नेपाल में भूस्खलन में बही दो बसों के 65 यात्री लापता, तलाश में जुटे 500 सुरक्षाकर्मी

0

काठमांडू । नेपाल में भूस्खलन में दो यात्री बसों के बहने के बाद से नेपाल के सुरक्षा बलों खोताखोर बचावकार्य में लग गए हैं। शनिवार को 65 लोगों की तलाश शुरू की गई है। इनमें 7 भारतीय भी शामिल हैं। चितवन जिले में नारायण घाट- मुगलिंग मार्ग पर सिमलताल क्षेत्र में भूस्खलन के कारण त्रिशूली नदीं में दो बस बह गईं थीं। 50 लोगों के लिए बचाव कार्य में लगभग 500 सुरक्षाकर्मी लगे हैं।

भारी बारिश के कारण नेपाल में भूस्खलन हुआ। भूस्खलन के कारण दो बसें नदी में बह गईं। बीरगंज से काठमांडू की ओर जा रही एक बस में सात भारतीय नागरिकों सहित 24 लोग सवार थे और काठमांडू से गौर जा रही एक अन्य बस में 30 स्थानीय लोग सवार थे। नेपाल पुलिस ने बताया कि बस में सवार तीन लोग तैरकर सुरक्षित बाहर निकल आए। नेपाल पुलिस के अनुसार अभी भी लगभग 65 लोग लापता हैं। उनकी अब तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। नेपाल के सुरक्षा बलों के गोताखोरों की मदद से बचावकर्मियों ने तलाश अभियान शुरू कर दिया है। नेपाल पुलिस के अनुसार, तलाशी अभियान को फिर से शुरू करने के लिए नेपाली सेना, नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस कर्मियों के साथ-साथ गोताखोरों को भी लगाया जा रहा है।

पुलिस अधिकारी के अनुसार तलाशी अभियान में 500 से अधिक सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार शाम को तलाशी अभियान रोक दिया गया था। उन्होंने बताया कि रात में पानी का बहाव तेज था साथ ही वहां बहुत कीचड़ था, ऐसे में बचाव कार्य संभव नहीं हो पा रहा था। शनिवार सुबह 8 बजे तलाशी अभियान फिर से शुरू हुआ। पुलिस अधिकारी ने कहा, “सभी संभावित स्थानों की तलाशी होगी, हम तलाशी और बचाव की हरसंभव कोशिश करेंगे।”

बढ़ रही हैं मौसम की घटनाएं
बता दें कि नेपाल जलवायु संकट के प्रति दुनिया के सबसे संवेदनशील देशों में से एक है। पिछले डेढ़ दशक में यहां मौसम की घटनाएं हुई हैं। नेपाल में अधिकतम तापमान में तेजी से वृद्धि हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम की घटनाएं जैसे कम समय में अत्यधिक वर्षा, मानसून के बाद कई दिनों तक लगातार बारिश, शुष्क अवधि, सूखा, औसत से कम वर्षा और सामान्य से अधिक सर्दियों का तापमान आदि नेपाल में हो रही हैं। वहीं राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन प्राधिकरण का अनुमान है कि इस वर्ष मानसून से 1.81 मिलियन लोग और 412,000 परिवार प्रभावित होंगे। उनमें से, 83,000 परिवार सीधे प्रभावित होंगे, और मानसून से संबंधित आपदाओं के कारण 18,000 परिवारों को बचाव की आवश्यकता होगी।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *