Uttarakhand: 5 सालों में भी हर घर तक नहीं पहुंचा नल
- जल जीवन मिशन के तहत 11 जिलों में 58 हजार घर हैं बाकी
जल जीवन मिशन के तहत उत्तराखंड में पांच साल में भी शत-प्रतिशत घरों तक पेयजल कनेक्शन नहीं पहुंच सका है। इनमें मुख्य रूप से चार जिलों में काम काफी धीमा है। वहीं कनेक्शन का लक्ष्य पूरा करने में पौड़ी पहले स्थान पर है।
ज्ञात हो कि जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश के 14 लाख 51 हजार 826 घरों में हर घर नल से जल पहुंचाना था। अब तक 13 लाख 93 हजार 546 घरों में पानी के कनेक्शन दिए जा चुके हैं। योजना की अवधि 31 मार्च को खत्म होने पर इसे केंद्र ने एक साल और बढ़ा दिया। यहां ये भी जान लें कि 58,280 भवन ऐसे हैं जहां पेयजल निगम अभी तक पानी का कनेक्शन नहीं पहुंचा पाया है।
इस बीच जल जीवन मिशन में कई जिलों में गड़बड़ियां भी सामने आ रही हैं। अल्मोड़ा में गड़बड़ियों के बीच गलत निर्माण पर एक जेई निलंबित हुआ है, वहीं माना जा रहा है कि बाकी अधिकारियों पर भी जल्द शिकंजा कसने वाला है। यहां योजना का काम काफी धीमा चल रहा है। हालांकि मुख्य अभियंता मुख्यालय संजय कुमार का कहना है कि योजना के तहत 95.99 घरों तक कनेक्शन पहुंच चुके हैं। अब जल्द ही काम पूरा हो जाएगा।
किस जिले में कितने घर हैं बिना नल-जल
जिला : शेष भवन
हरिद्वार : 17,070
अल्मोड़ा : 14,190
नैनीताल : 13,316
ऊधमसिंह नगर : 8982
चंपावत : 587
टिहरी : 166
बागेश्वर : 132
चमोली : 50
देहरादून : 42
उत्तरकाशी : 15
पौड़ी : 02
जल जीवन मिशन : चाहिए चार हजार करोड़
बताया जाता है कि जल जीवन मिशन का काम पूरा करने के लिए अब राज्य को केंद्र से चार हजार करोड़ रुपये बजट की दरकार है। बीच में कुछ पैसा मिला था लेकिन वह अपर्याप्त था। अब इंतजार है कि पुराने कार्यों का उपयोगिता प्रमाणपत्र जाने के बाद केंद्र आगे का बजट जारी करेगा। ज्ञात हो कि इस योजना के तहत पहले सभी घरों में पानी का कनेक्शन लगाया जाना था और इस आधार पर ही पेजयल योजनाएं बनाई जानी थीं।