Uttarakhand: आज राज्यपाल के अभिभाषण से होगा बजट सत्र का आगाज

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  • विधानसभा के अंदर व बाहर रहेगी कड़ी सुरक्षा

उत्तराखंड विधानसभा बजट सत्र की शुरुआत आज मंगलवार से राज्यपाल के अभिभाषण से होगी। 20 फरवरी को प्रदेश सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश करेगी। पहली बार सत्र ई-विधानसभा में होगा। विधानसभा सचिवालय ने सत्र के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सत्र के दौरान विधानसभा परिसर के अंदर व बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी।

कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में 18 से 20 फरवरी तक सदन संचालन के लिए एजेंडा तय किया गया। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) के अभिभाषण से सत्र शुरू होगा। इसके बाद अभिभाषण पर चर्चा और धन्यवाद प्रस्ताव होगा। 20 फरवरी को वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल दोपहर 12.30 बजे बजट पेश करेंगे। एक लाख करोड़ से अधिक बजट होने का अनुमान है। इसमें महिला, युवा, गरीब, किसान, अवस्थापना विकास पर बजट में सरकार का फोकस रह सकता है।

इसके अलावा प्रदेश सरकार की ओर से दो विधेयक व तीन अध्यादेश भी सदन पटल पर आएंगे। पेपरलेस सत्र की पहल के तहत पहली बार सत्र ई-विधानसभा में होगा। इसके लिए सदन में सभी सदस्यों के बैठने के स्थान पर टैबलेट लगाए गए। इसके माध्यम से ही विधायकों को एजेंडा, प्रश्नों की जानकारी मिलेगी।

2 विधेयक व 3 अध्यादेश होंगे पेश

प्रदेश सरकार सदन में दो विधेयक व तीन अध्यादेश पेश करेगी। इसमें उत्तराखंड नगर निकायों एवं प्राधिकरणों के लिए विशेष प्राविधान(संशोधन) विधेयक 2025 व उत्तराखंड निक्षेपक जमाकर्ता हित संरक्षण (वित्तीय अधिष्ठानों में) निरसन विधेयक 2025 विधेयक शामिल है। जबकि उत्तराखंड राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय अध्यादेश-2024, उत्तराखंड नगर निकायों एवं प्राधिकरणों के लिए विशेष प्राविधान संशोधन अध्यादेश-2024, उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959) द्वितीय संशोधन अध्यादेश 2024 को पेश किया जाएगा।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण के अनुसार बजट सत्र के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पहली बार सत्र ई-विधानसभा में हो रहा है। कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में 20 फरवरी तक एजेंडा तय किया गया। सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण व गरिमामय तरीके से संचालित हो। इसके लिए सभी दलों से सहयोग का आग्रह किया। मेरा प्रयास है कि राज्य के विकास व जनहित के मुद्दों पर ज्यादा से ज्यादा चर्चा हो।

संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के अनुसार प्रदेश सरकार की ओर से सदन में विपक्ष के हर सवाल का जवाब दिया जाएगा। सदन में दो विधेयक व तीन अध्यादेश भी पेश किए जाएंगे। सत्र चलाने के लिए बिजनेस बहुत कम है। हमारी कोशिश है कि सत्र की इसी अवधि में काम पूरा कर लेंगे।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना है कि, कार्यमंत्रणा की बैठक में विपक्ष ने सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग रखी है। जिससे सभी विधायकों की ओर से उठाए जाने वाले जनहित के मुद्दों पर चर्चा हो सके। लेकिन पिछले दो साल से सरकार सत्र की अवधि लगातार कम कर रही है। सरकार जन मुद्दों पर बहस नहीं करना चाहती है। सत्र कम से कम 15 दिन चलना चाहिए।

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