पूर्वी कांगो में सशस्त्र हमले में 55 नागरिकों की मौत, विस्थापितों को बनाया निशाना
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गोमा (कांगो)। पूर्वी कांगो के इटुरी प्रांत में एक सशस्त्र समूह द्वारा किए गए हमले में कम से कम 55 नागरिकों की जान चली गई। यह हमला विशेष रूप से विस्थापितों के एक गांव पर हुआ, जहां कई घर जलकर नष्ट हो गए। स्थानीय अधिकारियों ने आशंका जताई है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि राहत एवं बचाव कार्य अभी जारी है।
जानकारी के अनुसार, यह हमला सोमवार रात को जाइबा गांव में हुआ, जहां कोडेको नामक सशस्त्र संगठन के लड़ाकों ने हमला बोल दिया। इस संगठन का संबंध लेंदू समुदाय से बताया जाता है। अफ्रीकी आतंकवाद अनुसंधान केंद्र के अनुसार, इस समूह के हमलों में 2022 तक हजारों लोग मारे जा चुके हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने इस प्रकार की हिंसा को “युद्ध अपराध” और “मानवता के खिलाफ अपराध” करार दिया है। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों और कांगो की सरकारी सेना ने स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास किया, लेकिन हमलावरों की संख्या अधिक होने के कारण वे प्रभावी रूप से रोक नहीं पाए।
हमले के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलावरों ने कुल्हाड़ी और बंदूकों से लोगों पर हमला किया। यह क्षेत्र पहले भी हिंसा की चपेट में रहा है, और हाल के महीनों में इस तरह के हमलों में वृद्धि देखी गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि कांगो में सक्रिय 120 से अधिक सशस्त्र समूहों के बीच संघर्ष का मुख्य कारण भूमि और कीमती खनिजों पर नियंत्रण की होड़ है। इस हमले ने एक बार फिर कांगो के पूर्वी हिस्से में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को उजागर कर दिया है।