Uttarakhand: भाजपा प्रत्याशी चयन को लेकर पूर्व कैबिनेट मंत्री टटोलेंगे दावेदारों का मन
नगर निकायों के लिए घोषित आरक्षण के बाद स्थानीय स्तर से लेकर हाईकमान स्तर तक के राजनेताओं की माथापच्ची बढ़ गई है। अल्मोड़ा मेयर की महिला उम्मीदवार के चयन का मुद्दा तो भाजपा प्रदेश नेतृत्व तक पहुंच गया है। पार्टी की कई सक्रिय कार्यकर्ता टिकट की दावेदारी कर रही हैं लेकिन बदली परिस्थिति में पार्टी के कई पुरुष नेता अपने परिवार की महिलाओं के लिए भी संभावनाएं तलाश रहे हैं। बदली परिस्थितियों के बीच वार्ड स्तर के कई नेता आरक्षण पर आपत्ति का बड़ा सा पुलिंदा लेकर भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंच गए हैं।
यूं तो पार्टी के स्थानीय नेता दावा कर रहे हैं की पार्टी जिसे भी टिकट देगी उसे मजबूती से चुनाव लड़ाया जाएगा। इधर सियासत के जानकार बता रहें कि जो खुद टिकट के लिए मन ही मन इच्छा पाले बैठे हैं वह कैसे किसी एक प्रत्याशी के लिए मन से प्रचार-प्रसार करते नजर आएंगे। वैसे भी इस आरक्षण ने चुनाव लड़ने की आस पाले बैठे कई नेताओं के अरमानों पर पानी फेर दिया है।अल्मोड़ा की मेयर सीट महिला के लिए आरक्षित कर दी गई है।
ऐसे में खुद के लिए टिकट चाहने वालों की मंशा मेयर पति, मेयर पिता या फिर मेयर भाई बनने की है। इसके लिए इन नेताओं ने स्थानीय स्तर से लेकर हाईकमान तक से फिल्डिंग लगानी शुरू कर दी है।सूत्रों ने बताया कि अल्मोड़ा जिले के लिए और पार्टी की गाइडलाइन से उन्हें अवगत कराने के लिए प्रदेश हाई कमान ने पूर्व मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल, रुद्रपुर के विधायक शिव अरोड़ा और गंगोलीहाट की पूर्व विधायक मीना गंगोला को पर्यवेक्षक बनाया है। ये नेता 21 दिसंबर से पहले जिला मुख्यालय पहुंचकर पार्टी के संभावित दावेदारों का मन टटोलेंगे।
इन तीनों की रिपोर्ट पर ही काफी हद तक टिकट का फाइनल होना तय निर्भर करेगा। इस बीच भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष तथा पूर्व विधायक कैलाश शर्मा कहा कि आरक्षण तय करना सरकार का विवेक है जो भी व्यवस्था की गई है भाजपा उसे स्वीकार करती है। पार्टी का सिंबल जिसे भी मिलेगा सभी कार्यकर्ता जी जान से उसे जिताने के लिए प्रयास करेंगे।