोबाइल साइंस लैब की भी मंजूरी दी गयी है, जो प्रथम चरण में राज्य के चार जिलों में जल्द ही स्थापित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के प्रत्येक ब्लाक में स्टेम एजुकेशन सिस्टम के माघ्यम से विज्ञान तकनीक, प्रौद्योगिकी तथा गणित विषय को विद्यार्थियों की योग्यता एवं रुचि के अनुसार रोचक तरीकों से सिखाया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (यूकॉस्ट) राज्य के 95 विकास खंडो में स्टेम लैब को स्थापित करने के लिए सदैव प्रयासरत है। इसके प्रथम चरण में राज्य के सीमांत जनपदों सहित देहरादून में यूकॉस्ट के माघ्यम से विकासखंडो में स्टेम लैब स्थापित करके राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है तथा अगले चरण में स्टेम लैब प्रदेश के सभी ब्लाकों में स्थापित किये जाएगे।
बजट सत्र में राज्य के सभी जिलों में विज्ञान केन्द्र बनाने के लिए बजट आवंटित किया गया है। उन्होंने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी व नवाचार पर उत्कृष्ट कार्य किए जाने पर यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो0 दुर्गेश पंत और उनकी टीम को शुभकामनाए दी। उन्होंने कहा विज्ञान केन्द्र राज्य के छात्र छत्राओं, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों के लिए उत्साह और उत्कृष्टता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर नशा मुक्ति केंद्र का शुभारम्भ करते हुये युवाओं को प्रत्येक नशे से दूर रहने के लिए भी कहा। नशा देश की नींव रखने वाले युवाओं को पूरी तरह खोखला कर देगा।
इस कार्यक्रम में सांसद अजय टम्टा ने भाग लेते हुए कहा कि चम्पावत कुमाऊं की राजधानी रही है। उन्होंने कहा कि चम्पावत में विज्ञान केन्द्र के खुलने से बच्चों के मानसिक विकास में निरन्तर वृद्धि होगी, क्योंकि किसी भी कार्य की प्रवीणता के लिये प्रैक्टिल की बहुत बड़ी भूमिका होती है तथा निश्चित ही यहां के बच्चों को इस विज्ञान केन्द्र के संचालित होने पर काफी बड़ा फायदा होगा।
उन्होंने विज्ञान केन्द्र की विशेषताओं का उल्लेख करते हुये बताया कि इस विज्ञान केन्द्र में कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर अत्याधुनिक इंटरैक्टिव गैलरी फन साइंस पर इण्टरैक्टिव और सहभागी प्रदर्शनी, अन्तरिक्ष एवं खगोल विज्ञान पर इमर्सिव प्रदर्शन, डिजिटल तारामण्डल साइंस पार्क आदि की सुविधायें होंगी जिससे इस क्षेत्र में विज्ञान और प्रौद्यागिकी के लोकव्यापीकरण तथा विकास को बढ़ावा मिलेगा।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर0के0 सुधांशु, सचिव शैलेष बगौली सहित अन्य पदाधिकारी एवं अधिकारी भी उपस्थित रहे।