अमेरिका में मंदी की तेज उठती लपटों ने 452 कंपनियों का निकला दिवाला

0

वॉशिंगटन. दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी कहे जाने वाले अमेरिका की हालत खराब हो रही है? अमेरिका में विश्व की टॉप कंपनियां हैं और ये विकसित राष्ट्र भी है. लेकिन अब वहां के हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं. पिछले 8 महीने में एक के बाद एक टोटल 452 कंपनियों ने खुद को दिवाला घोषित किया है.

अमेरिका में राष्ट्रपति के चुनाव चल रहे हैं. आमने-सामने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और वर्तमान की वाइस प्रेसिडेंट कमला हैरिस हैं. कौन जीतेगा? यह रिजल्ट से तय होगा, लेकिन यूएस के अगले राष्ट्रपति का कार्यकाल आसान नहीं रहने जा रहा है. एक तरफ जहां देश मंदी के आग के पास खड़ा है. कुछ एक्सपर्ट बता रहे हैं कि मंदी आ चुकी है तो किसी का मानना है कि जल्द दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी वाला देश मंदी की चपेट में चला जाएगा.

इन दावों में सच्चाई भी नजर आती है, क्योंकि पिछले कुछ महीनों में अमेरिका की सैकड़ों कंपनियां खुद को दिवालिया घोषित कर चुकी हैं. 2024 में अमेरिका की अर्थव्यवस्था गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है. साल के पहले आठ महीनों में 452 बड़ी कंपनियां दिवालिया हो चुकी हैं, जो 14 वर्षों में दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है. 2020 में महामारी के दौरान 466 कंपनियां दिवालिया हुई थीं. इस साल अगस्त में 63 कंपनियों ने दिवाला घोषित किया, जबकि जुलाई में यह संख्या 49 थी.

कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी सेक्टर को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, जिसमें 69 बड़ी कंपनियां बंद हो गईं. इसके बाद इंडस्ट्रियल सेक्टर में 53 और हेल्थकेयर सेक्टर में 45 कंपनियां दिवालिया हुई हैं. आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती, बढ़ती बेरोजगारी और घटते उपभोक्ता खर्च के कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही है. इस स्थिति के चलते आने वाले समय में और अधिक कंपनियों के दिवालिया होने की संभावना है.

पिछले वर्षों में अमेरिका ने वित्तीय संकटों से निपटने के कई प्रयास किए हैं. 2010 में 827 बड़ी कंपनियां दिवालिया हुई थीं, जो 2008 के वित्तीय संकट का परिणाम था. इसके बाद की वर्षों में भी कंपनियों के दिवालिया होने की संख्या में उतार-चढ़ाव देखा गया, जैसे कि 2020 में महामारी के दौरान 638 कंपनियां दिवालिया हुईं, जबकि 2023 में यह संख्या 634 थी. यह स्थिति अमेरिका के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि कंपनियों के दिवालिया होने से रोजगार में कमी और आर्थिक स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. जो इनडायरेक्ट रूप से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाता है.

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *