Indian Economy: महाकुंभ की मदद से मार्च अंत तक चार ट्रिलियन डालर की हो जाएगी आर्थिकी

0
  • मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा- महाकुंभ में हुए खर्च का असर चौथी तिमाही में दिखेगा

  • चालू वित्त वर्ष के अंत में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 3.92 ट्रिलियन डालर का हो जाएगा

मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने बताया कि प्रयागराज में महाकुंभ के भव्य आयोजन से ट्रांसपोर्ट, फूड, होटल जैसे कई उद्योगों को बल मिला है। 50-60 करोड़ लोग महाकुंभ में शामिल हुए, जिससे खर्च में बढ़ोतरी हुई और उसका प्रभावशाली असर चौथी तिमाही के जीडीपी में दिखेगा।

उन्होंने कहा कि पहली और दूसरी तिमाही के दौरान सार्वजनिक खर्च में चुनाव की वजह से कमी रही लेकिन अब इसमें काफी तेजी आई है और इस साल जनवरी तक पूंजीगत व्यय अनुमान का 75 प्रतिशत खर्च हो चुका है। इसके अलावा गैर पेट्रोलियम एवं गैर जेम्स और ज्वेलरी सेक्टर के निर्यात में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। ग्रामीण और शहरी दोनों ही खपत में बढ़ोतरी हो रही है। इसलिए चौथी तिमाही में 7.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी वास्तविक दिख रही है।

नागेश्वन ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के अंत में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 3.92 ट्रिलियन डालर का हो जाएगा और हम करीब-करीब चार ट्रिलियन डालर के स्तर को छू लेंगे। एक्यूट रेटिंग्स एंड रिसर्च के कार्यकारी निदिशक और मुख्य अर्थशास्त्री सुमन चौधरी ने कहा कि आगे चलकर भारत की अर्थव्यवस्था निजी निवेश में व्यापक पुनरोद्धार, स्थिर निर्यात और मजबूत शहरी मांग पर निर्भर करेगा।

47.17 लाख रुपये…
जीडीपी रहने का अनुमान वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में वास्तविक जीडीपी या स्थिर मूल्यों पर जीडीपी 47.17 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में यह 44 .44 लाख करोड़ रुपये रहेगी।

जानकारों के अनुसार पहली तिमाही की जीडीपी वृद्धि को घटाकर 6 .5 प्रतिशत कर दिया गया। वहीं, दूसरी तिमाही के लिए इसे संशोधित कर 5.6 प्रतिशत कर दिया गया। इन संशोधनों को देखते हुए चौथी तिमाही में जीडीपी में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। वैश्विक अनिश्चितताओं को देखते हुए माना जा रहा है कि यह थोड़ा अधिक
है, जो कारपोरेट मार्जिन को प्रभावित करेगा।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *