कोलकाता के जूनियर डॉक्टरों का तिरपाल ओढ़कर बारिश में भी प्रदर्शन जारी, शुभेंदु अधिकारी के बयान पर भड़के

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में ट्रेनी डॉक्टर का रेप और उसकी हत्या को लेकर राज्य के डॉक्टरों का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को जूनियर डॉक्टरों के एक समूह ने बंगाल के विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की इस बात के लिए आलोचना की और कहा कि अधिकारी का यह बयान गलत है कि भारतीय जनता पार्टी की विधायक अग्निमित्रा पॉल के खिलाफ वापस जाओ के नारे लगाने वाले जूनियर डॉक्टर नहीं थे। आंदोलनकारी डॉक्टरों ने इस बात पर जोर दिया कि वे अपने विरोध का राजनीतिकरण नहीं होने देंगे।

उनका यह बयान तब आया है जब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने एक वीडियो जारी कर कहा कि कुछ जूनियर डॉक्टरों को पास के भाजपा कार्यालय से समर्थन मिल रहा है। रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है। एक डॉक्टर ने कहा, हम किसी को भी राजनीतिक लाभ के लिए हमारे आंदोलन का उपयोग करने की इजाजत नहीं देंगे। हम शुभेंदु अधिकारी के इस बयान की निंदा करते हैं जिसमें उन्होंने कहा कि अग्निमित्रा पॉल पर वापस जाओ के नारे लगाने वाले जूनियर डॉक्टर नहीं थे।

स्वास्थ्य भवन के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रदर्शनकारियों ने राज्य की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार का आह्वान किया। बता दें कि जूनियर डॉक्टर न्याय की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने मरीजों को छोटी-मोटी बीमारियों के लिए दूर जाने से रोकने के लिए मजबूत बुनियादी ढांचे की मांग की और अस्पताल में आने वालों की संख्या कम करने के लिए एक कुशल रेफरल प्रणाली की मांग की।
पश्चिम बंगाल में आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखकर आरजी कर अस्पताल की समस्या में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट द्वारा लिखे गए चार पन्नों के पत्र की प्रतियां उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को भी भेजी गई हैं।

डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव कराने, रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के गठन और पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल के पारदर्शी चुनाव की मांग की। इससे पहले, डॉक्टरों के संयुक्त मंच और भारतीय चिकित्सा संघ के बंगाल चैप्टर ने राज्य चिकित्सा परिषद को भंग करने और नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की थी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जूनियर डॉक्टरों ने पांच मांगें दोहराईं। उनमें आरजी कर बलात्कार और हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करना और उन्हें गिरफ्तार करना, कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल का इस्तीफा, आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई, स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सुरक्षा उपाय और राज्य के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारियों का इस्तीफा।

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