भारत ने सर्फिंग में रचा इतिहास, पहली बार एशियाई खेलों का कोटा किया हासिल

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नई दिल्ली। भारतीय सर्फिंग (Indian surfing) के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन (Historic day) रहा, एशियाई सर्फिंग चैंपियनशिप 2024 (Asian Surfing Championships 2024) में भाग लेने वाली टीम ने आगामी एशियाई खेलों 2026 (Asian Games 2026) के लिए अपना पहला कोटा हासिल कर लिया है, जिसमें पुरुषों और महिलाओं के लिए एक-एक स्थान है।

ये कोटा चैंपियनशिप में भारतीय सर्फर्स द्वारा जमा किए गए रैंकिंग पॉइंट्स के आधार पर अर्जित किए गए हैं। किशोर कुमार, जो कल चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचे थे, एक कड़े मुकाबले में मामूली अंतर से चूक गए, लेकिन पूरे टूर्नामेंट में उनके शानदार प्रदर्शन ने सुनिश्चित किया कि उनके देश ने एशियाई खेलों के लिए कोटा अर्जित किया। एशियाई सर्फिंग चैंपियनशिप 2024, जो एशियाई खेलों 2026 के लिए एक क्वालीफायर भी है, में आठ भारतीय सर्फर्स ने 4 अलग-अलग श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा की।

अपने नाम कई राष्ट्रीय चैंपियनशिप खिताबों के साथ, दृढ़ निश्चयी किशोर कुमार ने आज अंडर-18 लड़कों की श्रेणी में एशिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ सर्फर्स के खिलाफ प्रतियोगिता में प्रवेश किया। वह हीट 2 सेमीफाइनल में 8.26 के स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर रहे, चीन के चेंगझेंग वांग से ठीक पीछे, जिन्होंने 10.00 स्कोर करके दूसरा स्थान प्राप्त किया। जापानी सर्फर तारो ताकाई ने उसी हीट में 14.50 के स्कोर के साथ पहला स्थान प्राप्त किया। किशोर कुमार, जो पहले राउंड 1, राउंड 3 और क्वार्टर फाइनल में पहले स्थान पर रहे थे, ने पूरे चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया।

किशोर के बाद टूर्नामेंट में एक और सफल सर्फर हरीश मुथु ने भी अपनी छाप छोड़ी, क्योंकि वह एशियाई सर्फिंग चैंपियनशिप क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय बन गए। हालांकि, वह एक कठिन मुकाबले में पिछड़ गए।

भारतीय सर्फिंग के लिए ऐतिहासिक दिन पर सर्फिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अरुण वासु ने कहा, “यह ऐतिहासिक दिन देखना वाकई बहुत खुशी की बात है, जब भारतीय सर्फिंग ने आगामी एशियाई खेलों के लिए कोटा हासिल किया है। यह उपलब्धि हमारे सर्फर्स, कोच और फेडरेशन की वर्षों की कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है। मुझे पूरा विश्वास है कि हम अपने सर्फर्स को भविष्य में ओलंपिक में भी प्रतिस्पर्धा करते हुए देखेंगे। हालाँकि अगर किशोर आज फाइनल में पहुँच जाता तो यह सोने पर सुहागा वाली बात होती, लेकिन उसकी उम्र, प्रतिभा और दृढ़ संकल्प को देखते हुए हमें अभी भी उस पर बहुत गर्व है।”

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