Dehradun: सीएम धामी ने साहित्यकारों को उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान से नवाजा
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पुस्तक मेले का किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवभूमि उत्तराखंड के साहित्यकारों और भाषाविदों को उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान समारोह हमारी साहित्यिक परंपरा, रचनात्मक चेतना और शब्द-साधकों के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। आईआरडीटी सभागार सर्वे चौक में उत्तराखंड भाषा संस्थान की ओर से आयोजित उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मानित होने वाले साहित्यकारों ने अपनी सृजनशीलता के माध्यम से उत्तराखंड की सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को समृद्ध किया है।
उन्होंने कहा कि, देवभूमि की धरा हमेशा से रचनात्मकता ज्ञान और संस्कृति का अद्भुत केंद्र रही है, जहां विचारों की ज्योति ने हर युग में समाज को प्रेरित करने का काम किया है। उन्होंने कहा, उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्यता से अनगिनत लेखकों, कवियों और विचारकों को प्रेरणा मिलती है। उत्तराखंड की स्थापना में भी लेखन और सृजन से जुड़े अनगिनत साहित्यकारों का योगदान रहा है। सरकार ने वर्ष 2023 में 10 उत्कृष्ट साहित्यकारों को एक लाख रुपए की सम्मान राशि प्रदान की है, इसे और विस्तार देते हुए वर्ष 2024 में उत्तराखंड साहित्य भूषण पुरस्कार सहित 21 नए साहित्यिक पुरस्कारों की घोषणा की गई है।
इसके साथ ही 45 लेखकों को भी आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा, उत्तराखंड भाषा संस्थान की ओर से दो साहित्य ग्रामों की स्थापना की जा रही है, जहां साहित्यकारों के लिए आवासीय सुविधा, आधुनिक पुस्तकालय, संगोष्ठी कक्ष और अध्ययन स्थल जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। राज्य सरकार भाषा संस्थान के माध्यम से राज्य के बिखरे हुए साहित्य को संरक्षित, संकलित और पुनर्स्थापित करने के लिए ठोस योजनाएं बना रही हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार स्थानीय भाषाओं और बोलियों के संरक्षण के लिए सतत प्रयास कर रही है। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक खजान दास, निदेशक स्वाति भदौरिया, पूर्व कुलपति प्रो. सुधारानी पाण्डे आदि मौजूद रहे।
इनका सम्मान हुआ
जबकि डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल पुरस्कार से नीरज कुमार नैथानी, बहादुर बोरा बंधु पुरस्कार से महेंद्र ठुकराठी, शेर सिंह बिष्ट ‘अनपढ़‘ पुरस्कार से मोहन चंद्र जोशी, भवानीदत्त थपलियाल सती पुरस्कार से वीरेंद्र पंवार, कन्हैयालाल डंडरियाल पुरस्कार से मदन मोहन डुकलान, गिरीश तिवारी ‘‘गिर्दा‘‘ पुरस्कार से डॉ. पवनेश ठकुराठी, विद्यासागर नौटियाल पुरस्कार से अनूप सिंह रावत, एवं भैरत दत्त धूलिया पुरस्कार से एमआर ध्यानी को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।