अंकिता हत्याकांड : वारदात के दो साल, 51 लोगों से अब भी बाकी हैं सवाल
- अब भी एक राज बना हुआ है VIP का नाम
- पीड़ित पक्ष को अभी भी है न्याय का इंतजार
- ऐसे समझें अब तक की पूरी कहानी
- अंकिता भंडारी के बाद अब न आए किसी दूसरे की बारी
पौड़ी क्षेत्र के वनंत्रा रिजॉर्ट के काले राज सामने आ चुके हैं। ये वहीं रिजॉर्ट है जहां कार्यरत अंकिता भंडारी की दो साल पहले आज यानि 18 सितंबर के दिन हत्या हो गई थी। जिसके न केवल आज तक कई सवाल उलझे हुए हैं, वरन पीडित पक्ष आज भी न्याय का इंतजार कर रहा है।
पुलिस जांच में ये बात भी सामने आई कि पौड़ी निवासी अंकिता को यहां नौकरी करते हुए केवल 20 दिन ही हुए थे, ऐसे में यहां के काले राज सामने आने के बाद से ही वह वनंत्रा से नौकरी छोड़कर जाना चाह रही थी। कारण, वह जान चुकी थी कि यहां पर कितने काले कारनामे हो रहे हैं। यहां घने जंगलों के बीच बने इस अय्याशी के अड्डे पर बड़े-बड़े लोग रंगरलियां मनाने आते थे।
इन लोगों के लिए खाने पीने से लेकर उनकी अय्याशी का भी प्रबंध किया जाता था। अंकिता को जब पता चला कि पुलकित उसे भी इस अंधियारी दुनिया में धकेलना चाहता है तो उसका मन उखड़ गया। ऐसे में 18 सितंबर 2022 की रात रिजॉर्ट की रिसेप्शनिस्ट अंकिता की हत्या हो गई।
11 प्वाइंट में समझें कब क्या हुआ?
- रिजॉर्ट के मालिक पुलकित ने 20 सितंबर 2022 को अंकिता के गुम होने की राजस्व क्षेत्र पट्टी उदयपुर पल्ला में शिकायत की।
- लोगों का प्रदर्शन शुरू हुआ तो 22 सितंबर 2022 को जिलाधिकारी के आदेश से यह मामला नियमित पुलिस लक्ष्मणझूला थाने को दिया गया।
- लक्ष्मण झूला पुलिस ने जांच की और पुलकित, अंकित और सौरभ से पूछताछ में पता चला कि उन्होंने 18 सितंबर को उसकी हत्या कर दी।
- हत्या का कारण यही आया कि तीनों उस पर अनैतिक कार्यों को करने का दबाव डाल रहे थे। राज बाहर न आए इसलिए उसे चीला नहर में धक्का दे दिया।
- सितंबर 22 को पुलिस ने मुकदमे से अपहरण की धारा हटाकर हत्या, साक्ष्य छुपाने और आपराधिक षडयंत्र की धारा जोड़ दी।
- सितंबर 23 को न्यायालय के आदेश पर तीनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। इस दौरान भी लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया।
- सितंबर 24 को अंकिता भंडारी का शव घटनास्थल से 13 किलोमीटर दूर चीला नहर बैराज इंटेक से बरामद किया गया।
- सितंबर 24 को ही अंकिता का एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञों की टीम ने पोस्टमार्टम किया।
- सितंबर 24 एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था के निर्देश मुकदमे की विवेचना के लिए डीआईजी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया।
- सितंबर 26 को तीनों आरोपियों को पुलिस कस्टडी रिमांड में लेकर क्राइम सीन दोहराया गया।
विवेचना के दौरान आरोपियों के खिलाफ अनैतिक देह व्यापार अधिनियम की धाराएं भी मुकदमे में जोड़ दी गईं।
11. दिसंबर 16 को पुलकित, अंकित और सौरभ के खिलाफ हत्या, साक्ष्य छुपाने, छेड़खानी और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई।
