आतंकवाद को बढ़ावा देंगे तो…, SCO की मीटिाग में एस. जयशंकर ने पाकिस्तान को खुब सुनाया
इस्लामाबाद । शंघाई सहयोग संगठन की मीटिंग के लिए इस्लामाबाद पहुंचे विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान को उसकी ही धरती पर खूब सुनाया है। विदेश मंत्री ने कहा कि यदि आतंकवाद जारी रहेगा तो फिर कारोबार को प्रोत्साहन नहीं दिया जा सकता। ये दोनों चीजें एक साथ नहीं चल सकतीं। उन्होंने कहा कि दो देशों के बीच आपसी सहयोग तभी हो सकता है, जब दोनों एक-दूसरे का सम्मान करें। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सहयोग तभी संभव है, जब साझेदारी वास्तविक हो। एकतरफा एजेंडों के जरिए रिश्ते आगे नहीं बढ़ सकते। उन्होंने कहा कि यदि एससीओ के चार्टर के अनुसार हम बर्ताव करेंगे, तभी विकास कर सकते हैं।
सीमा पार आतंकवाद और कट्टरवाद बढ़ावा देना बंद करें
उन्होंने साफ कहा कि यदि सीमा पार आतंकवाद और कट्टरवाद का इस्तेमाल किया जाता है तो फिर उससे कारोबार, ऊर्जा और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में प्रगति नहीं हो सकती। एस. जयशंकर ने कहा कि हम ऐसे समय में बैठक कर रहे हैं जब दुनिया कठिनाई के दौर से गुजर रही है; दो बड़े संघर्ष जारी हैं, जिनका पूरे विश्व पर असर होगा। भारत की ओर से एससीओ में प्रतिनिधित्व के लिए इस्लामाबाद पहुंचे एस. जयशंकर का पाकिस्तान में भी वही तेवर बरकरार रहा, जिसके लिए वह जाने जाते हैं।
Delivered 🇮🇳’s national statement at the SCO Council of Heads of Government meeting today morning in Islamabad.
SCO needs to be able and adept at responding to challenges facing us in a turbulent world. In this context, highlighted that:
➡️ SCO’s primary goal of combatting… pic.twitter.com/oC2wHsWWHD
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 16, 2024
विकास और प्रगति के लिए शांति एवं स्थिरता की जरूरी
उन्होंने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि विकास और प्रगति के लिए शांति एवं स्थिरता की जरूरी है। यदि ये चीजें नहीं होंगी तो फिर विकास की बात नहीं हो सकती।विदेश मंत्री ने कहा कि यदि सभी मिलकर कनेक्टिविटी के लिए प्रयास करें तो उससे नई क्षमताएं विकसित होंगी। दुनिया में इससे ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। यह दुनिया में बड़े बदलाव की नींव रखेगा।
भारत की ओर से कई बार पाकिस्तान से कहा जा चुका है कि जब तक सीमा पार आतंकवाद नहीं रुकेगा, पाकिस्तान से वार्ता संभव नहीं है। भारत के इस स्टैंड को दोहराते हुए एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद और उग्रवाद से जुड़ी सीमा पार गतिविधियों से व्यापार, ऊर्जा प्रवाह और संपर्क सुविधा को बढ़ावा मिलने की संभावना नहीं है।