पाकिस्तान में ट्रेन अगवा, दहशत में लोग: बलूच लिब्रेशन आर्मी ने 500 यात्रियों को बनाया बंदी!

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  • जानें कौन है ये बलूच लिबरेशन आर्मी? जिसने नरक मचा रखा है पाकिस्तान में…

भारत के पड़ोसी और आतंक को पनाह देने वाला देश पाकिस्तान इन दिनों जहां लगातार अपनी गिरती साख व गिरती आर्थिक स्थिति के चलते लंबे समय से चर्चाओं में बना हुआ है, वहीं अब एक और आफत में फंस गया है। दरअसल पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में स्थित बोलान जिले में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने जैफर एक्सप्रेस ट्रेनपर हमला कर दिया। इस हमले के दौरान बीएलए के लड़ाकों ने रेलवे ट्रैक को विस्फोट से उड़ा दिया, जिससे ट्रेन रुक गई. फिर बाद में, लड़ाकों ने पूरी ट्रेन को अपने कब्जे (हाईजैक) में ले लिया और यू तो 100 के आसपास यात्रियों को बंधक बनाने की बात कही जा रही है, लेकिन कई सूत्रों के अनुसार बंधको की संख्या 500 के आसपास हो सकती है। इस सनसनीखेज वारदात में अब तक 6 सैन्यकर्मियों की मौत के बारे में बताया जा रहा है। वहीं जानकार इनकी संख्या और अधिक होने की बात कर रहे हैं।

दरअसल बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने इस पूरी घटना की जिम्मेदारी लेते हुए इसे एक ‘सोच-समझकर की गई रणनीतिक कार्रवाई’ बताया है। संगठन का कहना है कि यह हमला बलूच आजादी की लड़ाई का हिस्सा है, और वे अपने लक्ष्यों को लेकर पूरी तरह स्पष्ट हैं।

बीएलए की पाक फौज को चेतावनी

वहीं बीएलए ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान की सेना कोई भी सैन्य कार्रवाई करती है, तो इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। संगठन ने यहां तक कहा है कि किसी भी सैन्य हमले की स्थिति में सभी बंधकों को मार दिया जाएगा, और इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान सरकार और सेना की होगी। बीएलए के प्रवक्ता जीयंद बलूच ने कहा कि उनकी ताकतवर यूनिट्स- मजीद ब्रिगेड, एसटीओएस और फतेह स्क्वाड- इस ऑपरेशन को अंजाम दे रही हैं, और वे किसी भी हाल में पीछे हटने वाले नहीं हैं। संगठन का दावा है कि वह पूरी तरह तैयार है और अगर कोई जबरन कार्रवाई की गई, तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

बीएलए ने ली जिम्मेदारी

बलूच लिबरेशन आर्मी के प्रवक्ता ने हमले की जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए कहा, कि उनका संगठन पाकिस्तान में अपनी आजादी की लड़ाई लड़ रहा है और यह हमला उसी का हिस्सा है। बीएलए ने ये भी दावा किया कि उनके लड़ाकों ने बड़े ही रणनीतिक तरीके से इस हमले को अंजाम दिया। प्रवक्ता के मुताबिक, जैफर एक्सप्रेस को निशाना बनाने के पीछे यह संदेश देना था कि बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना और सरकार की दमनकारी नीतियां अब बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। संगठन का कहना है कि वे अपने संघर्ष को हर हाल में जारी रखेंगे और किसी भी दबाव में झुकने को तैयार नहीं हैं।

दहशत में लोग, सेना ने नहीं दिया कोई जवाब

इस हमले के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है, और सेना हालात पर कड़ी नजर रखे हुए है। सरकार और सेना की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई की जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन सैन्य हस्तक्षेप की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। वहीं, बीएलए के बंधकों को लेकर दिए गए बयान ने हालात को और गंभीर बना दिया है। पाकिस्तान सरकार और सेना के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती यात्रियों की जान बचाने की है। क्योंकि किसी भी सैन्य कार्रवाई से स्थिति और भी बिगड़ सकती है। अब देखना यह होगा कि पाकिस्तान की सेना, और सरकार इस संकट से कैसे निपटती हैं, साथ ही बंधकों को सुरक्षित निकालने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

