38th National Games: 24 गोल्ड के साथ उत्तराखंड के पास 102 मेडल
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7वें स्थान पर बनी हुई है देवभूमि
राष्ट्रीय खेलों में मेजबान उत्तराखंड का शानदार प्रदर्शन जारी रहा। इसके चलते उत्तराखंड के ठेठ पहाड़ी गांव की बेटी अंकिता ध्यानी ने राज्य के लिए दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीतकर खेल जगत में नई सनसनी पैदा कर दी है। अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से अंकिता ने साफ कर दिए कि अब वह अंतरराष्ट्रीय फलक पर छाने को बेताब है।
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दरअसल पौड़ी जिले के मेरुडा गांव की ओलंपियन अंकिता ध्यानी ने 38 वें राष्ट्रीय खेलों की 10 हजार मीटर रेस में पहले राज्य को रजत पदक दिलाया। जिसके बाद उसने तीन हजार मीटर रेस में स्वर्ण पदक के बाद बुधवार को 5000 मीटर रेस में एक बार फिर स्वर्ण पदक दिलाकर यह साबित कर दिया कि एथलीट में उसके आस पास कोई नहीं है। जिसके चलते उत्तराखंड की टीम 24 गोल्ड, 35 सिलवर और 43 ब्रॉज के साथ 102 मेडल जीतकर 7वें स्थान पर बनी हुई है।
ज्ञात हो, इससे पहले उत्तराखंड की बेटी अंकिता ध्यानी ने महिलाओं की पांच हमार मीटर दौड़ में राज्य को स्वर्ण पदक दिलाया। इस दौड़ में महाराष्ट्र की संजीवनी जाधव दूसरे और इसी राज्य की पूनम सोनुने तीसरे स्थान पर रही। राज्य को दूसरा स्वर्ण पदक कयाकिंग महिला वर्ग की 500 मीटर स्पर्धा में सोनिया और रोजी देवी की जोड़ी ने दिलाया। जिसके चलते हमारी टीम 22 स्वर्ण, 33 रजत और 42 कांस्य के साथ 97 मेडल जीत चुकी थी।
अंकिता 5000 मीटर रेस में राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ने के बेहद करीब है। यह रिकार्ड यूपी की पारूल चौधरी के नाम है, जिसने 15 मिनट 10.35 सेकंड में यह दौड़ पूरी की थी। अंकिता ने बुधवार को 15 मिनट 56.03 सेकंड में यह रेस जीती।
सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक में दौड़ने वाली अंकिता की इस उपलब्धि से परिजनों में खुशी है। उसकी रिश्ते की बहन अनीशा बताती है कि अंकिता का यहां तक का सफर आसान नहीं था। इसके पीछे उसका लंबा संघर्ष रहा है। 2015 में उन्होंने मेरुडा गांव में पहाड़ के पथरिले रास्तों में दौड़ की शुरूआत की। हर दिन सुबह व शाम को वह प्रैक्टिस करती थी।
नेशनल गेम्स के दौरान महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम परिसर में बने सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक में 5000 मीटर की दौड़ के दौरान बुधवार को अंकिता महाराष्ट्र की संजीवनी जाधव से लगातार पीछे थी। जिससे एक बार को ऐसा लग रहा था कि कहीं अंकिता दौड़ में अधिक न पिछड़ जाए, लेकिन अंतिम समय पर उसने महाराष्ट्र की संजीवनी जाधव को करीब 20 मीटर पीछे छोड़कर गोल्ड अपने नाम कर लिया।