आरटीओ की चेतावनी, नागपुर की 281 स्कूल बसें हैं खतरनाक, खतरे में पड़ सकती है बच्चों की जान

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नागपुर। स्कूल बसों का चौकाने वाला आकड़ा आया है। लगभग 281 ऐसी बसें जो सड़कों पर हैं जिनका फिटनेस सर्टिफिकेट आरटीओ से नहीं कराया गया है। स्कूल में जाने वाले बच्चों पर खतरा मडरा रहा है। नए स्कूल का सत्र शुरू हो चुका है। उत्साह से बच्चे स्कूल जा रहे हैं, पर ये 281अनफिट बस उनके लिए खतरा साबति हो सकती हैं। इस मामले के सामने आते ही आरटीओ भी हरकत में आ गया है। साथ ही आनन फानन में बस संचालकों को नोटिस दे दिया गया है और आदेश दिया गया है कि एक सप्ताह के भीतर ही बसों को फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होगा।

आदेश में कहा गया है कि यदि एक सप्ताह के अंदर यदि इन 281 बसों को मालिकों ने बसों का फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं लिया तो उनका आरटीओ लाइसेंस कैंसल कर दिया जाएगा। आरटीओ के मुताबिक हर 2 साल में एक बार स्कूल बसों का फिटनेस सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य रहता है, जिसके तहत बसों में कुछ मापदंड रखे गए हैं। जैसे बस में आपातकालीन खिड़की का होना जरूरी है। स्पीड गवर्नर का भी लगा होना जरूरी है। टायर नए होने चाहिए। बस के गेट पर सीसीटीवी कैमरे लगे होने चाहिए। स्कूल बस में कंडक्टर का होना जरूरी है। यदि बस में लड़कियां हो तो महिला कंडक्टर होनी चाहिए। अग्निशामक यंत्र की मौजूदगी होनी चाहिए।

बता दें कि नागुपर और जिले में कुल तीन आरटीओ कार्यालय हैं, जिनके तहत वहां के स्कूल की बसें आथी हैं। शहर आरटीओ की रेंज में 856 बसें आती हैं। वहीं पूर्व आरटीओ में 1275 स्कूल वाहन हैं तो ग्रामीण में 1862 स्कूल वाहन आते हैं। अनफिट वाहनों में सबसे ज्यादा संख्या शहर आरटीओ की है। यहां कुल 281 वाहन अनफिट मिले हैं। वहीं ग्रामीण में 134 और पूर्व आरटीओ में 75 वाहन अनफिट मिले हैं। नागपुर के आरटीओ किरण बेडकर ने कहा कि शहर में 281 बसों का फिटनेस पेंडिंग है। 575 बसों ने फिटनेस सर्टिफेकट ले लिया है। उन्होंने 281 बसों को लेकर कहा कि कुछ बसें सड़कों पर नहीं हैं, कुछ गैराज में हैं, कुछ बिगड़ गई हैं तो कुछ बस संचालकों का स्कूल का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो चुका है। लेकिन सभी स्कूल बसों के मालिकों को फिटनेस सर्टिफिकेट लेने के लिए नोटिस दे दिया गया है। उन्हें इसके लिए 7 दिन की मोहलत दी गई है।

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