ट्रंप ने फिर लिया क्रेडिट, बोले- भारत-पाक संघर्ष रोकने में उनकी अहम भूमिका, इससे टल गई परमाणु तबाही

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वाशिंगटन। अमेरिका (America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) ने शुक्रवार को फिर दावा किया कि भारत और पाकिस्तान (India-Pakistan ceasefire) के बीच संघर्ष को रोकने में उनकी भूमिका निर्णायक रही। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इसके कारण संभावित परमाणु तबाही (Nuclear devastation) टल गई। दूसरी ओर भारत ने स्पष्ट किया है कि ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद हुआ संघर्षविराम पूरी तरह सैन्य निर्णय था न कि किसी बाहरी दबाव का परिणाम।

ट्रंप ने कहा, “हमने भारत और पाकिस्तान को लड़ने से रोका। यह एक परमाणु आपदा बन सकता था। मैं भारत और पाकिस्तान के नेताओं का और अपनी टीम का धन्यवाद करता हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि व्यापार उनकी कूटनीतिक पहल का मुख्य कारण था। ट्रंप ने कहा, “हम उन लोगों से व्यापार नहीं कर सकते जो एक-दूसरे पर गोली चला रहे हों और परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकते हों।”

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “उन देशों के महान नेता हैं और उन्होंने समझा और वे सहमत हुए और यह सब बंद हो गया। हम दूसरों को लड़ने से रोक रहे हैं। हमारे पास दुनिया की सबसे महान सेना है। हमारे पास दुनिया के सबसे महान नेता हैं।”

भारत का जवाब, हमारी सेना के कारण हुआ संघर्षविराम
भारत सरकार ने ट्रंप के दावे को खारिज करते हुए गुरुवार को दोहराया कि 10 मई को हुआ संघर्षविराम दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीधे संपर्क का परिणाम था न कि अमेरिका की मध्यस्थता का। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जर्मन अखबार Frankfurter Allgemeine Zeitung को दिए इंटरव्यू में कहा, “संघर्षविराम का निर्णय दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के सीधे संपर्क से हुआ। इससे पहले भारत ने पाकिस्तान के वायु ठिकानों और वायु रक्षा प्रणाली को अक्षम कर दिया था।”

उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, “तो मुझे किसका धन्यवाद करना चाहिए? मैं भारतीय सेना का धन्यवाद करता हूं, जिनकी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान संघर्ष रोकने को तैयार हुआ।”

ऑपरेशन सिंदूर- आतंक के ठिकानों पर सर्जिकल वार
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के 9 ठिकानों पर सफल हमला किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस अभियान में 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया।

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