गैर हिंदुओं की हरकतों से केदारघाटी में उबाल…
- Uttarakhand News: साइन बोर्ड को लेकर एक्शन की तैयारी में पुलिस
- केदारघाटी में बढ़ रही गैर हिन्दुओं की आबादी से हिन्दू संगठनों से लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने चिंता जाहिर की है।
- जिसके बाद केदारघाटी के स्थानीय लोगों के साथ मिलकर मुहिम छेड़ी गई है।
Uttarakhand Non Hindu Banned: देवभूमि उत्तराखंड की केदारघाटी के विभिन्न गांवों में गैर हिन्दुओं के प्रवेश से क्षेत्र के लोग चिंतित बने हुए हैं। इसी के चलते गैर हिन्दुओं के प्रवेश को लेकर लगाए गए साइन बोर्ड इन दिनों सुर्खियों में हैं। क्षेत्र के जागरूक लोगों ने ये बोर्ड लगाकर विशेष समुदाय को चेतावनी दी है कि वे अगर गांव में प्रवेश करेंगे तो उन्हें पांच हजार का अर्थदंड के साथ कानूनी कार्यवाही की जाएगी। हालांकि इन साइन बोर्ड के लगने के बाद पुलिस भी हरकत में आ गई है और गैर हिन्दुओं के प्रवेश को लेकर लगाए गए साइन बोर्डो को हटाने में लगी है। वहीं इस मामले में हिन्दू धर्म के संगठन एक मंच पर आ चुके हैं।
वर्तमान में देवभूमि उत्तराखंड की शांत वादियां में धीरे-धीरे अशांति का माहौल देखने को मिल रहा है। ऐसे में जगह-जगह विशेष समुदाय की ओर से की जा रही हरकतों से जहां हिन्दू संगठनों में आक्रोश बना हुआ है। तो वहीं वर्षों से अपने मठ-मंदिरों की रक्षा करने वाले लोग भी जागरूक होने लगे हैं। जिसके फलस्वरूप वे अब सीधे तौर पर विशेष समुदाय के लोगों का विरोध करने लगे हैं।
घटनाएं जिन्होंने सोचने व कुछ निर्णय लेने को मजबूर किया
ज्ञात हो कि पिछले ही दिनों चमोली जिले के नन्दप्रयाग में नाई की दुकान चलाने वाले विशेष समुदाय के व्यक्ति ने हिन्दू लड़की के साथ छेड़खानी की। जबकि श्रीनगर गढ़वाल में विशेष समुदाय के नाई फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर हिन्दू लड़कियों को बहला फुसलाकर भगाने का काम कर रहे हैं। जानकारों के अनुसार ऐसी घटनाओं ने हिंदुओं को कुछ कड़े निर्णय लेने के लिए मजबूर किया
इसके साथ ही केदारघाटी में भी आये दिन गैर हिन्दुओं की आबादी बढ़ती जा रही है। यहां भवन बनाने से लेकर, सैलून व सब्जी बेचने और केदारनाथ पैदल पड़ावों में घोड़े-खच्चर मजदूरी का कार्य भी गैर हिन्दू के लोग कर रहे हैं। इनको यात्रा मार्ग पर जहां-तहां रोजगार मिल रहा है। इसके साथ ही ये गैर हिन्दू गांवों में जाकर लोगों को बेवकूफ बनाने का कार्य भी कर रहे हैं।
केदारघाटी में बढ़ रही गैर हिन्दुओं की आबादी को लेकर जहां हिन्दू संगठनों से लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने चिंता जाहिर की है। वहीं ऐसे में इन्होंने केदारघाटी के स्थानीय लोगों के साथ मिलकर मुहिम छेड़ी गई है, जिसके तहत गैर हिन्दुओं के ग्रामीण इलाकों में प्रवेश को लेकर पाबंदी लगाने के लिए सूचना बोर्ड लगाए जा रहे हैं। इसके तहत जगह-जगह साइन बोर्ड लगाकर विशेष समुदाय के लोगों को चेतावनी दी जा रही है कि वे अगर गांव में प्रवेश करेंगे तो उन्हें पांच हजार का अर्थदंड के साथ ही उन पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। बताया जाता है कि आए दिन ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को भगाने के मामले बढ़ रहे हैं।
पुलिस के बोल : बोर्ड सामाजिक सौहार्द को खराब करने का कर रहे प्रयास
वहीं इस मामले में पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध घिल्डियाल का कहना हे कि ग्रामीण क्षेत्रों में गैर हिन्दू समुदाय के प्रवेश को लेकर लगाए गए साइन बोर्ड सामाजिक सौहार्द को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। जिन जगहों पर ये बोर्ड लगाए जा रहे हैं, उन स्थानों से इन बोर्डों को हटवाया जा रहा है। इसके साथ ही ग्राम प्रधानों को भी सख्त चेतावनी दी गई है कि वे इस तरह से बोर्ड ना लगाएं। ग्राम प्रधानों के साथ ही किसी अन्य व्यक्ति को भी इस तरह के बोर्ड लगाने का अधिकार नहीं है। अगर ऐसा किया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
एक सवाल जो उठता है…
पुलिस चाहे जो कहे लेकिन क्या वैटिकन सिटी में किसी अन्य धर्म के व्यक्ति को स्थायी रूप से रहने की आसानी से अनुमति है या मक्का मदिना में किसी अन्य धर्म के व्यक्ति के प्रवेश को अनुमति है। यदि नहीं तो केवल हिंदुओं के मंदिर में ऐसा क्यों हैं कि कोई भी दूसरे धर्म का व्यक्ति जो क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने के साथ ही परेशानी में डाल रहा हो उसे वहां आने से रोकने के बोर्ड लगाने पर सामाजिक सौहार्द खराब हो जाता है। क्या जो आरोप उन पर लगे हैं या उनके जिस कृत्य के कारण हिंदू ये बोर्ड लगाने को मजबूर हो रहे हैं वे कृत्य सामाजिक सौहार्द को खराब नहीं करते? इसका जवाब तो पुलिस ही दे सकती है।