अल्मोड़ा की बेटी डॉ. शिखा जोशी की आवाज का दीवाना हुआ बॉलीवुड
- फिल्म नुरसत जहां, भुज द प्राइड ऑफ इंडिया और सीरियल मेहंदी है रचने वाली में गीतों से पाया मुकाम
देवभूमि उत्तराखंड के अल्मोड़ा शहर की बेटी डॉ. शिखा जोशी की मधुर आवाज बॉलीवुड की कई फिल्मों, सीरियल और वेब सीरीज में जल्द ही सुनाई देगी। इससे पहले अभिनेता अजय देवगन की भुज द प्राइड ऑफ इंडिया फिल्म के थीम गीत ‘हमने चुने कुछ अलग ही रास्ते…’ समेत कई फिल्मों में वह अपनी आवाज का जादू बिखेर चुकी हैं। उनके गाए कई गीत हिट हुए हैं।
डॉ. शिखा बॉलीवुड में अपने गायन से राष्ट्रीय फलक पर पहचान बना रही हैं।शिखा ने महज 10 साल की उम्र में मंच पर पहली प्रस्तुति दी और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। दिल्ली में पढ़ाई के दौरान उन्होंने कई धारावाहिकों में अपनी आवाज दी।
मेहंदी है रचने वाली सीरियल में दर्शकों ने उनकी आवाज को काफी सराहा। 2018 में केंद्र सरकार के यूथ एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत उन्होंने रूस में भारत का प्रतिनिधित्व किया। 2019 में फिल्म नुसरत जहां के लिए उन्होंने सोलो गीत गाया। 2021 में शिखा को किस्मत चमकी और उन्हें अभिनेता अजय देवगन की मे ग्राइड ऑफ इंडिया फिल्म में मिला। 2024 में संजय लीला भंसाली की बेब सीरीज हीरामंडी का सोलो गीत ‘मासूम दिल है मेरा…’ और बैकग्राउंड म्यूजिक में सुनाई देने बाले ‘छनकती है पायल, रंग दी सारी गुलाबी…. मुजरा गीत को अपनी आवाज दी।
जल्द ही कई फिल्मों, सीरियलों ओर वेब सीरीजों में सुरों का जादू चलाएंगी शिखा…
डॉ. शिखा इन दिनों अल्मोड़ा आई हुई हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही कई फिल्मों, सीरियल और वेब सीरीज में उनकी आवाज सुनाई देगी। उन्होंने कहा कि बेटियां किसी से कमजोर नहीं हैं। माता-पिता बेटियों की काबलियत पर विश्वास करें और उन्हें अपनो राह चुनने दें। शिखा ने कहा पहाड़ में कई प्रतिभाएं हैं। संगीत के क्षेत्र में शाटंकट से मुकाम नहीं मिल सकता है। संघर्ष के दिनों में भी युवा धैर्य न छोड़ें। मेहनत करें और एक न एक दिन मंजिल तक जरूर पहुंचेंगे। शिखा ने कहा कि पिता जगत जोशी, माता माया जोशी और भाई विनीत जोशी का कदम-कदम पर साथ मिलता है।
सुर नूर, कंठ कोकिला समेत कई प्रतिष्ठित पुरस्कार कर चुकी हैँ अपने नाम…
बॉलीवुड गायिका डॉ. शिखा को गायन के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं। 2015 में जयपुर की दर्शक संस्था ने उन्हें सुर नूर और कंठ कोकिला उपाधि से नवाजा। हाल ही देहरादून में हुए कार्यक्रम में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शिखा को सम्मानित किया।
शिखा ने आर्मी पब्लिक स्कूल से 12वीं की। दिल्ली विवि के मिरंडा हाउस कॉलेज से म्यूजिक एंड फाइन आर्ट्स विषय में म्यूजिक ऑनर्स किया। वनस्थली विद्यापीठ राजस्थान से मास्टर्स, एमफिल और पीएचडी की। एमफिल में उन्हें स्वर्ण पद मिला। कुछ समय तक उन्होंने वनस्थली विद्यापीठ में रिसर्च एसोसिएट के तौर पर अध्यापन का कार्य भी किया लेकिन उनका दिल संगीत के लिए घड़कता था। उन्होंने नौकरी छोड़ दी और अभी मुबई में रहकर फिल्मों में काम कर रहो हैं। उनके दादा स्व. मोहन चंद्र जोशी सितारवादक थे।