उत्तराखंड में बारिश का रौद्र रूप : खतरा अभी टला नहीं

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बादल फटने के बाद भयंकर स्थितियों से गुजर रहे उत्तराखंड को अभी राहत मिलती नहीं दिख रही है। मौसम के जानकारों का मानना है कि अगले 15 दिनों में उत्तराखंड एक बार फिर बड़ी त्रासदी से दो चार हो सकता है। दरअसल मौसम के कुछ जानकारों व ज्योतिष से बारिश का आंकलन करने वाले कुछ जानकारों के अनुसार आने वाले सोमवार के आसपास से एक बाद फिर उत्तराखंड में बारिश का प्रकोप देखने को मिल सकता है।

दरअसल 01 अगस्त 2024 को टिहरी में बाद फटने की घटना के बाद भी इन दिनों उत्तराखंड में पहाड़ों के साथ ही देहरादून आदि क्षेत्रों में भी तेज बारिश हो रही है। जिससे पहाड़ी इलाकों में बारिश का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। ऐसे में जहां कई जगहों से लैंडस्लाइड की खबरें लगातार आ रही हैं। तो वहीं दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बादल फटने से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में यहां मौसम विभाग ने 7 अगस्त तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

वहीं उत्तराखंड में बादल फटने की घटना के बाद केदारनाथ, भीमबली और गौरीकुंड से अब तक 10,000 से अधिक लोगों को बचाया जा चुका है। पिछले बुधवार को लिनचोली के पास जंगलचट्टी में बादल फटने से केदारनाथ यात्रा के पैदल मार्ग को काफी नुकसान पहुंचा था। अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र के पुणे में भारी बारिश और खड़कवासला बांध से पानी छोड़े जाने के बीच जलभराव वाले आवासीय क्षेत्र में सेना के जवानों को तैनात किया गया है।

13 लोगों की मौत
वहीं दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटने से आई बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या 13 हो गई है. मंडी जिले से दो और शव बरामद किए गए हैं. कुल्लू के निरमंड,सैंज और मलाणा, मंडी जिले के पधर और शिमला के रामपुर उपखंड में 31 जुलाई की रात में बादल फटने की कई घटनाओं ने भारी तबाही मचायी थी. इन घटनाओं के बाद अब भी 40 से अधिक लोग लापता हैं. बचाव अभियान जारी है और लापता लोगों का पता लगाने के लिए श्वान दस्ते, ड्रोन और अन्य उपकरणों की मदद ली जा रही है.

भारी बारिश की चेतावनी
अधिकारियों के अनुसार सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), पुलिस और होमगार्ड के 410 जवान इस बचाव/खोज अभियान में शामिल हैं. राज्य में कुल 87 सड़कें अभी भी बंद हैं. स्थानीय मौसम विभाग ने आठ अगस्त तक हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की चेतावनी दी है.

उत्तराखंड में मकान ढ़हे, कई जगहों पर बाढ़
ज्ञात हो कि उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण 1 अगस्त को कई मकान ढह गए। वहीं कई इलाकों में बाढ़ आ गई। सड़कें बह गई हैं और कई नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है। लगातार मूसलाधार बारिश को लेकर राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव विनोद कुमार सुमन का कहना है कि भारी बारिश के कारण हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, सोनप्रयाग और नैनीताल में अब तक 11 लोगों की मौत हो गई। वहीं, केदारनाथ में बादल फटने और मूसलाधार बारिश के चलते पैदल मार्ग में लिंचोली और भीमबली के पास 700 से ज्यादा श्रद्धालु फंसे हैं, जिनको रेस्क्यू कर लिया गया। मौसम विभाग ने बताया था कि देहरादून, हल्द्वानी और चमोली में बारिश से चार लोग लापता हो गए।

जिसके बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित इलाकों का दौरा कर बचाव और राहत कार्यों का आकलन करने के लिए आपातकालीन संचालन केंद्र में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।

उत्तराखंड : खतरा अभी टला नहीं
अगस्त 2024 में हो रही मानसून की बारिश उत्तराखंड में ऐसी आफत लेकर आई कि जगह-जगह पहाड़ दरक रहे हैं। मौसम का ऐसा रोद्र रूप दिखाई दे रहा है कि नदी-नाले उफान पर हैं। ऐसे में उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात हैं। सैलाब ने घर, दुकानें, खेत-खलिहान सब कुछ तबाह कर दिए हैं। मौसम की मार लोगों की जान पर भी भारी पड़ रही है। मौसम के जानकारों की मानें तो अभी मौसम को लेकर सेटेलाइट से जो चित्र सामने आ रहे हैं, वे उत्तराखंड को अभी राहत देते नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में अभी आने वाले चंद दिनों में यहां अत्यधिक तेज बारिश की संभावना बनी हुई है।

