कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं उतराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में मौन उपवास रखा। बोले, बांग्लादेश में सामाजिक व धार्मिक सद्भाव को खत्म करने के लिए संगठित प्रयास हो रहा है।
रविवार को भैयादून पर्व पर हरीश रावत ने अपने आवास पर एक घंटे का मौन उपवास रखकर बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध, इसाई अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार का विरोध किया। कहा, विशेष तौर पर हिंदुओं को लक्ष्य बनाकर अत्याचार किया जा रहा है। कुछ हत्याएं हुई हैं। इसके साथ ही व्यवसाय प्रतिष्ठान लूटे जा रहे हैं या बलपूर्वक बंद कराए जा रहे हैं।
धार्मिक स्थलों पर तोड़-फोड़ की जा रही है। प्रतिबंधित संगठन जमाती इस्लामी, बांग्लादेश सरकार और छात्रों की आड़ में यह सब अत्याचार कर रहा है। पूरे बांग्लादेश में हिंदुओं, अल्पसंख्यकों और राजनीतिक विरोधियों में भय का वातारण पैदा किया जा रहा है।
हरीश रावत ने कहा, बांग्लादेश निर्माण में भारत का अभूतपूर्व योगदान है जो सर्व धर्म समभाव के आधार पर सांविधानिक लोकतंत्र खड़ा था, उसे कट्टरपंथी पाकिस्तानपरक ताकतों ने बर्बाद करने की ठान ली है। यह हमारे लिए चिंता का विषय है। रावत ने दीप जलाकर बांग्लादेश में लोकतंत्र और सर्व धर्म समभाव की ताकतों को शक्ति देने की भगवान से प्रार्थना की।