ऐसे में चौथें प्वाइंट ये साफ होता दिखता है कि अंकिता की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी थी कि वह यहां के सारे काले राज जान चुकी थी।
खास बात…
पौड़ी क्षेत्र के इस वनंत्रा रिजॉर्ट के काले राज न्यायालय को 49 गवाह बता चुके हैं। एसआईटी ने अंकिता की हत्या के मुकदमे में कुल 100 गवाह बनाए थे। ऐसे में अभी फास्ट ट्रैक कोर्ट में बाकी 51 लोगों की गवाही बाकी है। रिजॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता और सौरभ भाष्कर तीनों आरोपी कारागार में न्यायिक अभिरक्षा में बंद हैं।
दोस्त के साथ हुई चैट से सामने आई कई चौंकाने वाली बातें…
हत्या के बाद जो राज खुले उनमें सामने आया कि पुलकित आर्य अंकिता को भी रिजॉर्ट में आने वाले एक वीआईपी के हवाले करना चाहता है। यह बात एसआईटी की जांच में तब सामने आई जब अंकिता और उसके दोस्त की चैट सामने आई। इस चैट में और भी कई चौंकाने वाली बातों का खुलासा हुआ। इसमें यह बात भी सामने आई कि खुद पुलकित भी अंकिता पर बुरी नजर रखता था। उसने भी अंकिता के साथ छेड़खानी की थी। यह बातें अंकिता ने अपने दोस्त पुष्प को व्हाट्सएप चैट के जरिए बताई थीं। एसआईटी ने इस मामले में करीब दो माह तक विवेचना की और न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई। वहीं सरकार के आदेश पर मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा है।
हर कोई जानना चाहता है वीआईपी कौन ?…
दरअसल, इस मामले में एसआईटी ने गहनता से विवेचना करने का दावा किया। यही कारण था कि एसआईटी ने दो चार नहीं, बल्कि केस मजबूत करने के लिए 100 गवाहों को बनाया। इनमें से बहुत से गवाहों के मजिस्ट्रेटी बयान भी कराए गए। वहीं इस पूरे कांड का केंद्र में रहे वीआईपी का आज तक पता नहीं चला।
पुलिस की जांच और कुछ गवाहों की गवाही यह भी कहती है कि रिजॉर्ट में आने वाले मेहमान जो स्पेशल सर्विस चाहते थे उन्हें वीआईपी कहा जाता था। लेकिन, लोगों के यह बात गले नहीं उतर रही कि मेहमान को ही वीआईपी कहा जाता है। एसआईटी का दावा यह भी था कि यहां आने वाले लोगों की लिस्ट चेक की गई तो उसमें भी किसी नामचीन व्यक्ति का नाम नहीं मिला। ऐसे में अब भी यह यक्ष प्रश्न ही है कि आखिर वीआईपी कौन था?
अंकिता भंडारी के बाद अब न आए किसी दूसरे की बारी
इस पूरे मामले को लेकर जब लोगों से बात की गई तो उनका कहना था कि अंकिता को जल्द से जल्द न्याय मिलना चाहिए। साथ ही प्रशासन को कुछ ऐसी व्यवस्था करने के साथ ही न्यायालय को कुछ ऐसा निर्णय देना चाहिए, कि अंकिता के बाद अब किसी दूसरे की बारी न आए। यानि एक ऐसा निर्णय हो कि कोई अपराधी गलती से भी ऐसा कार्य करने की सोचे तक नहींं। वहीं लोगों के बीच में ये भी चर्चा है कि मामले की महत्ता व लोगों में दबे आक्रोष को देखते हुए कुछ विशेष लोग खुद को स्वच्छ और ईमानदार दिखाने व अपने लोगों के बचाव के प्रयास जारी कर चुके हैं, और जल्द ही लोगों के सामने इस तरह की चीजें पेश की जा सकती हैं।