यूपी के ही औरैया का एक ओर मामला बटोर रहा हैं सुर्खियां, फिर पत्‍नी ने प्रेमी के साथ मिलकर कर दी पति की हत्‍या

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औरैया, प्रगति अनुराग से शादी करना चाहती थी। घरवालों ने दबाव डालकर दिलीप से उसकी शादी करा दी। शादी के बाद से ही प्रगति ने पति की हत्‍या की साजिश रचनी शुरू कर दी थी। वह ससुराल में 5 दिन ही रही। इसके बाद मायके लौट गई। पति को कत्‍ल कर दिए जाने के बाद ही वह ससुराल वापस लौटी।

मुंह दिखाई के रुपयों से ही दे दी पति की सुपारी, अब औरैया में शादी के 15वें दिन खुद का सुहाग उजाड़ा

मेरठ के सौरभ राजपूत हत्‍याकांड के बाद अब औरैया में भी वैसी एक घटना सामने आई है। यहां प्रगति यादव जैसी एक दुल्‍हन बिल्‍कुल मुस्‍कान जैसी निकली। शादी के 15 वें दिन ही उसने पति को मौत के घाट उतरवा दिया। बताया जा रहा है कि प्रगति ने दो लाख रुपए में पति दिलीप के नाम की सुपारी थी दी। एक लाख रुपए उसने शूटर को दे भी दिए थे। ये रकम उसने मुंह दिखाई में मिले रुपयों से जुटाई थी। प्रगति अपनी शादी से खुश नहीं थी। अपने गांव के ही अनुराग उर्फ बबलू उर्फ मनोज यादव के साथ अवैध संबंध थे। पुलिस ने प्रगति, उसके प्रेमी अनुराग और सुपारी किलर रामजी नागर को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया था।

अब तक की जांच और पूछताछ से पता चला है कि प्रगति अनुराग से शादी करना चाहती थी। घरवालों ने दबाव डालकर दिलीप से उसकी शादी करा दी। शादी के बाद से ही प्रगति ने पति की हत्‍या की साजिश रचनी शुरू कर दी थी। ससुराल में वह 5 दिन ही रही। 5 दिन बाद ही वह मायके लौट गई। पति को कत्‍ल कर दिए जाने के बाद ही वह ससुराल वापस लौटी।

प्रगति की शादी 19 मार्च को दिलीप हाइड्रा से हुई थी। औरैया के सेहुद मंदिर के पास रहने वाले सुमेर सिंह के बेटे दिलीप (उम्र 21 वर्ष) की एसएस यादव क्रेन सर्विस के नाम से अपनी फर्म है। इस फर्म के जरिए कन्नौज के उमर्दा के पास शाह नगर में एक पुल के निर्माण का काम चल रहा है। दिलीप की हत्‍या के बाद पता चले घटनाक्रम के अनुसार 19 मार्च की सुबह वह हाइड्रा लेकर साइट पर गया था। दोपहर में करीब डेढ़ बजे के आसपास उसने अपने बड़े भाई संदीप को फोन कर घर आने की जानकारी दी थी। वापसी में वह पटना नहर सहार के पास एक होटल पर रुका था। यहीं पर बाइक से आए कुछ युवक बंबे में फंसी कार को हाइड्रा से निकालने की बात कहते हुए बाइक पर बिठाकर रास्ता दिखाने चले गए। होटल से करीब 7 किलोमीटर दूर पिपरोली गांव के पास दिलीप मरणासन्न हालत में ग्रामीणों को मिला।

ग्रामीणों से मिली सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दिलीप को अस्पताल में भर्ती कराया। अस्‍पताल में इलाज के दौरान 22 मार्च को दिलीप की मौत हो गई। दिलीप के घरवालों ने उसी समय हत्या की आशंका जताई थी। पुलिस ने मामले में छानबीन की। सीसीटीवी कैमरों से मिली फुटेज ने दिलीप को बाइक पर बैठाकर ले जाने वालों की पहचान करा दी। पहचान होने के बाद अनुराग और रामजी को पकड़कर पूछताछ की गई तो सारा मामला खुल गया।

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