उत्तराखंड कैबिनेट: हरिद्वार-ऊधमसिंह नगर को छोड़ बाकी जिलों में जमीन नहीं खरीद सकेंगे बाहरी लोग

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देवभूमि उत्तराखंड के धामी मंत्रिमंडल ने राज्य में सशक्त भू-कानून के लिए विधेयक को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने बुधवार को उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम व्यवस्था-1950) में 2018 में तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार के 12.50 एकड़ से अधिक भूमि खरीद के प्रावधान को भी समाप्त कर दिया। इस कानून के लागू होने के बाद राज्य से बाहर के लोग हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले को छोड़ बाकी 11 जिलों में कृषि और बागवानी की भूमि नहीं खरीद पाएंगे। यह फैसला प्रदेश मंत्रिमंडल ने लिया है। सदन में आज इसका विधेयक आ सकता है।

सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में भूमि खरीद की अनुमति में जिलाधिकारी के अधिकार को सीमित कर दिया है। अब जिलाधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से भूमि खरीद की अनुमति देने का अधिकार नहीं होगा। भूमि खरीद की अनुमति अब शासन ही देगा। सभी मामलों में सरकार के बनाए गए पोर्टल के माध्यम से प्रक्रिया पूरी करनी होगी। राज्य के बाहर के लोगों को घर बनाने के लिए निकाय क्षेत्रों से बाहर 250 वर्ग मीटर जमीन खरीदने की अनुमति होगी, लेकिन एक परिवार का एक सदस्य जीवन में एक बार ही भूमि खरीद सकेगा।

 

कैबिनेट में ये फैसले भी हुए

1. कैबिनेट ने कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग से जुड़े रोजगार प्रयाग पोर्टल का दायरा बढ़ाकर जिला व ब्लॉक स्तर तक कर दिया है। यानी अब पोर्टल के माध्यम से होने वाली आउटसोर्स भर्तियां जिला व ब्लॉक स्तर पर हो सकेंगी। अभी तक यह प्रदेश स्तर तक सीमित था।
2. जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी में जिन प्रावधानों में संशोधन किया है। इसके आधार पर राज्य जीएसटी एक्ट में संशोधन करने के लिए कैबिनेट विधेयक को मंजूरी दे दी है। विधेयक सदन में पेश होगा।
3. सैनिक बलों के आश्रितों की सेवा नियमावली को मंजूरी। शहीदों के आश्रितों के लिए अनुकंपा के आधार पर नौकरी के आवेदन की समय सीमा को तीन साल से बढ़ाकर पांच साल कर दिया है।
4. लोक सेवा आयोग के वार्षिक प्रतिवेदन को भी मंजूरी दी गई।
5. उत्तराखंड विशेष अधीनस्थ शिक्षा प्रवक्ता संवर्ग संशोधन नियमावली को मंजूरी।

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