#कार्य सूत्र: सिद्धि प्राप्त कार्य को यदि नहीं करेंगे, तो नकारात्मक विकिरण छोड़ने लगेगें
@डॉ.आशीष द्विवेदी की कलम से…
नमस्कार,
आज बात काम न करने की …
ऐसे लोग नकारात्मक ध्वनि देते हैं
सैलून पर शेविंग बनवाने गया। तीन कुर्सियां थीं एक पर मैं बैठा और शेष दो खाली थीं। प्रत्येक कुर्सी के लिए अलग बार्बर। एक जो मेरी शेविंग बना रहे थे वह अपने काम में रमे हुए थे। उनका काम देखकर एक अलग ऊर्जा महसूस हुई। बाकी दो कुछ समय टीवी पर नजर गढ़ाते या मोबाइल की स्क्रीन पर। कभी बैठे हुए किसी की आलोचना शुरू कर देते।
तकरीबन पंद्रह से बीस मिनट तक उनकी गतिविधि को गौर से देखता रहा कि यदि हुनरमंद आदमी खाली बैठे तो फिर कैसे वाइब्रेशन रिलीज करते हैं ? यह अनेक बार आजमाया हुआ सत्य है कि जब आप किसी काम के योग्य हैं और वो काम नहीं करते तो कैसा महसूस होता है। ठीक वैसे ही जैसे कोई शिक्षक यदि विद्यालय में होते हुए भी विद्यार्थियों को नहीं पढ़ाता , कोई डाॅक्टर अस्पताल में रहते हुए भी मरीज का उपचार नहीं करता।
कोई चित्रकार अपने सुंदर चित्र नहीं बनाता, कोई लेखक समाजोपयोगी लिख सकता है किंतु वह नहीं लिखता। कोई धावक तेज दौड़ सकता है लेकिन वह नहीं दौड़ता। कोई गायक मधुर गायन कर सकता है किंतु वह नहीं करता। कोई खिलाड़ी खाली बैठा है, कोई अभिनेता अभिनय करने से बचे। कोई सैनिक बहादुर होते हुए भी युद्ध से कतराए। कोई संगीतकार अपने संगीत के साज में हाथ ही न लगाए। दरअसल यह सूची अत्यंत लंबी है।
सूत्र यह है कि आप जिस कार्य के लिए बने हैं, जिसमें सिद्धि प्राप्त की है उसको यदि नहीं करेंगे तो नकारात्मक विकिरण छोड़ने लगेगें। इसलिए यथासंभव हम सभी को अपने निर्धारित कार्य में रम जाना चाहिए। ईश्वरीय वरदान मानकर।
शुभ मंगल
# कार्य सूत्र