चारधाम यात्रा को लेकर सीएम धामी ने दिए शासन और पुलिस अधिकारियों को ये निर्देश

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चारधाम यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए मुख्यमंत्री धामी की ओर से कुछ नए दिशा-निर्देश जारी हुए हैं, जिनमें कहा गया है कि शासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी सड़क मार्ग से ग्राउंड जीरो पर यात्रा व्यवस्थाओं को देंखें और उनका निरीक्षण करें।

उन्होंने कहा श्रद्धालुओं की सुरक्षित, स्वस्थ और सुगम यात्रा ही हमारी सर्वप्रथम प्राथमिकता है। चारधाम यात्रा प्रदेश की लाईफ लाईन है, यह यात्रा राज्य की आर्थिक व्यवस्था से भी जुड़ी है। धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के इन धामों की धार्मिक यात्रा में प्रत्येक मानकों का पालन होना चाहिए। इसके साथ ही श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे रजिस्ट्रेशन तिथि के अनुसार ही चारधाम यात्रा में आयें।

मुख्यमंत्री धामी ने गुरुवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि सुरक्षित और सुगम चारधाम यात्रा के लिए शासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी सड़क मार्ग से ग्राउंड जीरो पर यात्रा व्यवस्थाओं को देंखें। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से स्वास्थ्य परीक्षण और मौसम का पूर्वानुमान देखने के बाद ही चारधाम यात्रा पर आने के लिए अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता यह है कि चारधाम यात्रा भी सुरक्षित हो और सभी श्रद्धालु भी स्वस्थ और सुरक्षित हों। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि चारो धामों में 31 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था स्थगित रखी जाय।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए चारों धामों में प्रतिदिन के लिए जो क्षमता यात्रियों के लिए निर्धारित की गई है, उसके अनुसार ही दर्शन के लिए भेजे जाएं। रजिस्ट्रेशन की व्यवस्थाओं को और मजबूत बनाया जाए।

चार धाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन होने पर ही चेक प्वाइंट से आगे जाने दें। परिवहन विभाग, राजस्व विभाग एवं पुलिस विभाग को संयुक्त रूप से चेक पोस्ट पर चेकिंग करने के निर्देश भी दिए। आगामी तीन दिनों तक ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन रोक दिए जाय। यह सुनिश्चित हो कि चार धाम यात्रा नियमों के अनुरूप ही चले। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि चारधाम के सभी मार्गों के एंट्री प्वाइंट एवं विकासनगर, यमुना पुल क्षेत्र, धनौल्टी एवं सुवाखोली में भी सख्ती से चेकिंग की व्यवस्था सुनिश्चित हो। इन स्थलों पर यात्रियों की सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं से सबंधित सभी जानकारियां लोगों को स्पष्ट रूप से होनी चाहिए, इसके लिए शासन के वरिष्ठ अधिकारी प्रतिदिन मीडिया ब्रीफिंग करें। यात्रा से संबंधित सभी जानकारियां आमजन तक पहुंचाने के लिए मीडिया को उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये है कि चारधाम यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन और यात्रा प्रबंधन दोनों पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिये कि वे यातायात प्रबंधन और भीड़ प्रबंधन के लिए स्वयं स्थलीय निरीक्षण करें और चारों धामों में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जाये। सभी अधिकारि सहयोगी के रूप में अपने दायित्वों का निर्वहन करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा प्रदेश की लाईफ लाईन है। यह यात्रा राज्य की आर्थिक व्यवस्था से भी जुड़ी है। जिस तेजी से चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है, हम सबका दायित्व है कि यात्रा को सुगम और सरल बनाने के लिए सभी मिलकर अपना सहयोग दें।

व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने में राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्गों से जुड़े सभी जनपद यात्रा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए समन्वय के साथ कार्य करें।

मुख्यमंत्री ने सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि वे देवभूमि उत्तराखण्ड के इन धामों की धार्मिक यात्रा में स्वस्थ मानकों के के आधार पर उनका अनुसरण करें। मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा से जुड़े जनपदों रूद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी के जिलाधिकारियों से वर्चुअल माध्यम से चारधाम यात्रा से सबंधित विभिन्न व्यवस्थाओं की जानकारी ली और शासन स्तर से चारधाम यात्रा के दृष्टिगत सबंधित जिलाधिकारियों को जो भी सहयोग की आवश्यकता है, उसके बारे में भी जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने शासन और पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा से सबंधित जो भी आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए जिला प्रशासन से अनुरोध किया जाता है, उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाए।
इस बैठक में राज्य आपदा प्रबंधन के उपाध्यक्ष विनय रोहिला, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, एवं वर्चुअल माध्यम से चारधाम यात्रा से सबंधित जिलों के जिलाधिकारी और एसपी आदि उपस्थित रहे।

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