Kedarnath Heli Service: साइबर थाने में टीम गठित, फर्जीवाड़ा रोकने के लिए करेगी काम

  • बुकिंग करते समय रखें ये सावधानी

यदि आप भी हेलिकॉप्टर से केदारनाथ जाने का मन बना रहे हैं तो आपको साइबर ठगों के जाल से बचना होगा। जरा सी चूक आपको ठगी का शिकार बना सकती है। फर्जीवाड़े पर अंकुश के लिए इस बार पहले से साइबर थाने में चार लोगों की टीम गठित कर दी गई है। टीम का पर्यवेक्षण सीओ साइबर अंकुश मिश्रा करेंगे।

ज्ञात हो कि, आज मंगलवार से हेली सेवा की बुकिंग शुरू हो रही है। हर साल हेली सेवाओं के नाम पर देशभर के लोगों से ठगी की जाती है। ठग केदारनाथ हेली सेवा बुक करने के नाम पर लोगों से प्रति व्यक्ति हजारों रुपये लेकर उन्हें फर्जी टिकट तक भेज देते हैं।

इस तरह की ठगी से संबंधित साल 2023 में 40 से ज्यादा मुकदमे राज्य के विभिन्न थानों में दर्ज किए गए थे। ठगी का शिकार होने वालों में अधिकतर लोग उत्तराखंड के बाहर के ही थे। असल वेबसाइट से मिलती—जुलती वेबसाइट बनाकर लोगों को भ्रम में डालकर ठगी का शिकार बनाया जाता है। ऐसे में पिछले साल शुरुआत से ही साइबर पुलिस ने नई वेबसाइट पर शिकंजा कसना शुरू किया था।

82 वेबसाइट व 45 फेसबुक पेज भी कराए गए थे बंद

जून 2024 तक ही 82 वेबसाइट को बंद कराया जा चुका था। इसके अलावा 45 फेसबुक पेज भी बंद कराए गए थे। इन पर भी हेली सेवाओं को बुक करने संबंधी विज्ञापन दिखाए गए थे। एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि इस साल शुरुआत में ही साइबर थाने में चार अधिकारियों की एक टीम गठित कर दी गई है। यह टीम हर वक्त इंटरनेट पर फर्जी वेबसाइट और सोशल मीडिया पर विज्ञापन वाले पेज व पोस्ट आदि की निगरानी करेगी। ताकि, समय रहते इन सभी वेबसाइट और पेज को बंद कराया जा सके।

टीम के पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी सीओ साइबर अंकुश मिश्रा को दी गई है। सोशल मीडिया पर विशेषतौर पर निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि, शुरुआती दौर में ही लोगों को इस संबंध में जागरूक किया जा सके। ज्यादा से ज्यादा फर्जी वेबसाइट को बंद कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा पुलिस की ओर से भी जागरूकता के लिए कार्यक्रम ऑनलाइन चलाए जाएंगे।

टिकट सिर्फ आईआरसीटीसी की वेबसाइट से होते हैं बुक

बता दें कि पिछले साल से सरकार ने आईआरसीटीसी को टिकट बुकिंग का काम सौंपा था। ऐसे में केवल इसी वेबसाइट www.heliyatra.irctc.co.in से टिकट बुक किए जा रहे थे। इस वर्ष भी यह जिम्मेदारी आईआरसीटीसी के पास ही रहेगी। इस वेबसाइट पर कोई मोबाइल नंबर नहीं दिया गया है। जबकि, फर्जी वेबसाइट और सोशल मीडिया विज्ञापनों में मोबाइल नंबर द%B

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