उत्तराखंड वक्फ बोर्ड का आदेश, राज्य विद्यालयी शिक्षा बोर्ड में पंजीकरण कराएं मदरसा

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Uttarakhand News: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने प्रदेश में उसकी संपत्ति पर संचालित हो रहे 100 से ज्यादा मदरसों से राज्य विद्यालयी शिक्षा बोर्ड में पंजीकरण कराने तथा उसके पाठयक्रम को पूरी तरह से अपनाने के लिए कहा है। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने मंगलवार को को बताया, ‘‘यह निर्णय राज्य वक्फ बोर्ड की हाल ही में हुई एक बैठक में लिया गया, ताकि मदरसों में जाने वाले बच्चों को भी अन्य बच्चों की तरह आधुनिक शिक्षा मिल सके।’’

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने बताया कि इसका उद्देश्य मदरसों में पढ़ रहे बच्चों को आधुनिक शिक्षा दिलाकर उन्हें उच्च प्रतिस्पर्धात्मक शैक्षणिक जगत और पेशेवर जगत की चुनौतियों से निपटने के लायक बनाना है। शादाम शम्स ने आगे बताया कि सभी मदरसा प्रबंधन अधिकारियों को बोर्ड के निर्णय के बारे में सूचित करते हुए उनसे इस दिशा में कदम उठाने को कहा गया है।

सीएम धामी को फैसले से कराया गया अवगत
इसके अलावा उन्हें उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद में पंजीकरण के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी को आवेदन करने के लिए कहा गया है। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने बताया कि बोर्ड ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी पत्र लिखकर इस फैसले से अवगत करा दिया है।

शम्स ने आगे बताया है कि उत्तराखंड में वक्फ संपत्तियों पर 117 मदरसे चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले चरण में आधुनिकीकरण योजना वक्फ बोर्ड के तहत आने वाले कम से कम 50 मदरसों में लागू की जाएगी। यह पूछे जाने पर कि क्या इसका अर्थ मदरसों द्वारा छात्रों को दी जाने वाली पारंपरिक धार्मिक शिक्षा को बंद करना है, शम्स ने कहा कि स्कूल की सामान्य अवधि के बाद वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र होंगे। निश्चित तौर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड का यह मदरसा शिक्षा में बड़ा बदलाव साबित होगा।

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