कौन है ये बलूच लिबरेशन आर्मी? ऐसे समझें

दरअसल बलूच लिबरेशन आर्मी यानि बीएलए एक विद्रोही और सशस्त्र अलगाववादी संगठन है, जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांच में लंबे समय से एक्टिव है। दरअसल बलूचों पर पाकिस्तान आर्मी की ओर से जमकर अत्याचार किए गए, यहां तक की यह तब बाते सामने आती हैं कि पाकिस्तान आर्मी के अफसर यहां पूर्व में अय्याशी के लिए जाते थे और बलूच महिलाओं को बलपूर्वक उठकर लाने के बाद उनके साथ उनके साथ बलात अत्याचार करते थे।अ फगानिस्तान से सटे हुए इस प्रांत के लोगों का मानना है कि उन्हें संसधानों का लाभ नहीं मिल रहा। बलूचिस्तान की स्वतंत्रता और वहां के संसाधनों पर बलूच लोगों का अधिकार स्थापित किया जा सके। इसे आतंकवादी संगठन माना जाता है और यह मुख्य रूप से पाकिस्तानी सेना, सरकारी प्रतिष्ठानों और चीनी निवेश परियोजनाओं (विशेष रूप से CPEC) पर हमले करता है। पाकिस्तान ने साल 2006 में ही बीएलए को आतंकी गुट कह दिया। इसके अलावा बलोच रिपब्लिकन आर्मी और लश्कर-ए-बलूचिस्तान जैसे कई गुट हैं, जो बलूचिस्तान की आजादी मांग रहे हैं।

बलूच लिबरेशन आर्मी यानि बीएलए का इतिहास

1947 में जब पाकिस्तान बना, तब बलूचिस्तान एक स्वतंत्र रियासत थी, लेकिन 1948 में पाकिस्तान ने इसे बलपूर्वक अपने में शामिल कर लिया। बलूचिस्तान के लोग अपनी राजनीतिक और सांस्कृतिक पहचान को लेकर संघर्ष कर रहे थे। 1970 के दशक में बलूच राष्ट्रवादियों ने कई बार पाकिस्तान से अलग होने की कोशिश की। पाकिस्तान ने 1970 में एक बड़ा सैन्य अभियान चलाया और कई बलूच नेताओं, समुदायों को प्रताड़ित किया गया। तब कई बलूच ग्रुप ने सशस्त्र विद्रोह का रास्ता चुना।

कहा जाता है कि 1970 में पाकिस्तानी सेना के उत्पीड़न के बाद बलूच नेता मीर हबत खान मारी और उनके बेटे नवाब खैर बख्श मारी ने बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) की स्थापना की थी। साल 2000 के बाद बीएलए ने सशस्त्र संघर्ष शुरू किया, जो अब तक जारी है। 2018 के बाद से BLA पाकिस्तान में लगाता आत्मघाती हमलों को अंजाम दे रहा है।

बलूच लिबरेशन आर्मी कितनी खतरनाक?

सन् 2000 के बाद से बीएलए ने पाकिस्तान में एक के बाद एक कई बार बड़ी चोट पहुंचाई है। वर्तमान में BLA, पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा आंतरिक सुरक्षा खतरा बन गया है। यह संगठन चीन के CPEC प्रोजेक्ट्स पर सीधा हमला करता है, जो कई बार पाकिस्तान और चीन के रिश्तों में तनाव का कारण बनता है।

बीएलए के बड़े कारनामे

2015: कुछ बंदूकधारियों ने तुर्बत के पास मजदूरों के एक कैंप पर अटैक कर 20 लोगों को मार दिया, जो सभी पंजाब और सिंध से थे।

2018: नवंबर में कराची के क्लिफ्टन में चीनी वाणिज्य दूतावास पर हमला, एक घंटे तक चली गोलीबारी में चार लोग मारे गए थे।

2019: ग्वादर के “पर्ल कॉन्टिनेंटल होटल” पर हमला, जहां CPEC से जुड़े चीनी अधिकारी ठहरे थे।

2021: बलूचिस्तान में इंजीनियरों पर आत्मघाती हमला।

2022: कराची विश्वविद्यालय के कन्फ्यूशियस संस्थान के पास एक वैन पर आत्मघाती बम विस्फोट किया जिसमें तीन चीनी शिक्षकों और उनके पाकिस्तानी चालक की मौत हुई।

2022: 78 हमले किए, जिनमें 80 से ज्यादा मौतें हुईं और 137 लोग घायल हुए।

2023: अक्टूबर में केच जिले में छह पंजाबी मजदूरों को मार दिया गया, जिसे खुद स्थानीय अधिकारियों ने टारगेट किलिंग माना था।

2024: अप्रैल में, बलूचिस्तान के नोशकी शहर के पास आतंकवादियों ने पंजाबी यात्रियों के पहचान पत्र की जांच करने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी थी।

2024: नवंबर में पाकिस्तान के क्वेटा में रेलवे स्टेशन के अंदर जोरदार धमाका किया जिसमें पाकिस्तानी सेना के 14 सैनिकों समेत 24 लोगों की मौत हुई थी।

2025: 11 मार्च को क्वेटा से पेशावर जा रही जफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर 500 से ज्यादा लोगों को बंधक बनाया।

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