Wheat Prices: दशहरा और दीपावली पर लगेगा महंगाई का बड़ा झटका!

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  • आम आदमी के लिए दो वक्त की रोटी होगी महंगी
  • बच्चों के सपने भी होंगे प्रभावित

एक ओर जहां देश दुनिया में बढ़ती महंगाई ने आम आदमी को परेशान कर रखा है। कभी हरी सब्जियों के दाम बढ़ रहे, तो कभी खाने का तेल आलू.प्याज व टमाटर के रेट भी आसमान छूते नजर आ रहे हैं। ऐसे में इसका असर देश के विभिन्न राज्यों सहित उत्तराखण्ड में भी दिखाने को मिल रहा है।

वहींं जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार एक बार फिर आम लोगों को महंगाई का झटका लगने वाला है, दरअसल जल्द आने वाले त्यौहारों जैसे दशहरा और दीपावली में महंगाई की एक बार फिऱ मार पड़ सकती है। पिछले कई सप्ताह से गेहूं के आटे के दामों में बढ़ोतरी देखी जा रही है।

दरअसल थोक मंडियों में आटा की न्यूनतम कीमत 2250 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 2800 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास पहुंच गई है। वहीं ये भी आशंका जताई जा रही है कि ऐसे में गेहूं और आटे से बनने वाले सभी प्रोडक्ट जैसे ब्रेड, मफिन, नूडल्स, पास्ता, बिस्किट, केक, कुकीज की कीमतों पर इसका असर देखने को मिल सकता है। ऐसे में दशहरा-दीपावली से पहले आटे के बढ़ते दामों ने आम लोगों की परेशानी को बढ़ा दिया है।

आम आदमी पर पड़ेगी मार
वहीं जानकारों का मानना है कि यदि त्यौहार के अवसर पर आटे के दाम में वृद्धि होती है, तो इसका सबसे अधिक असर गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों पर देखने को मिलेगा। कारण ये है कि महंगाई की ये मार उसके बजट को सीधे तौर पर प्रभावित करेगी। ऐसे में जहां एक आम आदमी भी त्यौहारों पर अपने बच्चों को कम से कम नए कपड़े आदि दिलाने की इच्छा अवश्य रखता है। वहीं आटे के दामों मे होने वाला ये बदलाव उसके व उसके बच्चों के सपनों को तोड़ सकता है।

दरअसल आटे के दामों में वृद्धि सीधे तौर पर उसके त्यौहार का भी प्रभावित करेगीं कारण ये है कि उसके बजट में आया ये बदलाव उसकी आर्थिक कमर पर चोट करेगी, जिससे उसका खुशी खुशी त्यौहार मनाने का ख्वाब टूट सकता है। जानकारों का तो यहां तक कहना है कि त्यौहार पर महंगाई की ये मार आम लोगों को त्योहार को अच्छे से न मना पाने के चलते और बच्चों को खुशी न दे पाने के चलते तोड़कर रख सकती है।

वहीं आटे की बढ़ते रेट पर केंद्र सरकार की ओर से कहा कि देश में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता है। खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने के साथ ही जमाखोरी और सट्टेबाजी रोकने के लिए भारत सरकार ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी चेन वाले खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसर पर लागू होने वाली गेहूं की स्टॉक लिमिट में संशोधन किया है। रबी 2024 के दौरान कुल 1129 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है।

सरकार ने सभी गेहूं स्टोरेज संस्थाओं को गेहूं स्टॉक लिमिट पोर्टल पर रजिस्टर करने को कहा गया है। वहीं हर शुक्रवार को स्टॉक की स्थिति को अपडेट करने के निर्देश दिए गए है। केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारी इन स्टॉक लिमिट की निगरानी करेंगे।

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