अमेरिका से इस साल तेजी से बढ़ा तेल आयात, भारत का 5वां सबसे बड़ा क्रूड सप्लायर बना

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वाशिंगटन। जनवरी में अमेरिका (America) से भारत (India) का तेल आयात तेजी से बढ़ा (Oil Imports Increased rapidly), जिससे दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (World’s largest economy) भारत की पांचवीं सबसे बड़ी क्रूड सप्लॉयर (India’s fifth largest crude supplier) बन गई। रॉयटर्स के अनुसार, भारत ने दिसंबर 2024 में 70,600 बीपीडी की तुलना में अमेरिका से 218,400 बैरल प्रति दिन (बीपीडी) कच्चे तेल का आयात किया है।

दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल आयातक और उपभोक्ता भारत में रिफाइनर अमेरिका से अधिक आयात के लिए तैयार हैं। भारत अमेरिका से अपनी एनर्जी पर्चेज को पिछले साल के 15 अरब डॉलर से बढ़ाकर 25 अरब डॉलर करना चाहता है। भारत का अपने टॉप सप्लायर रूस से आयात पिछले महीने 4.3 प्रतिशत बढ़कर 1.58 मिलियन बीपीडी हो गया।

रूसी तेल की खरीद गिरावट की आशंका
भारत की रूसी तेल की खरीद आने वाले महीनों में गिरने की संभावना है, क्योंकि रिफाइनर इसे तभी खरीदेंगे, जब कंपनियां और जहाज जिन्हें मंजूरी नहीं दी गई है, इसकी सप्लाई करेंगे। अमेरिका सहित पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर व्यापक प्रतिबंधों ने वैश्विक तेल व्यापार को रोक दिया है और रियायती रूसी कच्चे तेल के खरीदारों को अपनी खरीद को बनाए रखने के नए तरीके खोजने के लिए मजबूर किया है।

इराक भारत का दूसरा सबसे बड़ा सप्लॉयर
रिपोर्ट के अनुसार जनवरी में मध्य पूर्व से तेल का आयात 6.5 प्रतिशत बढ़कर 2.7 मिलियन बीपीडी हो गया। इराक भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल सप्लायर बना रहा, इसके बाद सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) हैं।

पिछले महीने, भारतीय रिफाइनरों ने गैर-रूसी तेल की ओर रुख किया, जब सरकार ने उन्हें अमेरिकी प्रतिबंधों का ऐलान से हफ्तों पहले चेतावनी दी थी। जनवरी में भारत के लगभग 5.1 मिलियन बीपीडी कच्चे तेल के इंपोर्ट में मध्य पूर्व देशों की तेल की हिस्सेदारी बढ़कर 27 महीने के हाई लगभग 53 प्रतिशत हो गई, जबकि रूस का आयात दिसंबर से स्थिर रहा।

भारत का तेल आयात 4.5 प्रतिशत उछला
1 अप्रैल, 2024 से चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों में भारत का तेल आयात 4.5 प्रतिशत बढ़कर औसतन 4.8 मिलियन बीपीडी हो गया। अमेरिका में गैसोलीन और डिस्टिलेट में गिरावट दिखाने के आंकड़ों के बाद गुरुवार को कच्चे तेल की कीमतों में एक प्रतिशत की तेजी आई और तीन दिन की तेजी दर्ज की गई। रूस में सप्लाई में रुकावट के बारे में चिंताओं ने कीमतों का समर्थन किया। ब्रेंट वायदा 75 सेंट या 0.99 प्रतिशत की बढ़त के साथ 76.79 डॉलर प्रति बैरल पर था।

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