वहीं हिमाचल प्रदेश के कुल्लू-मनाली और लाहौल-स्पीति में कुदरत का कहर टूटा है, जहां बादल फटने से जबरदस्त तबाही मची है। ​जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश में बादल फटने के बाद मची तबाही को संभालने की कोशिशें जारी हैं. रामपुर, मंडी, कुल्लू के सुदूर इलाकों से बर्बादी की तस्वीरें और खौफनाक कहानियां सामने आ रही हैं। इस बीच कुदरत का कहर लाहौल-स्पीति पर भी बरपा है,जहां बादल फटने के बाद कई गांवों में मलबा बिखरा हुआ है. स्पीति के सगनम गांव में जगह-जगह बिखरी चट्टानें नजर आ रही हैं. मलबे में दबे घर दिखाई दे रहे हैं. ज्ञात हो कि हिमाचल में बादल फटने की इस घटना में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 40 लोग अभी लापता है।

 

उत्तराखंड : केदारघाटी में पांचवें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
उत्तराखंड में भी कुदरत ने रौद्र रूप दिखाया. भारी बारिश से केदारघाटी में तबाही मची है. उत्तराखंड की केदार घाटी में बादल फटने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है. NDRF, SDRF और सेना लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है. हर एक शख्स को सुरक्षित निकालने की कोशिश में लगी है।

प्रशासन के अनुसार, केदारनाथ के रास्ते में भीमबली ,गौरीकुंड से यात्रियों को बाहर निकालने का प्रयास जारी है.यात्रियों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचने के लिए हेलिकॉप्टर का भी सहारा लिया जा रहा है.सोनप्रयाग में रेस्क्यू का काम इसलिए भी मुश्किल है कि क्योंकि 31 जुलाई से अब तक 300 से ज्यादा सड़कें लैंडस्लाइड की वजह से बंद हो चुकी हैं. कई टीमें रास्तों को फिर से ठीक करने में जुटी हैं.

इस बीच मौसम विभाग ने चमोली, बागेश्वर जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. भारी बारिश से पहले प्रशासन यात्रियों को सुरक्षित निकालने में जुटा हुआ है. रविवार देर शाम तक स्निफर डॉग की मदद से सर्च अभियान जारी रहा. लिनचोली से रामबाड़ा क्षेत्र तक सर्च अभियान पूरा किया जा चुका है, जिसमें अब तक किसी व्यक्ति के मिलने की पुष्टि नहीं हुई है.वहीं 5 अगस्त यानि सोमवार तड़के से डीडीएमओ नंदन सिंह रजवार के नेतृत्व में डॉग स्क्वायड रामबाड़ा से भीमबली क्षेत्र में सर्च अभियान शुरू कर चुके है. वहीं, सोमवार सुबह 100 लोगों को सुरक्ष बलों की देखरेख में श्री केदारनाथ धाम से लिनचोली हेलीपैड के लिए रवाना कर दिया गया है.

इन यात्रियों को लिनचोली से एयर लिफ्ट कर शेरसी हैलीपैड पर उतारा जाएगा. कुछ यात्रियों को पैदल मार्ग से लिंचोली भेजा गया. इसके अलावा एनडीआरएफ की टीमें जंगल एव मंदाकिनी नदी के आसपास भी लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है.

वहीं रविवार, 3 अगस्त तक खबर आ रही थी कि केदारनाथ में आई आपदा के तीसरे दिन तक मौसम खराब होने के चलते हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू शुरू नहीं हो पाया था। वहीं रविवार तक गौरीकुंड की और से जंगल के रास्ते 300 से ज़्यादा लोग रेस्क्यू किए जा चुके थे।

केदारघाटी में भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से करीब एक हजार श्रद्धालु जान बचाने के लिए पहाड़ों के ऊपर चले जाने की खबर भी सामने आई थी, जहां वे फंस गए थे। उन्हें प्रशासन की ओर से खाने और पीने का पानी निरंतर उपलब्ध कराया जा रहा था। वहीं स्थानीय प्रशासन उन्हें निकालने के अभियान में लगा रहा। इस दौरान बताया गया था कि अभी तक यात्रा मार्ग में फंसे हुए लगभग 7500 से अधिक लोगों का सफल रेस्क्यू किया जा चुका है, साथ ही फंसे हुए लोगों से लगातार संपर्क किया जा रहा है।

 

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उत्तराखंड : अगले 6 दिनों का मौसम पुर्वानुमान

06 अगस्त 2024, मंगलवार : उत्तराखंड में इस दिन अधिकतम तापमान 27.3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 20.73 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। साथ ही दिनभर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

07 अगस्त 2024, बुधवार : उत्तराखंड में इस दिन अधिकतम तापमान 26.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 20.72 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। इसके अलावर दिनभर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

08 अगस्त 2024, गुरुवार : उत्तराखंड में गुरुवार यानि बृहस्पतिवार अधिकतम तापमान 25.06 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 19.99 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। इस दिन भी दिन भर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती
है।

09 अगस्त 2024, शुक्रवार : उत्तराखंड में इस दिन अधिकतम तापमान 27.03 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 20.43 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। वहीं दिनभर हल्की से मध्यम बारिश होती रह सकती है।

10 अगस्त 2024, शनिवार : उत्तराखंड में शनिवार को अधिकतम तापमान 28.1 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 20.0 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। दिनभर शनिवार को भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

11 अगस्त 2024, रविवार : उत्तराखंड में रविवार को अधिकतम तापमान 24.21 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 21.08 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। साथ ही दिनभर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। जबकि इसके बाद से एक बार फिर प्रदेश में बारिश की झड़ी लग स​कती है।

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