Review Meeting: वन में लगी आग को रोकने व आने वाले मानसून की तैयारियां
- सीएम धामी ने की समीक्षा।
- वन विभाग के 10 कार्मिकों को किया निलंबित
वन में लगने वाली आग और आ रहे मानसून के दौरान सामने आने वाली कठिनाईयों से बचने के लिए की गई तैयारियों की सीएम धामी की ओर से समीक्षा की। इस दौरान वनाग्नि पर रोक लगाने के लिए सचिवों को जिम्मेदारी देने के लिए सीएम धामी ने कई निर्देश भी दिए। लापरवाही बरतने पर वन विभाग के 10 कार्मिकों को सीएम ने निलंबित किया। इसके साथ ही आग लगाने में संलिप्त तत्वों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए भी सीएम धामी ने निर्देश दिये।
इस दौरान उन्होंने मुख्यरूप से वनाग्नि, पेयजल, एवं मानसून सीजन के साथ ही चार धाम की व्यवस्थाओं की तैयारियों की समीक्षा की। वनाग्नि को रोकने और जन जागरूकता के लिए मुख्यमंत्री फायर लाईन बनाने की कार्यवाही में प्रतिभाग भी करेंगे। उन्होंने कहा कि इसमें जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि वनाग्नि को पूर्ण रूप से रोकने के लिए सभी सचिव को अलग अलग जिलों की जिम्मेदारी दी जाए।
सभी सचिव संबंधित जनपदों में जाकर वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करें और वनाग्नि को रोकने के लिए प्रभावी कदम भी उठायें।
वनाग्नि को रोकने के लिए प्रभावी योजना बनाई जाए, इसके साथ ही सीएम के निर्देश पर वनाग्नि को रोकने में लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के 10 कार्मिकों को निलंबित किया गया है एवं अन्य कुछ कार्मिकों पर भी अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश भी दिये गये हैं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि वनाग्नि पर प्रभावी रोकथाम के लिए जन सहयोग लिया जाए। जंगलों में आग लगाने की घटनाओं में जो भी लिप्त पाये जा रहे हैं, उन पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाए।
वनाग्नि को रोकने के लिए रिस्पांस टाईम कम से कम किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनों से चिड़ की सूखी पत्तियों (पिरूल) एकत्रीकरण के लिए प्रभावी योजना बनाई जाय। चिड़ की सूखी पत्तियों (पिरूल) के लिए संग्रहण केन्द्र बनाए जाएं।
इसमें सहकारिता विभाग का भी सहयोग लिया जाए। पिरूल एकत्रीकरण के लिए दी जाने वाली धनराशि को भी बढ़ाया जाए।
मानसून से पूर्व सभी तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाए एवं आाने वाले मानसून सीजन की तैयारियों के संबंध में बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मानसून से पहले नालियों की सफाई, ड्रेजिंग और चैनलाईजेशन की कार्यवाही को पूरा किया जाए। नदी किनारे सुरक्षा दीवारों के निर्माण और मरम्मत के कार्य समय से पहले ही पूरे कर लिए जाएं। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी पुराने ब्रिजों का सेफ्टी ऑडिट किया जाए। वर्षाकाल के दृष्टिगत संवेदनशील क्षेत्रों में वैली ब्रिज की पूर्ण व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी डैम की गहराई और क्षेत्रफल की वर्तमान स्थिति जानने के लिए संबंधित विभागों की एक कोर्डिनेशन कमेटी बनाई जाए।
यह भी आंकलन किया जाय कि डैम के बनने से वर्तमान समय तक डैम की गहराई और क्षेत्रफल की स्थिति क्या है।
उन्होंने कहा कि अधिकारी प्रो एक्टिव एप्रोच से काम करें, मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मानसून सीजन शुरू होने से पहले ही डेंगू, मलेरिया और अन्य जल जनित रोगों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता के साथ ही पूरी तैयारी की जाए।
स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाय। आपदा के दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग की रैपिड एक्शन टीम तैयार रखी जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी जनता की समस्याओं के समाधान के लिए प्रोएक्टिव एप्रोच के साथ कार्य करें।
पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। स्वच्छ पेयजल के लिए पर्याप्त वैकल्पिक व्यवस्थाएं रखी जाय।
जहां पेयजल की समस्या है वहाँ टैंकर और खच्चर से पीने के पानी की आपूर्ति की जाये। इसके लिए सभी कार्यदायी संस्थाओं को आपसी समन्वय के साथ कार्य करना होगा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राज्य में चारधाम यात्रा के मौसम अलर्ट की व्यवस्था के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से रखा जाए।
यह सुनिश्चित किया जाय कि मौसम की जानकारी से संबंधित अलर्ट एसएमएस के माध्यम से लोगों को मिले।
चारधाम और मौसम से संबंधित अन्य सूचनाओं के आदानप्रदान के लिए सूचना तंत्र को भी मजबूत बनाया जाए।
श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी विभाग अपने स्तर पर बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। जन सुविधा को ध्यान में रखते हुए आधुनिक तकनीकि का अधिकतम इस्तेमाल किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के दृष्टिगत संवदनशील स्थलों और चारधाम यात्रा मार्गों पर जेसीबी की पर्याप्त व्यवस्था की जाय। इस बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन सहित सभी जिलाधिकारी उपस्थित रहे।